पटनाः बिहार में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद आज कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की सहमति पर मंत्रिमंडल भंग करने की अनुशंसा की.
बैठक में नीतीश कुमार ने सभी सहयोगी मंत्रियों को धन्यवाद दिया. इसके बाद उन्होंने अपना त्यागपत्र बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को दिया. राज्यपाल फागू चौहान से नयी सरकार के गठन पर चर्चा किये जाने भी खबर है. चर्चा है कि 15 नवंबर के बाद शपथ ग्रहण के बात पर भी विचार किया गया है.
इसतरह से बिहार में नए जनादेश के अनुसार नई सरकार बनाने से पहले परंपराओं का निर्वहन करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कैबिनेट की बैठक की. दो मंत्रियों के निधन पर श्रद्धांजलि देने के बाद विधानसभा को भंग करने की सिफारिश का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा गया है.
प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे और उन्हें अपना त्यागपत्र सौंपा. इस दौरान बिहार में नई सरकार के गठन को लेकर भी दोनों की बीच बातचीत हुई. इससे पहले कैबिनेट की बैठक में नीतीश नीतीश कुमार ने सभी मंत्रियों को धन्यवाद दिया.
इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान आपलोगों ने अच्छा काम किया. आपके कामों को याद रखा जाएगा. इससे पहले आज दोपहर में एनडीए कोर कमेटी की बैठक हुई. कोर कमेटी में जदयू, भाजपा के वरिष्ठ नेता और जीतनराम मांझी और मुकेश सहनी शामिल हुए. संजय जायसवाल, सुशील मोदी, नित्यानंद राय समेत अन्य नेता नीतीश कुमार के घर पहुंचे थे.
बैठक के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए विधायक दल की बैठक 15 को 12.30 बजे होगी. इसबीच आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पटना पहुंचे हैं. वह विधायकों से वन- टू-वन बातचीत करेंगे.
माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर से एनडीए सरकार बनाने जा रही है. इस नई सरकार में दो नई पार्टियां हम और वीआईपी भी शामिल हैं. बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा को 74, जेडीयू को 43, हम को 4, वीआईपी को 4 सीटें मिली हैं. इसके आलावा चकाई सीट से विजयी निर्दलीय विधायक सुमित सिंह ने भी समर्थन किया है.
बिहार विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही नीतीश कुमार को सत्तारूढ़ राजग की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था. नीतीश कुमार ने यह नहीं बताया कि उनके आवास पर बैठक में क्या तय हुआ. बहरबाल जानकार सूत्र बताते हैं कि नये मंत्रिमंडल में प्रत्येक घटक के प्रतिनिधित्व और नये विधानसभा अध्यक्ष के मुद्दे पर चर्चा हुई.
इस बीच, ऐसी अटकलें हैं कि उपमुख्यमंत्री पद के लिये भाजपा की ओर से अति पिछड़े वर्ग से किसी नाम को आगे बढ़ाया जा सकता है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के स्थान पर किस को उपमुख्यमंत्री बनाया जायेगा या उत्तर प्रदेश की तरह से दो उप मुख्यमंत्री का प्रयोग दोहराया जा सकता है. भाजपा की ओर से उपमुख्यमंत्री पद के लिये आरएसएस में जुड़े नेता कामेश्वर चौपाल का नाम चर्चा में है.
चौपाल दलित समुदाय से आते हैं और वे 1990 में अयोध्या में राम जन्मभूमि में आधारशिला रखने के लिये चर्चित रहे हैं. गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में राजग को 125 सीटें प्राप्त हुई है जो बहुमत के आंकड़े से तीन सीट अधिक है. इस बीच चकाई से निर्दलीय विधायक सुमित सिंह ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और उन्हें अपना समर्थन दिया। सिंह के पिता नरेंद्र सिंह राज्य के पूर्व मंत्री रहे हैं और जमुई जिले के प्रभावशाली राजपूत नेता माने जाते हैं.