पांच साल बाद सीएम नीतीश ने शुरू किया जनता दरबार, समस्याएं सुन दंग रह गए मुख्यमंत्री, कमाल है भाई, यह तो गलत है...

By एस पी सिन्हा | Updated: July 12, 2021 20:19 IST2021-07-12T20:18:58+5:302021-07-12T20:19:45+5:30

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने करीब 200 लोगों की फरियाद सुनीं. अपनी समस्याओं को लेकर आये लोगों ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी बातें रखी. 

bihar cm nitish kumar five years started janta darbar stunned to hear the problems 'Amazing brother this is wrong | पांच साल बाद सीएम नीतीश ने शुरू किया जनता दरबार, समस्याएं सुन दंग रह गए मुख्यमंत्री, कमाल है भाई, यह तो गलत है...

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस शिकायत को सुनने के बाद भौचक्के हो गये.

Highlightsकई शिकायतों को सुनने के बाद मुख्यमंत्री हैरान होते भी दिखे.सुपौल से आये एक शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री से कहा कि कागज पर अस्पताल चल रहा है. कागज पर ही आउटडोर चल रहा है और इलाज किया जा रहा.

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करीब 5 साल बाद आज एकबार फिर से जनता के दरबार कार्यक्रम की शुरुआत की है.

इस दौरान फरयादियों की काफी भीड़ उमड़ पड़ी. भीड़ काफी ज्यादा जुट गई, जिसके कारण बहुत से लोगों का फरियाद नहीं सुना जा सका. इस दौरान मुख्यमंत्री ने करीब 200 लोगों की फरियाद सुनीं. अपनी समस्याओं को लेकर आये लोगों ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी बातें रखी. 

जनता दरबार में लोगों की समस्याओं को गौर से सुनकर मुख्यमंत्री ने उस विभाग से संबंधित मंत्री या अधिकारियों से फोन पर बात करके फौरन उस समस्या का समाधान करने का आदेश जारी किया. इस दौरान कई शिकायतों को सुनने के बाद मुख्यमंत्री हैरान होते भी दिखे.

वहीं उन्होंने नाराजगी जताते हुए यहां तक कहा कि अगर वह जनता दरबार फिर से नहीं लगाते तो शायद जान भी नहीं पाते कि लोग किस तरह की समस्याओं से जुझ रहे हैं. इससे पता चल रहा है कि समस्याएं किस तरह की आ रही है. इस दौरान सुपौल से आये एक शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री से कहा कि कागज पर अस्पताल चल रहा है. कागज पर ही आउटडोर चल रहा है और इलाज किया जा रहा.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस शिकायत को सुनने के बाद भौचक्के हो गये. उन्होंने तुरंत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को फोन लगाया और कहा कि प्रत्यय जी, सुपौल से एक शख्स आये हैं. सुपौल के राघोपुर प्रखंड के राघोपुर पंचायत के हैं. ये कह रहे कि कागज पर ही स्वास्थ्य केंद्र चलाया जा रहा है. कागज पर ही आउटडोर भी चल रहा. इस मामले को देखिए.

इसके बाद मुख्यमंत्री ने फोन रख दिया. इसके बाद सुपौल से आये शिकायतकर्ता को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास भेज दिया गया. इसी दौरान एक फरियादी उनके पास आया और कहा कि ब्लैक फंगस का लक्षण दिख रहा है, जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूछा, किसे? तब युवक ने जवाब दिया कि मुझे. इसके बाद वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी अलर्ट हो गया.

हालांकि मुख्यमंत्री ने उक्त फरियादी को स्वास्थ्य विभाग के पास भेज दिया. वहीं एक महिला शिकायतकर्ता शांति देवी ने मुख्यमंत्री ने फरियाद लगाई कि दबंगों ने हमारे साथ मारपीट की. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की. इस पर मुख्यमंत्री ने आश्चर्य जताया है और कहा- अच्छा कमाल है.... इसके बाद मुख्यमंत्री ने तुरंत डीजीपी को तलब किया और कहा कि दबंगों ने इनके साथ मारपीट की.

15 मई 2021 को केस हुआ लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. मुख्यमंत्री ने डीजीपी को कहा कि इस मामले को देखिए. मुख्यमंत्री के सामने बैठी एक फरियादी महिला ने जब यह खुलासा किया कि जनता दरबार में अंदर आने के दौरान उसकी चेन काट ली गई तो मुख्यमंत्री भी हक्के बक्के रह गए. महिला गला दिखाने लगी. उसने दिखाया कि देखिए..

गला में अभी भी मोती लगा हुआ है और सोने का जीवतिया ले लिया. मुख्यमंत्री ने पूछा कि कहां से ले लिया तो पीड़ित महिला ने साफ कही कि यहीं से. फिर वहां खडे अधिकारियों ने बताया कि महिला बता रही है कि उसका सोने का जितिया जनता दरबार में आने के दौरान काट लिया गया. महिला ने बताया कि उसके साथ यह घटना किसी लडकी ने अंजाम दिया है.

यह मामला समझने के बाद नीतीश कुमार भी दंग रह गए. उन्होंने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिया कि पूरे मामले को देखिए. आनन-फानन में पटना के जिला अधिकारी चंद्रशेखर सिंह और सचिवालय डीएसपी को पूरे मामले की जांच के लिए कहा गया. फरियादी महिला के साथ अधिकारी छानबीन में जुट गए. 

मुख्यमंत्री के जनता दरबार में अपनी फरियाद लेकर पहुंचे लोगों ला आरटी-पीसीआर कोरोना टेस्ट की कराया गया है. आज भीड में कई ऐसे महिला फरियादी भी पहुंची जो रो बिलख रही थीं. साथ ही अधिकारियों पर आरोप भी लगा रही थीं कि किस तरह से उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ. लेकिन रोने बिलखने के बावजूद भी इन लोगों की फरियाद मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंच पाई.

वहीं, जनता दरबार में आए एक फरियादी ने नीतीश कुमार को चुनौती देकर कहा कि अगर मुख्यमंत्री में हिम्मत है तो मेरे साथ चुनाव लडके दिखाएं. यह जनता दरबार नहीं ड्रामा दरबार लगाते हैं. यह जनता के मुख्यमंत्री नहीं है. मुख्यमंत्री की बात अधिकारी लोग नहीं सुनते हैं. इस बार यह चुनाव में हार गए थे, 43 सीट पर सिमट गए थे, लेकिन धोखे से मुख्यमंत्री बन गए.

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