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कन्हैया कुमार के सहारे बिहार में कांग्रेस, महागठबंधन में तकरार तेज, राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने पहचानने से किया इनकार

By एस पी सिन्हा | Updated: September 29, 2021 18:55 IST

राजद नेता व विधायक भाई वीरेंद्र ने कन्हैया कुमार को पहचानने से इंकार कर दिया है. इसके जवाब में कांग्रेस विधान पार्षद और प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि भाई वीरेंद्र यदि कन्हैया को नहीं पहचानते हैं, तो उन्हें चाय पर बुलाकर पहचान करवाएंगे.

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ठळक मुद्देकांग्रेस में कन्हैया के आने से कांग्रेस के साथ महागठबंधन के दल को भी फायदा होगा.बिहार कांग्रेस के कई नेताओं की राय है कि पार्टी में शामिल हुए कन्हैया कुमार इसमें 'नई ऊर्जा' भर सकते हैं.तेजस्वी यादव बिहार के सबसे बड़ी पार्टी के नेता है.

पटनाः जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार के द्वारा कांग्रेस का दामन थाम लिए जाने के बाद अब बिहार में कांग्रेस की नैया(नाव) को मिल गया है खेवईया.

कांग्रेस अब कन्हैया के सहारे बिहार में अपनी डूबती नैया को किनारे लाने का प्रयास करेगी. कारण कि बिहार कांग्रेस में अभी खेवईया(नाविक) की कमी हो गई है, जिसके सहारे बीच मझदार में फंसी नैया(नाव) को किनारे लगा सके. हालांकि कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने के बाद महागठबंधन में तकरार बढ़ गया है. 

राजद नेता व विधायक भाई वीरेंद्र ने कन्हैया कुमार को पहचानने से इंकार कर दिया है. इसके जवाब में कांग्रेस विधान पार्षद और प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि भाई वीरेंद्र यदि कन्हैया को नहीं पहचानते हैं, तो उन्हें चाय पर बुलाकर पहचान करवाएंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कन्हैया के आने से कांग्रेस के साथ महागठबंधन के दल को भी फायदा होगा.

इसी तरह बिहार कांग्रेस के कई नेताओं की राय है कि पार्टी में शामिल हुए कन्हैया कुमार इसमें 'नई ऊर्जा' भर सकते हैं और 'इसे जड़ता से बाहर निकाल सकते हैं.' प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि कन्हैया जिस तरह से अपनी स्पष्ट बात करते हैं, उससे आने वाले समय में कांग्रेस के साथ महागठबंधन की पार्टी को भी लाभ होगा.

उन्होंने महागठबंधन के नेता पर जवाब देते हुए कहा कि तेजस्वी यादव बिहार के सबसे बड़ी पार्टी के नेता है. यह यथार्थ है. तेजस्वी महागठबंधन के नेता है. राजनीति में ऐसी तूलना नहीं करना चाहिए. वहीं, बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि कन्हैया कुमार एक लोकप्रिय नेता और उत्कृष्ट वक्ता हैं. वह निश्चित रूप से पार्टी में ऊर्जा भरेंगे और इसे जडता से बाहर निकालेंगे.

वह सही मायने में स्टार प्रचारक साबित होंगे. जब उनसे पूछा गया कि क्या कन्हैया को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के विरोध का सामना करना पड सकता है तो  कादरी ने कहा कि कन्हैया को सीधे कांग्रेस आलाकमान द्वारा पार्टी में लाया गया है. इसलिए कोई भी उनकी प्रगति का विरोध नहीं करेगा. कादरी ने कहा कि पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं को पर्याप्त समय दिया है.

उन्होंने कहा कि पार्टी अब एक युवा नेतृत्व में निवेश कर रही है और हमें इसका स्वागत करना चाहिए. उधर, बिहार कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि कन्हैया कुमार को संगठन में कोई प्रमुख स्थान नहीं दिया जा सकता है. सूत्रों के अनुसार कन्हैया जमीन पर काम करने और कांग्रेस कैडर को फिर से जीवंत करने में रुचि रखते हैं. ऊंची जाति के लोगों के अलावा कन्हैया की मुसलमानों, दलितों और युवाओं में व्यापक पैठ है. 

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