पटनाः पटना में 15 विपक्षी दलों की महाबैठक हुई। इस बैठक में 6 राज्य के मुख्यमंत्री और 5 राज्य के पूर्व सीएम शामिल हुए। विपक्षी दल 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा और पीएम मोदी को हराने का संकल्प लिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बैठक का आयोजन किया था।
विपक्ष की बैठक पर जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह एक अच्छी बैठक रही, जिसमें मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया है। जल्द ही एक और बैठक होगी। काफी अच्छी मुलाकात हुई, एक साथ चलने पर सहमति हुई। जिसमें आगे की चीजें तय की जाएंगी।
सूत्रों के मुताबिक विपक्षी दलों की अगली बैठक शिमला में जुलाई में होने की संभावना है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अगली बैठक कुछ दिन के बाद सब पार्टियों की फिर से की जाएगी। जो शासन में है वे देश के हित में काम नहीं कर रहे हैं। वे सब इतिहास बदल रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पटना में कहा कि हम 10 या 12 जुलाई को शिमला में फिर से मिल रहे हैं, जिसमें हम एक सामान्य एजेंडा तैयार करेंगे। हमें हर राज्य में अलग-अलग तरह से काम करना पड़ेगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा और RSS हिंदुस्तान की नींव पर आक्रमण कर रही है। यह विचारधारा की लड़ाई है और हम साथ खड़े हैं।
हमने निर्णय लिया है कि हम एक साथ काम करेंगे और अपनी सामान्य विचारधारा की रक्षा करेंगे। यह विपक्षी एकता की प्रक्रिया है जो आगे बढ़ेगी। राहुल गांधी ने कहा कि यह विचारधारा की लड़ाई है, हम एक साथ खड़े हैं, हमारे बीच थोड़ा-बहुत मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हमें मिलकर काम करना है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम एक हैं, हम मिलकर लड़ेंगे। बिहार जन आंदोलनों की भूमि रही है और एक बार फिर इस राज्य से इतिहास बनाने की शुरुआत हुई है। विपक्षी दलों की बैठक के बाद पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमारी कोशिश यह करेगी कि हम गांधी के मुल्क को ‘गोडसे का मुल्क’ नहीं बनने देंगे।
अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में ‘तानाशाही’ सरकार फिर से चुनकर आ जाएगी, तो देश में अगला चुनाव नहीं होगा, ऐसा कुछ लोग कहते हैं। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि विपक्षी बैठक का श्रेय नीतीश कुमार को जाता है, इतने दलों को एक मंच पर लाना आसान नहीं है।
हम मिल चुके हैं, इस देश को बर्बादी से बचाने के लिए और सही मायने में देश में जम्हूरियत को बचाने के लिए है। सीताराम येचुरी ने कहा कि आने वाले दिनों में सामूहिक राजनीतिक कार्यक्रम और जन आंदोलन होंगे, राज्यों में चुनावी तालमेल होगा, ताकि मतों के बंटवारे का फायदा भाजपा और साम्प्रदायिक ताकतों को ना मिले।
विपक्षी दलों की अगली बैठक अगले महीने शिमला में होगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मेजबानी में यह बैठक मुख्यमंत्री के आवास ‘1 अणे मार्ग’ पर हुई, जिसमें करीब 30 विपक्षी नेताओं ने भाग लिया। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘ हम एक हैं, हम मिलकर लड़ेंगे।’’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने बैठक में भाग लिया।
द्रमुक नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी और कुछ अन्य नेता इस बैठक में शामिल हुए।