शराबबंदी नहीं पसंद तो बिहार मत आइए, बाहर से आने वालों को पाबंदी में छूट नहीं: नीतीश कुमार
By विशाल कुमार | Published: December 28, 2021 08:22 AM2021-12-28T08:22:41+5:302021-12-28T08:25:28+5:30
मुख्यमंत्री कुमार का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब एक दिन पहले ही सीजेआई एनवी रमना ने बिहार के शराबबंदी कानून को अदूरदर्शी बताते हुए कहा था कि ऐसे कानूनों से अदालतों में केसों का ढेर लग जाता है। उन्होंने यह भी कहा था शराबबंदी के मामले में जमानत के मामले एक-एक साल से हाईकोर्ट में पड़े हैं।
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यदि दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को बिहार में शराब पर पाबंदी असुविधाजनक लगती है ‘तो मत आइए’।
उन्होंने सासाराम जिले में महिलाओं के ‘‘जीविका’’ स्वयं सहायता समूह की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यदि आपको पाबंदी असुविधाजनक लगती है तो बिहार मत आइए।’’ उन्होंने कहा कि राज्य में बाहर से आने वालों के लिए पाबंदी में छूट देने का सवाल ही नहीं उठता है।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि शराबबंदी के लिए 2016 में उनके कदम उठाने के बाद उनके फैसले की व्यापक सराहना की गई और उत्तर प्रदेश तथा झारखंड में पैरोकार समूहों ने उन्हें अपना अनुभव साझा करने के लिए आने का न्योता दिया था।
मुख्यमंत्री कुमार का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब एक दिन पहले ही सीजेआई एनवी रमना ने बिहार के शराबबंदी कानून को अदूरदर्शी बताते हुए कहा था कि ऐसे कानूनों से अदालतों में केसों का ढेर लग जाता है। उन्होंने यह भी कहा था शराबबंदी के मामले में जमानत के मामले एक-एक साल से हाईकोर्ट में पड़े हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमारे सर्वश्रेष्ठ इरादों के बावजूद हमेशा ही गड़बड़ी करने वाले कुछ लोग रहे हैं...मैं यहां उपस्थितत आप सब से अनुरोध करता हूं कि यदि आप अपने गांव में शराबबंदी का उल्लंघन करते किसी को पाते हैं तो न सिर्फ पुलिस को इसकी सूचना दीजिए बल्कि जुलूस निकालें और नारेबाजी भी करें। ’’
उन्होंने कहा कि पुलिस को इस तरह की सूचना देने वालों की सुरक्षा करने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने बाल विवाह से लड़कियों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों का भी जिक्र किया तथा लोगों से दहेज को हतोत्साहित करने के उनके उदाहरण का अनुकरण करने की अपील की।
उन्होंने कहा, ‘‘सिद्धांत के तौर पर मैंने विवाह समारोह में शामिल होने के वैसे आमंत्रण स्वीकार करना बंद कर दिया है जिसमें यह घोषित नहीं गया हो कि विवाह दहेज के बिना हो रहा है। आपको भी अपने सामाजिक परिवेश में यही चीज करनी चाहिए। आपको फिर बदलाव नजर आएगा।’’