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बिहार चुनावः सीएम नीतीश से मिले जीतन राम मांझी, कांग्रेस और राजद विधायकों को दिया ऑफर, मुख्यमंत्री रह चुका हूं, दूसरा मंत्री नहीं बनूंगा

By एस पी सिन्हा | Updated: November 12, 2020 18:30 IST

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी और पार्टी के अन्य विधायकों ने बिहार के सीएम और जदयू नेता नीतीश कुमार से मुलाकात की।

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ठळक मुद्देकांग्रेस-राजद के विधायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ आ जाएं और सरकार बनाने में कांग्रेस भी सहयोग करें.कांग्रेस और राजद के विधायकों की बातों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तरजीह देंगे. कांग्रेस के विधायक एनडीए के साथ आ जाए. हमलोगों के साथ आकर एनडीए को मजबूत करें. नीतीश कुमार सबके नेता है.

पटनाः कांग्रेस में कलह के बाद हम पार्टी प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कांग्रेस और राजद के विधायकों को ऑफर दे दिया हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस-राजद के विधायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ आ जाएं और सरकार बनाने में कांग्रेस भी सहयोग करें.

कांग्रेस की जो नीति है, उससे नीतीश कुमार बहुत दूर नहीं हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राजद के विधायकों की बातों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तरजीह देंगे. उनकी विचारधारा भी नीतीश कुमार के साथ मिलती है. मांझी ने कहा कि हम चाहते हैं कि कांग्रेस के विधायक एनडीए के साथ आ जाए. हमलोगों के साथ आकर एनडीए को मजबूत करें. नीतीश कुमार सबके नेता है.

बहुत ऐसे मुद्दे हैं, जो राज्य हित में नहीं है

जहां पर नीतीश हैं वहां पर विकास है. बहुत ऐसे मुद्दे हैं, जो राज्य हित में नहीं है, उसे नीतीश कुमार ने नकारने का काम किया है. वहीं मांझी ने राजद पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव में टिकट बेचे गए. उन्होंने कहा कि स्व. रघुवंश बाबू भी राजद की नीतियों से परेशान होकर पार्टी छोड़ दी थी.

मांझी ने कहा कि कांग्रेस और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विचारधारा भी लगभग एक ही है. बिहार में सरकार गठन से पहले जीतन राम मांझी ने कांग्रेस विधायकों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ आने का ऑफर देने से राजनीति गर्मा गई है. बता दें कि हम के विधायकों के साथ जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की.

मैं पहले मुख्यमंत्री रह चुका हूं मैं मंत्री पद स्वीकार्य नहीं करूंगा

जीतन राम मांझी ने मंत्री पद के सवाल पर कहा कि मैं पहले मुख्यमंत्री रह चुका हूं मैं मंत्री पद स्वीकार्य नहीं करूंगा. पहले कुछ लोगों ने ऐसा किया है कि वो मुख्यमंत्री के बाद मंत्री के पद पर रहे हैं. लेकिन मैं ऐसा नहीं करुंगा. हमारी पार्टी के किसी एक नेता को मंत्री पद दिया जाए. शपथ ग्रहण को लेकर जीतन राम मांझी ने कहा कि इसका फैसला मुख्यमंत्री ही करेंगे.

वहीं, सूत्रों के अनुसार बिहार चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में असंतोष की भी खबरें हैं. पूर्व सांसद व कांग्रेस नेता तारिक अनवर नेता ने जहां कांग्रेस में बदलाव की मांग की है, वहीं सांसद अखिलेश सिंह ने कहा है कि हार की जिम्मेदारी सबको लेनी होगी. महागठबंधन बिहार में एनडीए को सत्ता से बेदखल करने में विफल तो जरूर रहा, लेकिन लगभग बराबर वोट शेयर के साथ इस लड़ाई को खत्म किया.

महागठबंधन के हिस्से में जहां 37.23 प्रतिशत वोट आए, वहीं 37.26 प्रतिशत मतों के साथ एनडीए की सरकार बनने जा रही है. दोनों में वोटों का अंतर देखें तो यह 0.03 फीसदी है. बता दें बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच हुए कडे मुकाबले में 125 सीटों साथ एनडीए को बहुमत मिला है. इस बार बिहार में कुल तीन चरणों में यह पूरा चुनाव हुआ, जिसके नतीजे 10 नवंबर को घोषित किए गए.

टॅग्स :बिहार विधान सभा चुनाव 2020पटनानीतीश कुमारजीतन राम मांझीकांग्रेसराष्ट्रीय रक्षा अकादमीतेजस्वी यादवआरजेडीभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)मुकेश सहनी
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