बिहार में जहरीली शराब से मौतः तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश को बताया जिम्मेवार, कहा-अवैध शराब के धंधे में मिलीभगत, शीर्ष अधिकारी बर्खास्त क्यों नहीं हुआ?

By एस पी सिन्हा | Updated: November 7, 2021 17:12 IST2021-11-07T17:10:44+5:302021-11-07T17:12:00+5:30

बिहार में पिछले चार दिनों में जहरीली शराब से कम से कम 41 लोगोँ की मौत हो गई है. हालांकि सरकार ने 32 मौत की पुष्टि की है.

bihar Death poisonous liquor Tejashwi Yadav told CM Nitish responsible complicity business why the top officer was not sacked | बिहार में जहरीली शराब से मौतः तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश को बताया जिम्मेवार, कहा-अवैध शराब के धंधे में मिलीभगत, शीर्ष अधिकारी बर्खास्त क्यों नहीं हुआ?

आखिरकार बिहार में मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग तथा पुलिस का कोई भी शीर्ष अधिकारी आज तक बर्खास्त क्यों नहीं हुआ?

Highlightsबिहार के तीन जिलों में लगातार मौत के बाद सरकार पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.विपक्ष जहरीली शराब से होनेवाली मौतों को सरकार की नाकामी बता रही है.तेजस्वी यादव ने जहरीली शराब से मौत मामले को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

पटनाः बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी जहरीली शराब पीने से महज दस दिनों में 50 लोगों की हुई मौत ने सूबे की सियासी पारा गर्म है. विपक्षी दल इसे मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश में लगे हैं. विपक्ष जहरीली शराब से होनेवाली मौतों को सरकार की नाकामी बता रही है.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जहरीली शराब से मौत मामले को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं सत्ता पक्ष भी लगातार विपक्ष पर पलटवार करने में जुटा है. तेजस्वी यादव ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से 15 सवाल पूछा है तो वहीं जदयू ने कहा कि तेजस्वी को खुद पर भरोसा ही नहीं है. तेजस्वी ने कहा है कि बिहार में लोग जहरीली शराब से नहीं मरे हैं बल्कि सरकार ने उनकी हत्या कराई है.

उन्होंने कहा है कि क्या यह सच्चाई नहीं है कि थानों से शराब की बिक्री हो रही है और कमीशन सरकार तक नहीं पहुंच रहा है? क्या यह यथार्थ नहीं है कि शराबबंदी के नाम पर मुख्यमंत्री द्वारा की गई हजारों समीक्षा बैठकों का अभी तक का परिणाम शून्य ही नहीं बल्कि तस्करों को प्रोत्साहित करने वाला ही साबित हुआ है?

इसके साथ ही तेजस्वी ने कहा कि विगत तीन दिनों में शराब माफिया संग मिल बिहार सरकार द्वारा आपूर्ति की गई जहरीली शराब से बिहार में 50 से अधिक लोगों की संस्थागत हत्या हुई है. शोकसंतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं. उन्होंने कहा कि सूबे में लाशों का ढेर लगने के बावजूद शराबबंदी का ढोंग करने वाले संवेदनहीन मुखिया नीतीश कुमार चुप हैं क्योंकि अवैध शराब के धंधे में उनकी मिलीभगत है. नीतीश सरकार की अवैध शराब के कारोबार और तस्करी में सीधी एवं प्रत्यक्ष संलिप्तता है. उन्होंने कहा कि सिपाही और चौकीदार को बर्खास्त करना ही शराबबंदी नहीं है.

आखिरकार बिहार में मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग तथा पुलिस का कोई भी शीर्ष अधिकारी आज तक बर्खास्त क्यों नहीं हुआ? इसका मतलब साफ है कि शीर्ष लोगों की मिलीभगत के बिना कोई शराब नहीं बेच सकता. तेजस्वी ने सवाल पूछा है कि क्या यह सच्चाई नहीं है कि थानों से शराब की बिक्री हो रही है? क्या यह सच नहीं है कि वरिष्ठ अधिकारियों और सत्ताधारी नेताओं तक कमीशन नहीं पहुंच रहा है?

क्या यह सच नहीं है कि कुख्यात शराब माफियाओं की मुख्यमंत्री आवास में सीधी पहुंच है? क्या यह यथार्थ नहीं है कि शराबबंदी के नाम पर मुख्यमंत्री द्वारा की गई हजारों समीक्षा बैठकों का अभी तक का परिणाम शून्य ही नहीं बल्कि तस्करों को प्रोत्साहित करने वाला ही साबित हुआ है. वहीं, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए कहा है कि दिल्ली में बैठकर केवल ट्वीट करते हैं. उन्होंने तेजस्वी को चुनौती दिया है कि अगर उनके पास सबूत है तो वे पेश करें. लेकिन वे प्रवासी हैं. उन्होंने सवाल उठाया है कि तेजस्वी यादव बिहार में क्यों नहीं रहते हैं?

लालू यादव की जब तबियत खराब थी तो उनसे उपचुनाव में प्रचार क्यों कराया? इसका मतलब तो यह है कि तेजस्वी को खुद पर भरोसा नहीं था. उन्होंन कहा कि अपने साथ  पिता की भी फजीहत करा दी. नीरज कुमार ने कहा कि शराबबंदी का सकारात्म नतीजा आया है. महिलाओं की मांग पर शराबबंदी लागू की गई.

उन्होंने कहा कि विपक्ष को यह बताना चाहिए शराबबंदी और सख्त हो इसके लिए सलाह दे. शराबबंदी को लेकर कानून अपना काम कर रहा है. ऐसी घटनाएं अगर हो रही हैं तो दोषी लोगों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई हो रही है और आगे भी होगी. शराबबंदी से लोंगों का जीवन स्तर बदला है. उन्होंने कहा कि विपक्ष का आरोप सही है तो वे इसका प्रमाण दें, सरकार ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी.

लेकिन ये लोग बस आरोप लगाते हैं. सरकार इस मामले में लगातार कार्रवाई रही है. सूबे के नई पीढ़ी की यह मांग है कि राज्य में शराबबंदी लागू होनी चाहिए. उल्लेखनीय है कि बिहार में पिछले चार दिनों में जहरीली शराब से कम से कम 41 लोगोँ की मौत हो गई है. हालांकि सरकार ने 32 मौत की पुष्टि की है. लेकिन सूबे के तीन जिलों में लगातार मौत के बाद सरकार पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.

Web Title: bihar Death poisonous liquor Tejashwi Yadav told CM Nitish responsible complicity business why the top officer was not sacked

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