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Bihar Elections 2025: मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा- आयोग का लक्ष्य बिहार में निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण चुनाव कराए जाएं, मतदाता बुथ तक ले जा सकेंगे मोबाइल फोन

By एस पी सिन्हा | Updated: October 5, 2025 16:12 IST

प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिहार के बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) की सराहना की। उन्होंने कहा कि बिहार के 90,217 बूथ लेवल ऑफिसर हमारे लोकतंत्र की रीढ़ हैं।

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पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग की संयुक्त टीम के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस वार्ता कर सबसे पहले बिहार में मतदाता पुनरीक्षण के कार्य को पूरा करने वाले 9 हजार से अधिक बीएलओ का आभार जताया और उन्हें सम्मानित किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग की टीम राजधानी पटना में मैराथन बैठक करके चुनावी तैयारियों की समीक्षा की है। ज्ञानेश कुमार ने भोजपुरी में बिहार के मतदाताओं का अभिनंदन किया। 

उन्होंने मुस्कुराते हुए भोजपुरी में कहा कि "सभी के कोटि-कोटि आभार जतावत बानी।” इसके बाद मैथिली में भी मतदाताओं का अभिवादन करते हुए कहा कि सभी का अभिवादन करै छी।” उन्होंने कहा कि जैसे हम महापर्व छठ को आस्था और उत्सव की तरह मनाते हैं, उसी तरह लोकतंत्र के महापर्व को भी मनाएं, अपना भागीदारी पक्का करीं, जिम्मेदारी निभाईं और वोट जरूर करीं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिहार के बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) की सराहना की। उन्होंने कहा कि बिहार के 90,217 बूथ लेवल ऑफिसर हमारे लोकतंत्र की रीढ़ हैं। इन्होंने जिस लगन से मतदाता सूची को अपडेट किया है, वह पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है। ज्ञानेश कुमार ने राज्य में चुनावी तैयारियों की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि आयोग का लक्ष्य है कि बिहार में निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण चुनाव कराए जाएं। 

उन्होंने एसआईआर को बिहार में सफल बताया और पूरे देश में कराने की बात कही।  उन्होंने बताया कि बिहार में कुल 90 हजार बूथ रहेंगे और सभी पोलिंग बूथों पर 100 फीसदी वेब कास्टिंग की जाएगी। बिहार 100 फीसदी वेब कास्टिंग करने वाला पहला राज्य बनेगा। जिससे सीरियल नंबर और ब्लैक एंड व्हाइट फोटो से आने वाली परेशानी खत्म होगी। सीरियल नंबर का फोंट बड़ा होगा और प्रत्याशियों का फोटो भी कलर होगा। 

ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, और उससे पहले सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएंगी। उन्होंने कहा कि चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले राज्य के सभी जिलों में प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जा चुकी है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि आयोग के वरिष्ठ अधिकारी पहले ही बिहार के सभी जिलों का दौरा कर चुके हैं। 

उन्होंने कहा खी हमारी बैठकें डीएम, एसपी, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, स्टेट नोडल पुलिस ऑफिसर और सीआरपीएफ के नोडल अधिकारियों के साथ हो चुकी हैं। इसके अलावा बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी से भी विस्तृत चर्चा की गई है ताकि चुनाव के दौरान सुरक्षा और निष्पक्षता पर कोई प्रश्न न उठे। 

वहीं, बिहार में चुनाव से जुड़ी जानकारियां देते हुए ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार विधान सभा चुनाव 2025 से पूरे देश में ये नया बदलाव लागू होगा। उन्होंने कहा कि बहुत से मतदाताओं की शिकायत रहती थी कि उनको बूथ के अंदर मोबाइल रखने की इजाजत नहीं होती है, लेकिन अब बिहार विधानसभा के आगामी चुनाव में वोटर अपना मोबाइल बूथ के अंदर ले जा सकेंगे। बूथ के अंदर वोटिंग से पहले मोबाइल रखने की व्यवस्था रहेगी। 

उन्होंने कहा कि बीएलओ जब मतदाता के पास जाए तो मतदाता उन्हें अच्छे से पहचान पाए, इसके लिए उनके लिए भी आईडी कार्ड शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब बिहार के अलावा देश के किसी भी बूथ पर 1200 से ज्यादा वोटर नहीं होंगे। 

ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार में वन स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म भी बिहार में लागू कराया जाएगा। बूथ से 100 मीटर की दूरी से हर प्रत्याशी अपने एजेंट को लगा सकते हैं। वहीं, ईवीएम पर जो बैलेट पेपर होते हैं वो ब्लैक एंड व्हाइट होती थी। इससे पहचान में दिक्कत होती है। इसलिए बिहार के चुनाव से अब सीरियल नंबर का फॉन्ट और उम्मीदवारों की रंगीन फोटो होगा। 

उन्होंने कहा कि पहली बार बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) की ट्रेनिंग हुई। दिल्ली में 700 बीएलओ का प्रशिक्षण संपन्न हुआ। एक बूथ पर 1200 से ज्यादा वोटर नहीं होंगे। मतदान के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। मतदाताओं को दी जाने वाली मतदाता पर्ची बूथ की संख्या बड़े अक्षरों में होगी, जिससे बूथ ढूंढना आसान होगा। वोटर आईडी कार्ड में वोटर आईडी नंबर बड़ा होगा। 

उन्होंने बताया कि मतदाता सूची बनाने की जिम्मेदारी ईआरओ की होती है। बिहार के 243 ईआरओ ने मिलकर मतदाता शुद्धिकरण का काम किया। अगर किसी का नाम मतदाता सूची में नाम न आ पाए तो इसके लिए डीएम की अपील होती है। 

ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार के चुनाव में जो प्रत्याशी खड़े हों वो अपने बूथों पर अपने पोलिंग एजेंट जरूर नामित करें। जिन लोगों के पास घर नहीं होते, तो या तो आस पास के घर का नंबर दिया जाता है या शून्य लिखा जाता है। इसमें विचलित होने की बात नहीं। बिहार एक में 1 लाख 60 हजार से ज्यादा पोलिंग एजेंट राजनीतिक दलों में नामित किए हैं। 

ज्ञानेश कुमार ने कहा कि सुनने में आता था कि मतदाता पहचान पत्र मिलने में देरी होती थी। लेकिन अब चुनाव आयोग ने ऐसी व्यवस्था की है कि मतदाता को 15 दिन के अंदर उनका मतदाता पहचान पत्र मिल जाएगा। बिहार में इस बार मतों की गिनती भी नए सिस्टम से, ईवीएम की काउंटिंग में अगर कोई भी मिसमैच होगा तो ऐसी सभी वीवीपैट की गिनती होगी। इसी तरह से पोस्टल बैलेट की गिनती भी ईवीएम के आखिरी दो राउंड से पहले पूरा करना अनिवार्य होगा। इसके बाद ही आखिरी दो राउंड के ईवीएम की गिनती होगी।

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