Bihar Caste-based survey: सरकारी नौकरी में 2 लाख 89 हजार 538 यादव, जाति सर्वेक्षण बिहार विधानसभा में पेश, जानें राजपूत, भूमिहार और ब्राह्मण जाति की स्थिति
By एस पी सिन्हा | Published: November 7, 2023 04:18 PM2023-11-07T16:18:00+5:302023-11-07T16:19:56+5:30
Bihar Caste-based survey: बिहार में सामान्य वर्ग के 6 लाख 41 हजार 281 व्यक्ति को सरकारी नौकरी हैं। इसमें भूमिहार जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 1 लाख 87 हजार 256 है, जो कुल नौकरी के अनुपात में 4.99 फीसदी है।
Bihar Caste-based survey:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर राज्य में हुए जातीय सर्वे की रिपोर्ट में कई अहम खुलासे हुए हैं। मंगलवार को सदन में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार बिहार में यादव जाति के लोग सबसे ज्यादा सरकारी नौकरी में हैं। यादव जाति ने सबको पीछे छोड़ दिया है और उनमें सरकारी नौकरी करने वालों की संख्या 2 लाख 89 हजार 538 है।
यह किसी भी जाति वर्ग में एक जाति का सर्वाधिक सरकारी नौकरी करने का आंकड़ा है। वहीं, बिहार में सामान्य वर्ग के 6 लाख 41 हजार 281 व्यक्ति को सरकारी नौकरी हैं। इसमें भूमिहार जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 1 लाख 87 हजार 256 है जो कुल नौकरी के अनुपात में 4.99 फीसदी है।
वहीं सामान्य वर्ग में ब्राह्मण जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 1 लाख 72 हजार 259 यानी 3.60 फीसदी है। राजपूत जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 1 लाख 71 हजार 933 है जो 3.81 फीसदी होता है। इसमें कायस्थ जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 52 हजार 490 जो 6.68 फीसदी है।
जबकि सामान्य वर्ग में शेख जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 39 हजार 595 यानी 79 फीसदी है। पठान जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 10 हजार 517, सैयद जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 7 हजार 231 है। पिछड़ा वर्ग में सरकारी नौकरी की स्थिति में यादव 2 लाख 89 हजार 538 यानी 1.55 फीसदी के साथ पहले नंबर पर है।
कुशवाहा का 1 लाख 12 हजार 106 यानी 2.04 फीसदी है। कुर्मी का 1 लाख 17 हजार 171 यानी 3.11 फीसदी, बनिया का 59 हजार 286, 1.96 फीसदी, सुरजापुरी मुस्लिम में 15 हजार 359 यानी 0.63 फीसदी, भांट में 5 हजार 114 यानी 4.21 फीसदी और मलिक मुस्लिम में 1 हजार 552 यानी 1.39 फीसदी सरकारी नौकरी में हैं।
कुल पिछड़ी जातियों में 6 लाख 21 हजार 481 यानी 1.75 फीसदी सरकारी नौकरी में हैं। अत्यंत पिछड़ी जातियों में सरकारी नौकरी की स्थिति में तेली- 53 हजार 56, 1.44 फीसदी, मल्लाह- 14 हजार 100, 0.41 फीसदी, कानू- 34 हजार 404, 1.19 फीसदी, धानुक- 33 हजार 337, 1.19 फीसदी, नोनिया- 14 हजार 226, 0.57 फीसदी, चंद्रवंशी- 31 हजार 200, 1.45 फीसदी, नाई- 28 हजार 756, 1.38 फीसदी, बढ़ई- 20 हजार 279, 1.07 फीसदी और हलवाई- 9 हजार 574, 1.20 फीसदी है।
जबकि अनुसूचित जाति में सरकारी नौकरी की स्थिति में दुसाध- 99 हजार 230, 1.44 फीसदी, चमार- 82 हजार 290, 1.20 फीसदी, मुसहर- 10 हजार 615, 0.26 फीसदी, पासी- 25 हजार 754, 2 फीसदी, धोबी- 34 हजार 372, 3.14 फीसदी और डोम- 3 हजार 274, 1.24 फीसदी। इसतरह कुल 2 लाख 91 हजार 4 लोग, यानी1.13 फीसदी लोग सरकारी नौकरी में हैं।