मिशन 2024ः अगर सभी विपक्षी पार्टी एकजुट हो जाए और मिलकर चुनाव लड़ें तो 2024 में भारी सफलता हासिल होगी, सीएम नीतीश ने कहा-संख्या की बात नहीं कर रहा
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 4, 2022 03:57 PM2022-09-04T15:57:03+5:302022-09-04T15:58:18+5:30
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों से राष्ट्रीय स्तर एकजुट होने के लिए अपने मतभेदों को भुलाने का आह्वान करते हुए कहा कि वे साथ मिलकर वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 50 सीट पर समेट सकते हैं।
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में कहा कि मैं बस इतना कह रहा हूं कि अगर सभी विपक्षी पार्टी एकजुट हो जाए और मिलकर चुनाव (2024 लोकसभा चुनाव) लड़ें तो भारी सफलता हासिल होगी। मैं किसी भी संख्या की बात नहीं कर रहा हूं। सीएम ने पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला किया।
सीएम नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले जदयू की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 50 सीट पर सिमट जाएगी, बशर्ते सभी विपक्षी दल मिलकर चुनाव लड़ें। जदयू के शीर्ष नेता कुमार विपक्षी नेताओं से मिलने के लिए पांच सितंबर को दिल्ली जाएंगे।
I'm only saying that if all opposition parties unitedly contest elections (2024 Lok Sabha elections) then we will get big success. I am not talking about any numbers: Bihar CM Nitish Kumar pic.twitter.com/dqfl6NpzKA
— ANI (@ANI) September 4, 2022
जदयू ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर ‘‘सत्तावादी’’ प्रवृत्ति रखने और मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के अलावा दिल्ली और झारखंड सहित कई राज्यों में गैर-भाजपा सरकारों को अस्थिर करने का भी आरोप लगाया। भाजपा पर जदयू की ओर से यह प्रहार तब किया गया जब भागवा पार्टी में मणिपुर में उसके छह में से पांच विधायक शामिल हो गए हैं।
जदयू ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर देश में ‘‘अघोषित आपातकाल’’ लगाने, विपक्षी आवाजों को चुप कराने के लिए जांच एजेंसियों का ‘‘दुरुपयोग’’ करने और समाज में ‘‘सांप्रदायिक उन्माद’’ भड़काने का आरोप लगाया। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए कुमार ने दावा किया कि उनका एकमात्र लक्ष्य भगवा पार्टी को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्ष को एकजुट करने के लिए काम करना है।
कुमार ने पिछले महीने भाजपा से नाता तोड़ लिया था। देश संकट के दौर से गुजर रहा है। केंद्र ने लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है और सत्तावाद की ओर बढ़ रहा है। जदयू ने मूल्य वृद्धि और ‘‘बढ़ती’’ गरीबी और बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि नोटबंदी के बाद से अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है, लेकिन लोगों को ‘‘विश्व गुरु’’ का सपना दिखाया जा रहा है।