बिहार में कोविड, मंत्री से लेकर अधिकारी चपेट में, सरकार ने सेना से लगाई मदद की गुहार, आईएएस विजय रंजन की कोरोना से मौत
By एस पी सिन्हा | Updated: April 14, 2021 20:09 IST2021-04-14T20:07:55+5:302021-04-14T20:09:25+5:30
पटना एम्स के कोविड नोडल अधिकारी डाक्टर संजीव ने बताया कि आईएएस विजय रंजन (59) का मंगलवार की प्रातः देहांत हो गया. वह चार दिनों पूर्व पटना एम्स में भर्ती हुए थे.

पटना के सबसे अधिक 1205 नये मरीज हैं.
पटनाः बिहार में कोरोना के कहर के कारण सरकारी चिकित्सा व्यवस्था दम तोड़ गई है. ऐसे में सरकार ने कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए सेना से मदद मांगी है.
सेना से तत्काल 50 डॉक्टरों की मांग की गई है ताकि संक्रमितों का इलाज किया जा सके. राज्य में संक्रमण की रफ्तार काफी तेज है. हालत यह है कि पटना के किसी अस्पताल में कोरोना मरीज के लिए बेड नहीं है. पटना एम्स में बेड कई दिनों पहले से फुल है. वहीं एनएमसीएच में फर्श पर पड़े मरीजों की तस्वीरें हर रोज वायरल हो रही है.
पीएमसीएच की भी यही स्थिति है. पटना के प्राइवेट अस्पतालों में भी कोई बेड खाली नहीं है. इसबीच बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने मीडिया को बताया है कि राज्य सरकार ने सेना से मदद मांगी है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार बिहटा में कोरोना का अस्पताल शुरू करना चाहती है. इसके लिए डॉक्टरों की जरूरत है. लिहाजा सेना से 50 डॉक्टरों की मांग की गई है ताकि 500 बेड के अस्पताल को चालू कराया जा सके. स्वास्थ्य विभाग सभी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए बेड बढ़ाने में जुटा है.
राज्य में रोजाना मिल रहे नए संक्रमितों में एक तिहाई या इससे अधिक अकेले पटना जिले के रहते हैं. कोरोना की तेज लहर ने नीतीश कैबिनेट तक अपनी दस्तक दे दी है. नीतीश कैबिनेट में समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और वह पिछले कुछ दिनों से अपने घर में ही आइसोलेट है. फिलहाल वह अपने सरकारी आवास पर ही रह रहे हैं और डॉक्टरों की निगरानी में है. इस बीच सीआईडी के इंस्पेक्टर राकेश कुमार की कोरोना से मौत हो गई. वे 2009 बैच के अधिकारी थे.
उधर, गृह विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. ये 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया है. वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ भी संक्रमित हैं. वहीं, कोरोना संक्रमित पूर्व मध्य रेल, मुख्यालय, हाजीपुर के वरिष्ठ लेखा परीक्षक राजेश सिन्हा की हालत गंभीर बनी हुई है.
जबकि पूर्व मध्य रेल, समस्तीपुर के वरिष्ठ मण्डल लेखा परीक्षा दीपक कुमार की भी हालत नाजुक है. वे समस्तीपुर रेल मंडल अस्पताल में भर्ती हैं. पीएमसीएच के प्राचार्य विद्यापति चौधरी भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. इससे पीएमसीएच के भीतर स्वास्थ्यकर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं, कोरोना के बढ़ते कहर के बीच आज पटना में सड़कों पर सैनिटाइजेशन किया गया. नगर निगम के कर्मचारियों ने पटना के मुख्य सड़कों को सैनिटाइज किया. कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार के कारण हालात लगातार खराब होती जा रही है. सरकार तमाम एहतियाती उपाय कर रही है.
संक्रमण रोकने के लिए सख्ती भी की जा रही है. लेकिन संक्रमण का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. संक्रमण की रफ्तार तेज हुई है तो रिकवरी रेट में गिरावट आई है. सात दिनों के दौरान यह गिरावट 4.74 फीसद रही है. सात अप्रैल को बिहार में रिकवरी रेट 97.24 फीसद थी, जो वर्तमान में 92.50 फीसद है। इसका बड़ा कारण सक्रिय मामलों का बढ़ना है.
आंकडों के मुताबिक महाराष्ट्र से पलायन कर लौटने वाले प्रवासी भी कोरोना संक्रमण का नया स्ट्रेन लेकर लौट रहे हैं. रेलवे स्टेशनों और एयरपोर्ट पर जांच की व्यवस्था की गई है. इसके नतीजे बता रहे हैं कि हवाई मार्ग से लौटने वालों की तुलना में रेलवे यात्रियों में संक्रमण की दर अधिक है. संक्रमण पर रोकथाम के लिए सरकार ने नई गाइडलाइन के मुताबिक जो सख्तियां शुरू की हैं, उनका भी कोई खास असर नहीं दिख रहा है. बिहार में कोरोना संक्रमण का शिकार होने वाले आधे से अधिक मरीज 25 से 50 साल के बीच के हैं.
15 साल से कम उम्र के बच्चों में पिछली बार संक्रमण की दर एक फीसद है, लेकिन इस बार इस आयु वर्ग के 10 फीसद मरीज मिल रहे हैं. इसको देखते हुए डॉक्टर सभी लोगों को पर्याप्त एहतियात बरतने को कह रहे हैं. बिहार में कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 25 हजार के करीब हो गई है. राज्य में सरकार की ओर से बंदिशें बढाने के बाद भी लोग सजग नहीं हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में सरकार सख्त फैसला ले सकती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा भी था कि स्थिति नहीं संभलने पर सरकार नाइट कर्फ्यू या अन्य उपायों के बारे में सोच सकती है.
महाराष्ट्र सरकार ने ऐसा किया भी है. पटना के बांसघाट विद्युत शवदाह गृह में बीते दिन तक 42 घंटे के दौरान 50 से अधिक शवों का दाह संस्कार किया जा चुका है. दाह संस्कार के लिए आठ से 10 घंटों तक का इंतजार करना पड़ रहा है. पटना नगर निगम ने संक्रमितों के शवों को जलाने के लिए अलग टीम तैनात की है.
पटना में तीन विद्युत शवदाह गृहों में कोरोना संक्रमितों के शवों को जलाने की व्यवस्था है. शवदाह गृह में अस्पताल से सीधे शव पहुंचाए जाने के कारण लोड बढ गया है. पटना नगर निगम, पाटलिपुत्र अंचल, की कार्यपालक पदाधिकारी प्रतिभा सिन्हा का कहना है कि सभी शव बांसघाट पर आने से गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है.
इसबीच, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पर नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा की नीतीश कुमार येन केन प्रकारेण सत्ता में काबिज हो कुंभकर्णी नींद सो जाते है. भाजपाई स्वास्थ्य मंत्री पॉलिटिकल टूरिज्म में व्यस्त है, जो कभी-कभार आराम फरमाने बिहार आते है. जनता भगवान भरोसे जीवन-मरण से संघर्षरत है.
मुख्यमंत्री की नाक नीचे कोरोना के नाम पर बिहार में हजारों करोड़ का लूट हुआ है. उन्होंने कहा की बिहार में एक साल पहले भी मरीज अस्पताल में बेड, ऑक्सिजन, टेस्ट और इलाज के लिए दर-बदर धक्के खा रहे थे और आज भी स्थिति यथावत है. लोक स्वास्थ्य/जन कल्याण नीतीश सरकार की प्राथमिकताओं में आज तक नहीं रहा.
वरना स्वास्थ्य क्षेत्र में नीति आयोग के सूचकांकों में बिहार सबसे नीचे नहीं रहता. तेजस्वी ने कहा की बिहार ऐसी निकम्मी नाकारा सरकार से अभिशप्त है, जिसे अपनी जिम्मेदारियों का बोध ही नहीं है. कोरोना काल के शुरूआती दौर से ही मैंने अस्पतालों की क्षमता बढ़ाने, सुविधाओं को सुदृढ करने व नए अस्पताल बनाने का सुझाव दिया था. मैंने कहा था कोरोना की लड़ाई मैराथन है, पुख़्ता तैयारी करनी होगी.