पटना: बिहार में जारी कोरोना के तांडव के बीच आई नई आफत ब्लैक फंगस को भी बिहार सरकार ने महामारी घोषित कर दिया है. राज्य सरकार ने शनिवार को यह निर्णय लिया है कि ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किये जाने के बाद अब इसका इलाज भी पेंडेमिक के तहत किया जाएगा.
सरकारी अस्पतालों को भारत सरकार के गाइडलाइन के अनुसार इस बीमारी का इलाज करने का आदेश दिया गया है.
स्वास्थ्य विभाग के महत्वपूर्ण बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है. बता दें कि राज्य में ब्लैक फंगस के मामलों में तेजी के साथ इजाफा हो रहा है. प्रदेश में पिछले कुछ घंटे के अंदर ब्लैक फंगस के नए केस सामने आने के बाद राज्य सरकार की चिंता बढ गई है.
पटना ने ब्लैक फंगस के 32, छपरा में 7 मामले
ब्लैक फंगस के राज्य में 39 नए केस शुक्रवार को सामने आए थे. इनमें से 8 मरीजों को भर्ती कराना पड़ा है. 39 मामलों में से 32 पटना के तीन अस्पतालों में और 7 मामले छपरा शहर के एक निजी अस्पताल में पहुंचे हैं.
राज्य में अब तक ब्लैक फंगस के लक्षण वाले 174 मरीजों की पहचान की जा चुकी है. शुक्रवार को पटना एम्स में कुल 30 मरीज ऐसे पहुंचे जिनमें ब्लैक फंगस के लक्षण थे. इनमें से 7 को पटना एम्स में भर्ती कर लिया गया जबकि बाकी को दवा देकर वापस भेज दिया गया.
वहीं, आईजीआईएमएस में भी एक मरीज शुक्रवार को भर्ती किया गया था, जबकि बाकी मरीजों को दवा देकर घर भेज दिया गया है. पटना के पारस अस्पताल में एक मरीज लक्ष्मण के साथ पहुंचा था, जिसे दवा देकर घर वापस भेज दिया गया है.
आईजीआईएमएस अस्पताल अलर्ट मोड पर
पटना के आईजीआईएमएस को ब्लैक फंगस के इलाज के लिए सरकार ने अलर्ट मोड में रखा हुआ है. इस बीच पटना एम्स में ब्लैक फंगस के भर्ती मरीजों की संख्या बढकर 42 हो गई है.
वहीं तीन मरीज स्वस्थ होकर अपने घर वापस लौट चुके हैं. पटना के आईजीआईएमएस में कुल 39 मरीजों का इलाज हुआ है, जिनमें 12 डिस्चार्ज होकर घर वापस लौट चुके हैं. सबसे ज्यादा केस पटना के अलावे छपरा शहर में सामने आए हैं. केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस को पहले ही महामारी घोषित कर रखा है.