लाइव न्यूज़ :

शराब पीने वाले भारतीय नहीं, महापापी और महाअयोग्य हैं: नीतीश कुमार

By विशाल कुमार | Updated: March 31, 2022 11:17 IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ने कहा कि लोग यह जानते हुए भी कि शराब का सेवन हानिकारक है, शराब का सेवन करते हैं और इस प्रकार, वे इसके परिणामों के लिए जिम्मेदार हैं, राज्य सरकार नहीं।

Open in App
ठळक मुद्देबिहार विधानसभा ने निषेध एवं उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया है।राज्य में पहली बार शराबबंदी कानून को कम सख्त बनाया गया है।पहली बार अपराध करने वालों को जुर्माना जमा करने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट से जमानत मिल जाएगी।

पटना: बिहार में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत पर आलोचनाओं का सामना कर रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि शराब पीने वाले लोग महापापी होते हैं और जहरीली शराब पीकर मरने वालों को राहत पहुंचाने की जिम्मेदारी सरकार की नहीं है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जो बापू जी की बात को नहीं मानते हैं... वे हिंदुस्तानी नहीं हैं। वो महापापी और महाअयोग्य हैं. उनके लिए कोई सहानुभूति नहीं है।

उन्होंने कहा कि लोग यह जानते हुए भी कि शराब का सेवन हानिकारक है, शराब का सेवन करते हैं और इस प्रकार, वे इसके परिणामों के लिए जिम्मेदार हैं, राज्य सरकार नहीं। उन्होंने कहा कि यह उनकी गलती है। वे यह जानकर भी शराब का सेवन करते हैं कि यह जहरीली हो सकती है।

कुमार ने आगे कहा कि दुनियाभर में शराब का कितना बुरा असर है। राज्य में शराबबंदी के कारण लोग अब सब्जी खरीद रहे हैं। पहले राज्य में सब्जी का इतना उत्पादन नहीं होता था। जो पहले पैसे शराब पीने में बर्बाद करता था। वो अब पैसा बर्बाद नहीं करेगा और यही सब काम में लाएगा। देखिए उनके घर में कितना अच्छा भोजन होगा। जरा महिलाओं से पूछें।

बता दें कि बिहार विधानसभा ने बुधवार को निषेध एवं उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक, 2022 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया है। इसके तहत राज्य में पहली बार शराबबंदी कानून को कम सख्त बनाया गया है।

संशोधित कानून के अनुसार, पहली बार अपराध करने वालों को जुर्माना जमा करने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट से जमानत मिल जाएगी और यदि अपराधी जुर्माना राशि जमा करने में सक्षम नहीं है तो उसे एक महीने की जेल का सामना करना पड़ सकता है। 

इसके अनुसार, जब किसी को शराबबंदी कानूनों का उल्लंघन करते हुए पुलिस पकड़ेगी तो आरोपी को उस व्यक्ति का नाम बताना होगा जिसने शराब उपलब्ध करवायी।

नीतीश कुमार सरकार ने बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के तहत अप्रैल 2016 में राज्य में शराबबंदी लागू कर दी थी। प्रतिबंध के बाद से बड़ी संख्या में लोग केवल शराब पीने के आरोप में जेलों में बंद हैं। उल्लंघन करने वालों में अधिकांश आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और गरीब लोगों में से हैं।

भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने पिछले साल कहा था कि 2016 में बिहार सरकार के शराबबंदी जैसे फैसलों ने अदालतों पर भारी बोझ डाला है। उन्होंने कहा था कि अदालतों में तीन लाख मामले लंबित हैं। प्रधान न्यायाधीश ने कहा था कि लोग लंबे समय से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं और अब शराब के उल्लंघन से संबंधित अत्यधिक मामले अदालतों पर अतिरिक्त बोझ डाल रहे हैं।

टॅग्स :बिहारनीतीश कुमार
Open in App

संबंधित खबरें

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई

भारतBihar: उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विपक्षी दल राजद को लिया निशाने पर, कहा- बालू माफिया की छाती पर बुलडोजर चलाया जाएगा

भारतबिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान गायब रहे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतIndiGo Flight Cancel: इंडिगो संकट के बीच DGCA का बड़ा फैसला, पायलटों के लिए उड़ान ड्यूटी मानदंडों में दी ढील

भारतरेपो दर में कटौती से घर के लिए कर्ज होगा सस्ता, मांग बढ़ेगी: रियल एस्टेट