नगर निकाय चुनाव में आरक्षण पर भाजपा और जदयू में शह और मात का खेल, जदयू ने चलाया पोल खोल कार्यक्रम

By एस पी सिन्हा | Updated: October 13, 2022 15:49 IST2022-10-13T15:49:42+5:302022-10-13T15:49:42+5:30

पटना हाई कोर्ट के फैसले के बाद बिहार में स्थगित हो चुके नगर निकाय चुनाव को लेकर सियासत जारी है। इसी क्रम में जदयू ने गुरुवार को 'पोल खोल' कार्यक्रम किया।

Bihar BJP vs JDU on reservation in municipal elections, JDU launched a pol khol campaign | नगर निकाय चुनाव में आरक्षण पर भाजपा और जदयू में शह और मात का खेल, जदयू ने चलाया पोल खोल कार्यक्रम

नगर निकाय चुनाव में आरक्षण पर भाजपा और जदयू में शह और मात का खेल, जदयू ने चलाया पोल खोल कार्यक्रम

पटना: पटना हाईकोर्ट के द्वारा आरक्षण को लेकर बिहार में नगर निकाय चुनाव स्थगित किये जाने के बाद राज्य में इस मुद्दे को लेकर सियासत जारी है। इस मुद्दे पर भाजपा और महागठबंधन की पार्टियों के बीच लगातार एक दूसरे पर आरोप लगाए जा रहें हैं। भाजपा चुनाव स्थगित होने के लिए नीतीश कुमार की नीतियों को जिम्मेदार मानती है, वहीं जदयू का कहना है कि भाजपा के लोग नहीं चाहते थे कि निकाय चुनाव हो। जदयू गुरूवार को सभी जिला मुख्यालय पर ‘आरक्षण विरोधी भाजपा का ’पोल खोल’ कार्यक्रम  किया।

पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के पास राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया गया। धरना पर बैठे ललन सिंह ने कहा कि भाजपा का एजेंडा आरक्षण को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने 2015 के चुनाव के पहले ही यह कहा था कि आरक्षण व्यवस्था पर पुनर्विचार करना चाहिए। उसी समय हम लोग को लग गया था कि भाजपा का यह एजेंडा है कि इस देश में आरक्षण व्यवस्था को समाप्त कर दिया जाए। 

उन्होंने आगे कहा, 'अभी जो नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़े वर्ग को बिहार में 20 फीसदी का आरक्षण दिया गया। 2006 में पंचायती राज में दिया गया, 2007 में नगर निकाय में दिया गया, यह मामला पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गया। दोनों के द्वारा राज्य सरकार के इस कानून को सही ठहराया गया। उसके आधार पर 2007 में, 2012 में और 2017 में चुनाव हुए। लेकिन 2022 में केंद्र सरकार की तरफ से नई साजिश रची गई और इस बार नगर निकाय चुनाव में आरक्षण व्यवस्था समाप्त करने का फैसला लिया गया है।' 

उन्होंने कहा कि इस बार कोर्ट से जो फैसला आया है वो कही से उचित नहीं है। जदयू ने ’पोल खोल’ अभियान की शुरुआत की है, जिसके तहत हम अतिपिछड़े वर्ग के लोगों के बीच जाएंगे और केंद्र सरकार की साजिश से लोगों को अवगत कराएंगे।

बताते चलें कि पहले धरना स्थल पर कुर्सियां लगाई गई थी। कुर्सी पर बैठकर जदयू के नेता धरना देने वाले थे और आरक्षण को लेकर भाजपा की पोल खोल रहे थे। बड़े नेता के आने से पहले कुछ नेता उस कुर्सी पर बैठे भी, लेकिन जदयू नेतृत्व को भनक लग गई। लिहाजा राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के आने से पहले ही आनन फानन में धरना स्थल पर लगाई गई कुर्सियां हटाई गई। इसके बाद जदयू के नेता और कार्यकर्ता जमीन पर बैठकर भाजपा की पोल खोलते हुए नजर आए।

Web Title: Bihar BJP vs JDU on reservation in municipal elections, JDU launched a pol khol campaign

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