नागरिकता कानून को लेकर JDU के अंदर तनातनी, आरसीपी सिंह ने कहा- प्रशांत किशोर किसके लिए काम कर रहे हैं सब जानते हैं
By एस पी सिन्हा | Published: December 14, 2019 05:47 AM2019-12-14T05:47:45+5:302019-12-14T05:47:45+5:30
राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने प्रशांत किशोर और गुलाम रसूल बलियावी को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने प्रशांत किशोर को अनुकंपा वाला नेता बताया है.
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के अपनी ही पार्टी पर हमलावर होने के बाद जदयू ने उनको औकात दिखा देने की ठान ली है. जदयू के संगठन महासचिव आरसीपी सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर किसके लिए काम कर रहे हैं सब जानते हैं. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर अनुकंपा पर जदयू में हैं.
राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने प्रशांत किशोर और गुलाम रसूल बलियावी को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने प्रशांत किशोर को अनुकंपा वाला नेता बताया है. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर जैसे नेता अगर विरोध कर रहे हैं तो फिर अपना रास्ता देखें. प्रशांत किशोर अभी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नहीं हैं. मुख्यमंत्री ने प्रशांत किशोर को बहुत सम्मान दिया.
पटना में जदयू की बैठक को संबोधित करते हुए आरसीपी सिंह ने पीके पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी के लिए एक भी एक्टिव सदस्य प्रशांत किशोर ने नहीं बनाया है. उन्होंने कहा कि जो कोई पार्टी विरोधी काम करते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होती है. आरसीपी सिंह ने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में 15 साल बनाम 15 साल का होगा नारा. वे लोग राजद और जदयू के 15 साल का फर्क जनता को बताएंगे.
उन्होंने कहा कि जनता को बताएंगे अगले 5 साल में क्या करेंगे? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले आरसीपी सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर की अपनी कोई जमीन नहीं है. प्रशांत किशोर ने पार्टी के लिए आज तक क्या किया? आज तक एक भी सदस्य नहीं बनाया. जिन्हें पार्टी से जाना है जाए.
जदयू नेता ने कहा कि नीतीश कुमार ने उन्हें बहुत सम्मान दिया. पार्टी की ओर से कार्रवाई करने के सवाल पर आरसीपी सिंह ने कहा कि हम क्यों उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे? उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है, जो पार्टी के लिए काम करते हैं. ये लोग आज तक एक भी सदस्य नहीं बना सके.
यहां उल्लेखनीय है कि नागरिकता कानून का जदयू नेता प्रशांत किशोर लगातार विरोध कर रहे हैं. अपनी पार्टी के इस पर लिए स्टैंड से अलग वो ट्वीट कर लगातार अपनी बात रख रहे हैं. यही वजह है कि पीके अब अपनी ही पार्टी के निशाने पर आ गए हैं. आज उन्होंने फिर इस मसले को लेकर ट्वीट किया है और गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से 'भारत की आत्मा' को बचाने का आह्वान किया है.
प्रशांत किशोर ने अपने ताजा ट्वीट में लिखा, बहुमत से संसद में कैब पास हो गया. न्यायपालिका से परे, अब 16 गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों पर भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी है क्योंकि ये ऐसे राज्य हैं, जहां इसे लागू करना है. तीन मुख्यमंत्रियों (पंजाब, केरल और पश्चिम) ने कैब और एनआरसी को नकार दिया है और अब दूसरे गैर-भाजपा राज्य के सीएम को अपना रुख स्पष्ट करने का समय आ गया है.
वहीं, नीतीश कुमार के विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी सड़क पर उतर कर कैब का विरोध करना शुरू कर दिया है. वे राजधानी पटना में अल्पसंख्यक समाज के लोगों के साथ मिलकर नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं. बता दें कि एदारा ए शरिया बिहार की तरफ से नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ मार्च निकाला गया. उस मार्च में नीतीश कुमार के विधानपार्षद गुलाम रसूल बलियावी भी सड़क पर उतरे और मार्च का नेतृत्व किया.
जदयू विधान पार्षद बलियावी नागरकिता संशोधन विधेयक पर पार्टी के स्टैंड से काफी खफा हैं. उन्होंने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पार्टी के स्टैंड पर पुर्नविचार का आग्रह किया था. साथ हीं उन्होंने यह भी कहा था कि जदयू ने इस बिल का समर्थन का अल्पसंख्यकों का अहित किया है।. उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि नीतीश कुमार अपना निर्णय बदलें नहीं तो आने वाले चुनाव में पार्टी को नुकसान हो सकता है.