पटनाः बिहार में जदयू और राजद के रिश्ते के बीच खटास लगातार बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ राजद में नाराज लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसबीच नीतीश कुमार के समाधान यात्रा पर तंज कसते हुए शिवानंद तिवारी से सीधे-सीधे कह दिया कि इस यात्रा का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि यहां आम लोगों को अपनी बात कहने का मौका नहीं दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि ऐसी यात्राओं का कार्यक्रम पहले से ही तय होता है। शिवानंद तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री वहीं जाते हैं, जहां अधिकारी उन्हें लेकर जाना चाहते हैं। ऐसी जगहों को ही दिखाया जाता है, जहां बेहतर काम हुआ होता है। मुख्यमंत्री को अधिकारी सबकुछ ठीक ही दिखाते हैं। असली चीज यह होती है, जब आप जनता से सीधे मिलते।
जो जनता है, उनकी जो समस्या है, उनसे आप मिले ही नहीं, उनकी समस्या के बारे में आपको कोई पता ही नहीं चला। आपको लेकर जाकर घूमाया उसी जगह पर, जहां सबकुछ गुड-गुड होता है। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा को उपमुख्यमंत्री बनाने की चर्चा पर शिवानंद तिवारी ने कहा जदयू अकेले इस पर कैसे फैसला ले सकती है।
महागठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी राजद है। सात पार्टियों की साझेदारी है तो उपमुख्यमंत्री पर कोई फैसला अकेले कैसे ले सकता है? उन्होंने कहा जब जदयू और राजद के बीच समझौता हुआ तो तय हुआ कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बनेंगे।
इसके साथ ही हमलोगों ने नीतीश कुमार को महागठबंधन का नेता भी मान लिया। जबकि हम सबसे बड़ी पार्टी हैं, हमारे पास ज्यादा विधायक हैं। तिवारी ने कहा कि कम सीटें होने के बाद हम लोंगों ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया। अब मुख्यमंत्री का पद भी उनके पास रहे और एक उपमुख्यमंत्री भी जदयू का हो।
जबकि बड़ी पार्टी होने के बाद भी हमारे पास सिर्फ उपमुख्यमंत्री का पोस्ट रहे, यह बात कहीं से भी व्यवहारिक नहीं है। इस दौरान साफ कहा कि बिहार कैबिनेट से जुड़े किसी भी फैसले के लिए खुद नीतीश कुमार भी बिना लालू प्रसाद या तेजस्वी यादव से चर्चा के कोई फैसला नहीं ले सकते हैं। फिर उपमुख्यमंत्री बनाने पर जदयू अकेले फैसला लेगी?