Bihar Election 2025: ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने किया विधानसभा चुनाव के दौरान हर सीट पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान
By एस पी सिन्हा | Updated: September 13, 2025 15:51 IST2025-09-13T15:51:06+5:302025-09-13T15:51:06+5:30
इस बीच ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी विधानसभा चुनाव में दस्तक देने का ऐलान कर सियासत को दिलचस्प बना दिया है। शंकराचार्य ने बिहार विधानसभा की हर सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया है।

Bihar Election 2025: ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने किया विधानसभा चुनाव के दौरान हर सीट पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान
पटना:बिहार विधानसभा चुनाव में एक ओर जहां भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए मैदान में उतरने को तैयार है, वहीं दूसरी ओर राजद के नेतृत्व वाला 'इंडिया' अलायंस भी ताल ठोककर मैदान में उतरने जा रहा है। इस बीच ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी विधानसभा चुनाव में दस्तक देने का ऐलान कर सियासत को दिलचस्प बना दिया है। शंकराचार्य ने बिहार विधानसभा की हर सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया है। शंकराचार्य के द्वारा विधानसभा चुनाव में उतारने के ऐलान के बाद सियासत गर्मा गई है।
वहीं, शंकराचार्य के बयान पर भाजपा ने कहा कि कौन क्या कहता है, इस पर भाजपा काम नहीं करती। भाजपा प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि भाजपा ने 500 वर्ष बाद राम मंदिर का निर्माण कराया। सनातन की अगर कोई रक्षा कर सकता है तो वह भाजपा ही कर सकती है। सीतामढ़ी में भव्य जानकी मंदिर का निर्माण भी हो रहा है। रही बात चुनाव लड़ने की तो चुनाव सभी लोग लड़ते हैं। लेकिन बिहार में एक बार फिर से एनडीए की सरकार आने वाली है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में 225 सीट के साथ एनडीए की वापसी होगी।
वहीं, जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि शंकराचार्य ने जो भी कहा है यह उनकी निजी राय हो सकती है। चुनाव लड़ने का सबका अधिकार है, जहां तक बिहार की बात है बिहार की जनता काम पर वोट करेगी। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के किए गए कार्यों पर वोट करेंगे। सभी को अधिकार है चुनाव लड़े जनता तय करेगी कि उनका क्या वजूद है? जबकि, राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि बिहार की जनता के मूल्य मुद्दे हैं पढ़ाई लिखाई दवाई कमाई। अब बिहार की राजनीति में भावनात्मक मुद्दों के आधार पर किसी को वोट मिलने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि जनता के सवाल है बेरोजगारी, महंगाई इन सभी मुद्दों पर वोट मिलेगा। अब भावनात्मक नारे भावनात्मक मुद्दे बिहार की राजनीति में चलने वाला नहीं है, इस आधार पर जो भी राजनीतिक करेगा उसकी राजनीति की दुकानदारी बंद हो जाएंगे। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि छद्म सनातनी और अपने आप को हिंदू बताने वाले भाजपा के नेताओं को शंकराचार्य महोदय का ये कड़ा संदेश है।
यह उन्होंने इसलिए कहा है कि भाजपा गोवंश की रक्षा के नाम और चुनाव में वोट मांगती है और चुनाव के बाद देश को सबसे बड़ा बीफ निर्यातक बना देती है। ऐसे में जो वास्तविक सनातन है और उन्हें दर्द होगा। भाजपा के लोग पूरी तरीके से देश में सांप्रदायिक जन्म देता है और हिंदुओं की आस्था को ठोस पहुंचते हैं।