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बिहार: नीतीश सरकार का नया नियम, सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

By अनुराग आनंद | Updated: February 3, 2021 08:33 IST

बिहार सरकार ने युवाओं के भविष्य को लेकर एक नया नियम बनाया है। सरकार ने कहा कि विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।

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ठळक मुद्देबिहार जारी आदेश में सड़क जाम करने वालों को सरकारी नौकरी और सरकारी ठेके से वंचित रखने का प्रावधान किया गया है।नीतीश कुमार सरकार के इस ऐलान से प्रदेश के सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं में नाराजगी है।

पटना: किसी भी देश का लोकतंत्र वहां रहने वाले लोगों को अपनी बात रखने और सरकार की खामियों पर विचार प्रकट करने का अधिकार देता है। लेकिन, बिहार सरकार ने अब सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे नौजवानों को चुप कराने के लिए नया नियम बना दिया है।

बिहार सरकार ने फरमान जारी कर कहा है कि उन युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी जो सरकार के किसी फैसले के खिलाफ प्रदर्शन का आयोजन करते हैं या उसमें शामिल होते हैं।

प्रदर्शन करने या सड़क जाम करने वालों को सरकारी नौकरी और सरकारी ठेके नहीं-

सरकार की तरफ से जारी आदेश में सड़क जाम करने वालों को सरकारी नौकरी और सरकारी ठेके से वंचित रखने का प्रावधान किया गया है।

सरकार की तरफ से जारी आदेश के तहत, ' यदि कोई व्यक्ति विधि-व्यवस्था की स्थिति,विरोध प्रदर्शन, सड़क जाम इत्यादि मामलों में संलिप्त होकर किसी आपराधिक कृत्य में शामिल होता है और उसे इस कार्य के लिए पुलिस के द्वारा आरोप पत्रित किया जाता है तो उनके संबंध में चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में विशिष्ट एवं स्पष्ट रूप से प्रविष्टि की जाय। ऐसे व्यक्तियों को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना होगा क्योंकि उनमें सरकारी नौकरी/सरकारी ठेके आदि नहीं मिल पायेंगे।'

बिहार सरकार के इस आदेश के बाद विवाद बढ़ने की संभावना है-

बिहार सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पुलिस द्वारा किसी भी व्यक्ति के संबंध में समर्पित सत्यापन प्रतिवेदन अत्यन्त ही संवेदनशील दस्तावेज है। इसे बिना अनावश्यक विलंब के आवेदक को परेशान किये बैगेर सही-सही तैयार किया जाना आवश्यक है। सरकार की तरफ से जारी इस आदेश के बाद विवाद बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

नीतीश कुमार सरकार के इस ऐलान पर विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने किया हमला-

नीतीश कुमार सरकार के इस ऐलान से प्रदेश के छात्रों में काफी नाराजगी है। वहीं, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी इस फैसले को छात्रों के भविष्य से मजाक वाला बताया है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते हैं अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे। बेचारे 40 सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे हैं? 

टॅग्स :बिहारसरकारी नौकरीनीतीश कुमारतेजस्वी यादव
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