बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नए संसद भवन के निर्माण पर उठाया सवाल, कहा- दूसरा संसद भवन बनाने की जरूरत क्या थी?
By एस पी सिन्हा | Published: May 27, 2023 03:27 PM2023-05-27T15:27:05+5:302023-05-27T16:30:33+5:30
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि दूसरा संसद भवन बनाने की जरूरत क्या थी? कल जो दिल्ली में कार्यक्रम हो रहा है वो बेकार कार्यक्रम है।
पटना: संसद के नए भवन के उद्घाटन को लेकर शुरू हुई सियासत थमने का नाम नही ले रही है। विपक्षी दलों के द्वारा उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नए संसद भवन के निर्माण पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि दूसरा संसद भवन बनाने की जरूरत क्या थी? कल जो दिल्ली में कार्यक्रम हो रहा है वो बेकार कार्यक्रम है। उसका कोई मतलब नहीं है। यह लोग इतिहास बदलने की कोशिश कर रहे हैं, पूरा इतिहास बदल देंगे।
संसद भवन के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति को नहीं बुलाने पर निशाना साधते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि देखिए देश में क्या-क्या हो रहा है? वहीं, जब नीतीश कुमार से पूछा गया कि भाजपा कह रही है कि आपने बिहार विधानसभा के एक्सटेंशन भवन का उद्घाटन किया, तब आपने राज्यपाल से नहीं करवाया।
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह विधानसभा का भवन नहीं था वो विस्तारित भवन था। जो भाजपा वाले शायद भूल गए हैं। नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने पर मुख्यमंत्री ने अजीब सी सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें पं. जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि में शामिल होना था। इसी वजह से बैठक में नहीं गए। इतना ही नहीं सफाई में वे कागज भी लेकर आये थे।
राजधानी पटना में पं. जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि पं. जवाहर लाल नेहरू जी की पुण्यतिथि का कार्यक्रम बहुत पहले से बिहार में होते रहा है। आप जानते हैं कि हर वर्ष हमलोग यहां पर उपस्थित होते हैं। अभी जो वहां केंद्र में बैठक के बारे में तय हुआ तो सूचना काफी दिन पहले आई थी। 27 तारीख था तो हमने सूचना दे दिया कि हमारा कार्यक्रम पहले से तय है।
उन्होंने आगे कहा, अगर वहां दोपहर बाद बैठक होती तो हम आ जाते। सुबह में यहां कार्यक्रम में शामिल होकर वहां चले जाते। चूंकि वहां भी सुबह में ही बैठक और यहां भी सुबह में ही कार्यक्रम था। लिहाजा हमने बिहार की तरफ से अन्य लोगों व अधिकारियों का नाम भेज दिया और बता दिया कि ये लोग जायेंगे। लेकिन वे लोग नहीं माने। उस प्रस्ताव को केंद्र ने अस्वीकार कर दिया।
नीतीश कुमार ने कहा कि अगर मैं बैठक में जाता तो विशेष राज्य के दर्जे के बारे में पूछता कि विशेष राज्य के दर्जे का क्या हुआ? विशेष सहायता का क्या हुआ? अगर विशेष का दर्जा मिलता है तो निश्चित तौर पर बिहार और विकास करता। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2000 का नोट बंद करने के निर्णय पर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया।
उन्होंने कहा कि पहले दो हजार का नोट लाया गया और 1000 वाला बंद कर दिया। फिर 2000 वाला लाया बंद कर दिया। आखिरकार यह लोग करना क्या चाहते हैं? उन्होंने मोदी सरकार की निर्णय क्षमता पर सवाल किया कि आखिर ये लोग अपने निर्णय को बार बार बदलते क्यों हैं?