Bihar Floor Test Big News LIVE: नीतीश सरकार के विश्वासमत से पहले जदयू ने दिया भोज पार्टी, 45 में से 6 विधायक नहीं पहुंचे!, क्या बिहार में हो गया खेला!
By एस पी सिन्हा | Published: February 10, 2024 03:58 PM2024-02-10T15:58:02+5:302024-02-10T16:00:26+5:30
Bihar Floor Test Big News LIVE: जदयू के 45 विधायकों में से करीब 6 विधायकों को छोड़ शेष सभी पहुंचे थे। इनमें डॉ. संजीव, गोपाल मंडल, बीमा भारती, सुदर्शन, गुंजेश्वर साह और शालिनी मिश्र भी शामिल हैं।
Bihar Floor Test Big News LIVE: बिहार विधानसभा में 12 फरवरी को नीतीश सरकार के होने वाले विश्वासमत से पहले लगातार खेला होने की बातें जोर-शोर से की जा रही हैं। ऐसे में सभी पार्टियों द्वारा अपने विधायकों पर सख्ती से नजर रखी जा रही है। इसी बहाने शनिवार को नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने लंच पॉलिटिक्स की शुरुआत की और मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर भोज का आयोजन किया गया, जहां सभी विधायकों का जुटान हुआ। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जदयू के 45 विधायकों में से करीब 6 विधायकों को छोड़ शेष सभी पहुंचे थे। इनमें डॉ. संजीव, गोपाल मंडल, बीमा भारती, सुदर्शन, गुंजेश्वर साह और शालिनी मिश्र भी शामिल हैं। जिसको लेकर सियासी कयासबाजी तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि जदयू विधायक डॉ. संजीव बिहार से बाहर हैं।
वहीं, विधायक गुंजेश्वर साह बीमार हैं। इसके साथ ही जदयू की विधायक शालिनी मिश्रा को भी बिहार से बाहर बताया जा रहा है। जदयू विधायक वीणा कामत जब भोज से निकली तो उन्होंने कहा कि कल सभी लोग आ जाएंगे, फोन से बात हो चुकी है। वहीं, विधायक राजकुमार सिंह ने कहा कि जदयू पूरी तरह एकजुट है और तमाम विधायक पार्टी के साथ हैं।
हमारे नेता का जो आदेश होगा, उसका हम लोग पालन करेंगे। विधानसभा में आसानी से हम लोग बहुमत हासिल कर लेंगे। राजद के लोग अफवाह फैलाने का काम कर रहे हैं। हालांकि, सूत्रों की मानें तो पार्टी की ओर से फोन जाने पर कई विधायकों ने नाराजगी जाहिर की है। कई विधायकों ने यहां कह कह दिया कि आप अधिकारियों से सदन में वोट करा लीजिए हमारी आपको जरूरत क्या है?
उल्लेखनीय है कि विश्वासमत से पहले एनडीए और महागठबंधन के विधायकों को एकजुट करने की बड़ी चुनौती सभी दलों के सामने आ खड़ी हुई है। विश्वासमत से पहले बिहार में बड़ा 'खेला' होने की बातें कही जा रही हैं। लिहाजा सियासत चरम पर है।
नीतीश सरकार के विश्वासमत से पहले गर्मायी सियासत, भाकपा-माले के विधायकों ने मांझी पर डाले डोरे
बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार 12 फरवरी को विश्वासमत हासिल करेगी। लेकिन विश्वासमत के पहले ही राज्य में सियासी समीकरणों को साधने में एनडीए और महागठबंधन लगा हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को लेकर कई तरह की कयासबाजियों का दौर जारी है। इस बीच राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी लालू प्रसाद यादव पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं।
लालू ने भाकपा- माले के दो विधायकों को अपना दूत बनाकर जीतन राम मांझी को मनाने के लिए भेजा। शनिवार सुबह भाकपा-माले विधायक महबूब आलम और सत्यदेव राम पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से मिलने उनके आवास पहुंचे। दोनों के बीच हुई इस मुलाकात से फिर से मांझी के एनडीए से अलग होने की कयासबाजी पर चर्चा शुरू हो गई है।
इसके बाद महबूब आलम ने भी मांझी के खेला करने पर बड़ा संकेत दिया। मांझी से मुलाकात के बाद महबूब आलम ने कहा कि यह कोई राजनीतिक मुलाकात नहीं है। मांझी हमारे गार्जियन हैं। वे स्वस्थ और तंदुरुस्त हैं और अच्छा खेल दिखाएंगे। हालांकि उन्होंने साफ किया कि जीतनराम मांझी कोई वैसा खेल नहीं दिखाएंगे बल्कि हम लोगों की यह एक सामान्य मुलाकात है।
उन्होंने कहा कि हमलोग जोड़तोड़ वाली राजनीति नहीं करते हैं। हम सिर्फ यहां उनके स्वास्थ्य का हालचाल जानने आए थे और इससे ज्यादा कुछ नहीं है। आलम ने कहा कि हम लोगों ने एक साथ चाय पी और उनके स्वास्थ्य का हाल जाना। इसके आगे कोई राजनीतिक गप नहीं हुई है। वहीं, माले विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि जीतन राम मांझी गरीबों का सवाल उठाते रहे हैं।
हम लोग उनसे आग्रह करने आए थे कि आगे भी वे गरीबों के मुद्दों को उठाते रहें। मांझी हमारे गार्जियन है, उनसे मुलाकात नहीं कर सकते हैं क्या? उल्लेखनीय है कि विश्वासमत से ठीक 2 दिनों पहले जीतन राम मांझी और महबूब आलम की इस मुलाकात के बाद बिहार की सियासत में कई किस्म की चर्चा होने लगी है।
मांझी की पार्टी हम के पास फिलहाल 4 विधायक हैं। वहीं मांझी ने बीते दिनों सिर्फ एक विभाग मिलने को लेकर भी बयान दिया था था कि एक रोटी से पेट भरता है क्या? हालांकि उनके बेटे और बिहार सरकार में मंत्री संतोष सुमन ने साफ कहा कि वे किसी अन्य मंत्री पद को पाने के लिए नीतीश कुमार पर कोई दबाव नहीं बनाएंगे।