पटनाः भारतीय जनता पार्टी ने बिहार की बोचहां विधानसभा सीट के लिए होने जा रहे उपचुनाव में बेबी कुमारी को प्रत्याशी बनाने का ऐलान किया है. इस घोषणा ने सूबे की नीतीश कुमार सरकार में मंत्री एनडीए के घटक विकासशील इनसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मंत्री मुकेश सहनी की परेशानी बढ़ा दी है.
ऐसे में इसको लेकर भाजपा और मुकेश सहनी के बीच ठन चुकी है. मुकेश सहनी का विधान परिषद कार्यकाल जून तक है. दरअसल, भाजपा के कंधे पर सवार होकर पहली बार मंत्री बनने वाले मुकेश सहनी इन दिनों भाजपा से ही खार खाए बैठे हैं. भाजपा को लेकर मुकेश सहनी ने लगातार आक्रामक तेवर बनाए रखा है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहले सहनी ने भाजपा को हराने के लिए एंडी चोटी का जोर लगाया और अब बिहार में स्थानीय निकाय कोटे से हो रही विधान परिषद चुनाव में भी वह भाजपा के सामने खडे़ हैं. वहीं भाजपा के द्वारा अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिये जाने पर मुकेश सहनी ने कहा कि होली के शुभ अवसर पर सहयोगी दल के द्वारा जो तोहफा दिया गया है, उसके लिए धन्यवाद
उन्होंने इस सीट को प्रतिष्ठा का विषय बना लिया हे. ऐसे में एनडीए में टूट का खतरा मंडराने लगा है. वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह सीट वीआईपी कोटे की है. इसलिए इस सीट पर पहला हक वीआईपी का है. इस सीट से मुसाफिर पासवान जी चुनाव जीते थे. उनके निधन से यह सीट खाली हुई है.
इसलिए इस पर सिर्फ वीआईपी का ही हक है. वीआईपी का मानना है कि इस सीट पर वीआईपी अपना प्रत्याशी उतारकर स्वर्गीय पासवान के सपनों को पूरा कर सकेगी.सूत्रों की मानें तो मुकेश सहनी और तेजस्वी यादव बोचहां उपचुनाव को लेकर एक साथ आ सकते हैं. राजद के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो दोनों नेताओं के बीच इसे लेकर बातचीत भी हो चुकी है.
अगर सब कुछ ठीक रहा तो अमर पासवान राजद के टिकट पर बोचहां में उम्मीदवार होंगे. ऐसे में एनडीए सरकार के अंदर मंत्री रहने के बावजूद सहनी तेजस्वी के साथ हाथ मिलाकर भाजपा को चुनौती देंगे. हालांकि अमर पासवान ने अब तक आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा है. सियासी जानकार मानते हैं कि मुकेश सहनी इस सीट पर अपने बूते जीत हासिल नहीं कर सकते.
जीत के लिए उन्हें तेजस्वी यादव का समर्थन चाहिए होगा. ऐसे में फार्मूला बनाने की कोशिश हो रही है कि मुकेश सहनी के चहेते उम्मीदवार को भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ किस तरह जीत दिलाई जाए. इसतरह से भाजपा के द्वारा मुकेश सहनी की मांग को दरकिनार करते हुए बोचहां विधानसभा सीट पर अपनी पार्टी की बेबी कुमारी को प्रत्याशी घोषित कर एनडीए में राजनीतिक भूचाल का माहौल बना दिया है.
भाजपा प्रत्याशी बेबी कुमारी ने साल 2015 में बोचहां सीट को बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीती थीं. उन्होंने तत्कालीन राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रमई राम को शिकस्त दी थी. लेकिन साल 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए में यह सीट वीआइपी को मिली, जिसपर मुसाफिर पासवान ने रमई राम को हराया था. ऐसे में यह माना जा रहा है कि उपचुनाव में बेाचहां सीट पर दावेदारी खारिज कर भाजपा ने मुकेश सहनी को बड़ा संदेश दिया है. अगर मुकेश सहनी भाजपा के खिलाफ अपने प्रत्याशी देते हैं तो एनडीए में टूट तय मानी जा रही है.