पटना: लोक आस्था के महापर्व छठ के दौरान बिहार में अलग-अलग जगहों पर हुए हादसे में करीब एक दर्जन लोगों की मौत हो गई है। पूर्णिया, सहरसा और समस्तीपुर जिले में पानी में डूबने से सात बच्चों की मौत हो गई। सबसे ह्रदयविधारक घटना पूर्णिया जिले में हुई, जहां छठ घाट पर नदी में डूबकर एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत हो गई। गोताखोरों ने बड़ी मशक्कत से तीनों शव को बाहर निकाला। जिसके बाद उनके घर में कोहराम मचा हुआ है।
वहीं, समस्तीपुर में घाट बनाने के दौरान वरना पुल में 2 लोग डूब गये। स्थानीय लोगों की मदद से निकाला गया। इस हादसे के कारण उनके घरों में छठ के दिन मातम पसरा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं, सहरसा जिले में भी जहां छठ घाट की सफाई के दौरान तालाब में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई है। घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। जबकि गोपालगंज में तालाब से एक युवक की लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गयी है। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।
वहीं, सहरसा जिले से दिल दहलाने वाला एक मामला सामने आया है। जहां लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर खरना की उपवास कर रही एक 45 साल की महिला छठव्रती को नाबालिक ने चाकू मारकर मौत के घाट उतार दिया। घटना के बाद से गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक मृतका की पहचान 45 साल की शीला देवी के रूप में हुई है, जो पटोरी वार्ड संख्या दो के रहने वाले नितेश महतो की पत्नी थी। उधर, नवादा के हिसुआ थाना में रसोई गैस सिलेंडर फटने से दो बच्चों समेत पांच लोग घायल हो गए।
बताया जा रहा है कि सभी घायल छठ मनाने के लिए दो वर्ष बाद अपने घर आए थे। घटना आज यानी रविवार को उस वक्त घटी जब नदी में छठ पूजा के संध्या अर्घ्य की तैयारी चल रही थी। इसके साथ ही अन्य जिलों में भी कई तरह की घटनाएं होने की खबरें मिल रही हैं।