बिहार स्कूल ड्रॉपआउट दर घटकर 1 प्रतिशत?, मंत्री सुनील कुमार ने कहा-हर प्रखंड में मॉडल स्कूल, मिड-डे मील योजना पर फोकस और रसोइयां दीदियों के मानदेय में बढ़ोतरी

By एस पी सिन्हा | Updated: December 29, 2025 14:58 IST2025-12-29T14:56:54+5:302025-12-29T14:58:13+5:30

Bihar Education: वर्ष 2025-26 के बजट में शिक्षा के लिए 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है, जो राज्य के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि है।

Bihar Education School dropout rate down 1 percent Minister Sunil Kumar said one model school in every block focus mid-day meal scheme increase honorarium of cooks | बिहार स्कूल ड्रॉपआउट दर घटकर 1 प्रतिशत?, मंत्री सुनील कुमार ने कहा-हर प्रखंड में मॉडल स्कूल, मिड-डे मील योजना पर फोकस और रसोइयां दीदियों के मानदेय में बढ़ोतरी

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Highlightsसुनील कुमार ने कहा कि भविष्य में भी राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा के क्षेत्र में रिसर्च और स्किल डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।छात्र-छात्राओं का भविष्य उज्ज्वल बनाया जा सके।

पटनाः बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि स्कूल ड्रॉपआउट दर घटकर 1 प्रतिशत पर आ गई है। सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता कर उन्होंने विभाग से जुड़े कई अहम मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए सुनील कुमार ने कहा कि उन्हें राज्य की बागडोर न्याय के साथ विकास के संकल्प के साथ सौंपी गई है। मुख्यमंत्री ने हमेशा शिक्षा विभाग को आगे बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025-26 के बजट में शिक्षा के लिए 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है, जो राज्य के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि है।

सुनील कुमार ने कहा कि भविष्य में भी राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। अब शिक्षा के क्षेत्र में रिसर्च और स्किल डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि छात्र-छात्राओं का भविष्य उज्ज्वल बनाया जा सके। हाल ही में कैबिनेट द्वारा पारित ‘सात निश्चय-3’ में शिक्षा को विशेष प्राथमिकता दी गई है। इसके तहत हर प्रखंड में एक मॉडल स्कूल की स्थापना की जाएगी।

साथ ही डिग्री कॉलेजों और पुराने शैक्षणिक संस्थानों को हाईटेक बनाने पर भी फोकस किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले राज्य में शिक्षकों की भारी कमी थी, लेकिन आज शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों की संख्या बढ़कर 2 लाख 27 हजार से अधिक हो चुकी है। बड़े पैमाने पर नियुक्तियां की गई हैं और टीआरई-4 के तहत आगे भी बहाली की जाएगी।

उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति योजना के तहत 4663 टीपीटी के माध्यम से राशि सीधे छात्रों के खातों में भेजी जा चुकी है। स्कूल ड्रॉपआउट दर घटकर 1 प्रतिशत पर आ गई है। मिड-डे मील योजना पर भी सरकार का विशेष फोकस है और रसोइया दीदियों के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। बालिकाओं की शिक्षा को लेकर भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

सुनील कुमार ने बताया कि बड़ी संख्या में नए शिक्षकों की नियुक्ति के बाद उनके प्रशिक्षण पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए वर्कशॉप और ट्रेनिंग-लर्निंग प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। राज्य में मॉडर्न एजुकेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। स्मार्ट क्लासरूम बनाए गए हैं, शिक्षकों को टैबलेट की सुविधा दी जा रही है और बाइलिंगुअल किताबें उपलब्ध कराई जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि बच्चों को किताबें और स्कूल किट समय पर मिलें। अब तक 1 करोड़ 19 लाख बच्चों को पाठ्य पुस्तकें पहुंचाई जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में उच्च शिक्षा पर भी सरकार का विशेष फोकस रहेगा। कुछ विश्वविद्यालयों में सेशन लेट चल रहे थे, जिनमें अब सुधार हुआ है।

सुनील कुमार ने बताया कि मैट्रिक और इंटरमीडिएट के परिणाम बेहतर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो शिक्षक या कर्मी लापरवाही करते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। अंत में मंत्री ने कहा कि सरकार एक प्रगतिशील और विकसित बिहार के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रही है और ‘सात निश्चय-3’ के सभी उद्देश्यों को आने वाले समय में पूरा किया जाएगा।

उन्होंने स्पष्ट किया है कि शिक्षक नियुक्ति परीक्षा टीआरई-4 को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से 15 से 20 जनवरी के बीच बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) को औपचारिक सूचना भेज दी जाएगी। इसके बाद आयोग की ओर से बहाली की आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ऐसे में लंबे समय से टीआरई-4 की अधिसूचना का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों को अब राहत मिलने की संभावना है।

मंत्री ने कहा कि विभाग स्तर पर सभी आवश्यक तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं और तय समयसीमा के भीतर बीपीएससी को अधिसूचना भेज दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अनुकंपा के आधार पर भी 5,000 से अधिक शिक्षकों की बहाली की जाएगी। यह नियुक्तियां उन परिवारों के लिए राहत लेकर आएंगी, जिनके आश्रित किसी कारणवश नौकरी से वंचित रह गए थे।

मंत्री ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया भी पारदर्शी तरीके से पूरी की जाएगी और योग्य अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इससे उन परिवारों को आर्थिक संबल मिलेगा, जो लंबे समय से इस नियुक्ति का इंतजार कर रहे थे।

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