बिहार जाति जनगणना: जाति की सूची में नहीं है 'मुगल' नाम, शामिल करने के लिए लिखी गई चिट्ठी, सीमांचल के क्षेत्रों सहित कई जिलों में हैं इनकी मौजूदगी

By विनीत कुमार | Updated: April 12, 2023 13:22 IST2023-04-11T16:42:40+5:302023-04-12T13:22:46+5:30

बिहार में जाति जनगणना के लिए जातियों की फाइनल सूची सामने आ गई है। हालांकि, इससे जुड़े कुछ विवाद भी सामने आ रहे हैं। इसी में से एक विवाद सूची में 'मुगल' जाति का जिक्र नहीं होना भी है।

Bihar Caste Census: 'Mughal' name not in caste list, letter written for inclusion | बिहार जाति जनगणना: जाति की सूची में नहीं है 'मुगल' नाम, शामिल करने के लिए लिखी गई चिट्ठी, सीमांचल के क्षेत्रों सहित कई जिलों में हैं इनकी मौजूदगी

बिहार जाति जनगणना: जाति की सूची में नहीं है 'मुगल' नाम, शामिल करने के लिए लिखी गई चिट्ठी, सीमांचल के क्षेत्रों सहित कई जिलों में हैं इनकी मौजूदगी

पटना: बिहार में जाति आधारित जनगणना के लिए जातियों की सूची और इससे संबंध कोड जारी किए जा चुके हैं। इसी के आधार पर राज्य भर में अलग-अलग जातियों की पहचान की जानी है। हालांकि, इस सूची में मुस्लिम धर्म से मुगल जाति को शामिल नहीं किया गया है। इसे लेकर इस जाति से संबंधित लोगों ने सूची में सुधार करने की गुहार लगाई है। इस संबंध में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखी गई है। साथ ही दरभंगा जिले के बेनीपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक विनय कुमार चौधरी ने मामले को उठाते हुए मुगल जाति को सूची में शामिल करने की मांग रखी है।

मुगल जाति का नाम सूची में क्यों नहीं?

विनय कुमार चौधरी की ओर से बिहार विधानसभा के सचिव लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि पिछले साल के आखिर में राज्य में सभी प्रखंडों में जातियों की सूची उपलब्ध कराते हुए मांग की गई थी कि अगर कोई नाम छूट गया हो तो उस संबंध में जानकारी भेजी जाए। कुछ जातियों के नाम बाद में जोड़े भी गए। हालांकि इस सुधार के बाद अब 1 से 214 क्रमांक तक की प्रकाशित की गई फाइनल सूची में 'मुगल' नाम नहीं है।

विनय कुमार चौधरी ने अपनी चिट्ठी में इस बात का उल्लेख किया है कि दरभंगा जिले के जाले प्रखंड में मुगल जाति की अनुमानित जनसंख्या 10 हजार के करीब होगी। इसके अलावा बिहार के सीतामढ़ी, दरभंगा, समस्तीपुर, सिवान और सीमांचल के क्षेत्रों में भी मुगल जाति के लोगों की अच्छी-खासी संख्या है।

अन्य दस्तावेजों में 'मुगल' नाम, जाति सूची में छूट गए!

दरभंगा के जाले ब्लॉक के जेडीयू अध्यक्ष अतहर इमाम बेग ने लोकमत के साथ बातचीत में बताया कि मुगल जाति का उल्लेख राज्य में खतियान, जाति प्रमाण पत्र आदि तमाम दस्तावेजों में है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद जाति सूची में 'मुगल' कैसे छूट गए, यह समझ से परे है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी जनसंख्या वाली आबादी को अनदेखा किये जाने से लोगों का नुकसान होगा। वे खुद इस जाति से आते हैं। 

वहीं, मुगल जाति से ही आने वाले इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. निहाल अहमद बेग ने कहा कि सूची में नाम छूट जाने की बात सामने आने के बाद तमाम प्रयास किए जा रहे हैं कि इसमें सुधार किया जा सके। उन्होंने बताया कि मुगल जाति का इतिहास आजादी से पहले 150-200 साल से भी ज्यादा पुराना है।

Web Title: Bihar Caste Census: 'Mughal' name not in caste list, letter written for inclusion

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