बिहार चुनाव परिणामः जीतन राम, मुकेश साहनी और एआईएमआईएम पर डाले जा रहे डोरे, महागठबंधन दल के नेता मिशन में जुटे
By एस पी सिन्हा | Published: November 12, 2020 02:47 PM2020-11-12T14:47:43+5:302020-11-12T19:08:02+5:30
राजद के नेतृत्व को अभी भी लग रहा है कि चुनाव में पिछ्ड़ जाने के बाद भी अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है. दिवाली के बाद भले ही एनडीए में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, लेकिन एनडीए में भी नई जंग तभी देखने को मिलेगी.
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को जहां 125 सीटें मिलने के साथ पूर्ण बहुमत मिली हैं, वहीं महागठबंधन को 110 सीटें प्राप्त हुई है. ऐसे में महागठबंधन 15 सीटों से एनडीए से पीछे रह गई.
हालांकि इस बीच राजद ने सत्ता बनाने की उम्मीद नहीं छोड़ी है. राजद को अब भाजपा के अगले कदम का इंतजार है. राजद के नेतृत्व को अभी भी लग रहा है कि चुनाव में पिछ्ड़ जाने के बाद भी अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है. दिवाली के बाद भले ही एनडीए में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, लेकिन एनडीए में भी नई जंग तभी देखने को मिलेगी.
महागठबंधन को एनडीए के दो सहयोगियों और एआईएमआईएम (5 सीट) की जरूरत होगी
सूत्रों के मुताबिक, राजद ने अभी हार नहीं मानी है और वह तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने का सपना देख रही है. इसके लिए राजद अपने पूर्व के दो साथियों से संपर्क साधने की कोशिश में है, जो फिलहाल एनडीए के साथ हैं. सरकार बनाने के लिए महागठबंधन को एनडीए के दो सहयोगियों और एआईएमआईएम (5 सीट) की जरूरत होगी, जिसके वह जुगाड़ में लगा है.
मुकेश सहनी की विकासशील पार्टी (वीआईपी) और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने चुनाव में 4-4 सीट जीती हैं. दोनों ही पार्टियां चुनाव से ठीक पहले एनडीए में शामिल हो गई थीं. वहीं असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम को 5 सीटें मिली हैं. इस तरह तीनों को जोड़कर राजद बहुमत पाना चाहती है.
राजद के एक सूत्र ने कहा कि कोशिश करने में कोई नुकसान नहीं
राजद के एक सूत्र ने कहा कि कोशिश करने में कोई नुकसान नहीं है. बताया गया कि वीआईपी और हम को अच्छी डील देने की कोशिश हुई. वहीं एआईएमाआईएम को उनके साथ मिलने में कोई परेशानी नहीं है. सूत्र ने यह भी माना कि फिलहाल पार्टियों की तरफ से उन्हें कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है.
कहा गया है कि मुकेश सहनी को उप मुख्यमंत्री का पद चाहिए जो राजद उन्हें देने पर राजी भी हो सकती है. हम पार्टी ने भी ऑफर की जानकारी दी. उन्हें भी उप मुख्यमंत्री और मंत्रिपद का ऑफर दिया गया था, लेकिन पार्टी ने फिलहाल एनडीए के साथ ही रहने का मन बनाया है.
एनडीए की सरकार बने, राजद ने नीतीश कुमार पर तीखे प्रहार शुरू कर दिए
इससे पहले कि एनडीए की सरकार बने, राजद ने नीतीश कुमार पर तीखे प्रहार शुरू कर दिए हैं. राजद के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने तो यहां तक कह दिया है कि भाजपा नीतीश कुमार की लगातार उपेक्षा करती आ रही है और नीतीश कुमार ने भी सत्ता के लालच में अपने स्वाभिमान को ताक पर रख दिया है.
हालांकि, नीतीश कुमार स्वाभिमानी आदमी हैं, इसलिए वो ज्यादा दिन भाजपा को झेल नहीं पाएंगे. सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार के लिए सत्ता की चाबी प्राप्त करना भी आसान नहीं होगा. सहयोगी दलों की परेशानी अभी से ही बढ गई है. सियासत में संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि चुनाव के नतीजे आने के बाद राजद खेमों में चुप्पी का माहौल छाया हुआ है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आज अपने विधायक दल की बैठक में आगे की रणनीति पर मंत्रणा करते रहे.