पटना: भाजपा से नाता तोड़ कर मंगलवार को विपक्षी पार्टी राजद के साथ हाथ मिलाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि आपने एक आदमी (सुशील मोदी) को यह कहते सुना कि मैं उपराष्ट्रपति बनना चाहता था। क्या मजाक है! यह फर्जी है। मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं थी। क्या वे भूल गए कि हमारी पार्टी ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में उनका कितना समर्थन किया?
कुमार ने ये भी कहा कि वे मेरे खिलाफ बातें करते रहें ताकि उन्हें फिर से पोजिशन मिल जाए। बता दें कि कुमार ने बुधवार को कहा था कि भाजपा को 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए था। नीतीश कुमार ने यह टिप्पणी अपने पूर्व उपमुख्यमंत्री द्वारा खुद पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए की थी।
सुशील के बारे में सवालों के जवाब में उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, "वह एक प्रिय मित्र रहे हैं। उन्हें मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया गया। अगर उन्हें इस पद पर नियुक्त किया गया होता तो चीजें इस स्तर पर नहीं पहुंचतीं।" कुमार यह कहते रहे हैं कि वह 2020 में उनकी पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री बने रहने के मूड में नहीं थे, लेकिन भाजपा के नेताओं के आग्रह पर उन्होंने ऐसा किया। पिछली राजग सरकार में सुशील मोदी के बजाय तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था।