लॉकडाउन में बेटी को कोटा से वापस लाने पर बिहार के BJP विधायक ने दी सफाई, कहा- पिता का फर्ज निभा रहा था
By पल्लवी कुमारी | Updated: April 20, 2020 10:27 IST2020-04-20T10:27:45+5:302020-04-20T10:27:45+5:30
चुनाव रणनीतिकार एवं जदयू से निष्कासित कर दिये गये प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट में इस यात्रा पास की तस्वीर पोस्ट कर कहा, ‘‘ कोटा में फँसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को नीतीश कुमार ने यह कह कर ख़ारिज कर दिया था कि ऐसा करना लॉकडाउन की मर्यादा के ख़िलाफ़ होगा।

Bihar Bjp MLA Anil Singh (File Photo)
पटना: कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक अनिल सिंह के राजस्थान स्थित कोटा की यात्रा कर अपनी बेटी को वापस लाए जाने पर विवाद हो गया है। विपक्ष के लगाए आरोपों पर सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने एक पिता के फर्ज को निभाया है। विधायक अनिल सिंह ने कहा, ''मैं एक जनता का प्रतिनिधी हूं, लेकिन इसके साथ ही मैं एक पिता भी हूं। पिता होने के नाते मैंने अपनी जिम्मेदारी को निभाया हैं और अपनी बेटी को घर बुलाया है। मेरी बेटी कोटा में मेडिकल की तैयारी कर रही थी और वह वहां अकेली थी।''
Fulfilled my duty as father by bringing back daughter from Kota: Bihar BJP MLA Anil Singh
— ANI Digital (@ani_digital) April 20, 2020
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न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, वह काफी परेशान थी। जिस पीजी में वह रहती थी, वह बिल्कुल खाली हो चुका था। इसलिए वह पीजी में बिल्कुल अकेले रह रही थी, जिसकी वजह से हम सब काफी परेशान थे। जिसके बाद मैंने DM से बात की और उन्हें सारी परिस्तिथियों के बारे में बताया। जिसके बाद DM ने इसकी इजाजत दी और ई-पास दिया।
अनिल सिंह ने कहा, “मेरी बेटी केवल 17 साल की है और वह कोटा में एक छात्रावास में रहकर अपनी मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। लॉकडाउन के बाद से, उसकी कक्षाएं निलंबित कर दी गई हैं और उसके अधिकांश सहपाठी छात्रावास छोड़ चुकी थीं। वह फोन पर अवसाद से ग्रसित महसूस हो रही थी।" उन्होंने कहा “मैंने एक आम नागरिक की तरह ही पास के लिए आवेदन किया था। रिकॉर्ड के लिए, अकेले नवादा जिले में कम से कम 700 लोगों के पक्ष में इसी तरह के पास जारी किए गए हैं, जिन्हें आपात स्थिति के कारण बाहर यात्रा करने की आवश्यकता होती है। मैंने वाहन चालक के साथ पिता के रूप में यात्रा की क्योंकि मैं अपनी बेटी को देखने के लिए स्वाभाविक रूप से उत्सुक था”।
उन्होंने कहा कि उनके जाने को जो लोग दिशानिर्देशों का उल्लंघन के तौर पर देखने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें नियमों के बारे में जानकारी नहीं है।
नवादा जिले में हिसुआ विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक अनिल सिंह 16 अप्रैल को राजस्थान के कोटा शहर के लिए रवाना हुए थे और शनिवार देर रात पटना स्थित अपने आवास लौट आए। अपनी बेटी को कोटा से लाने के लिए सिंह को नवादा सदर अनुमंडल दंडाधिकारी द्वारा 15 अप्रैल को यात्रा पास जारी किया गया था, जो रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
जानें विपक्ष ने क्या-क्या कहा?
रविवार को विपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की। राजद नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ बिहार के मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) को कह रहे थे कि उन्हें कोटा में फँसे छात्रों को वापस लाने के लिए बसों को अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। दूसरी तरफ अपने विधायक को गोपनीय तरीक़े से अपनी बेटी को वापस लाने की अनुमति दे रहे थे। बिहार में ऐसे अनेकों वीआईपी और अधिकारियों को पास निर्गत किए गए। फँसे बेचारा ग़रीब...।’’
चुनाव रणनीतिकार एवं जदयू से निष्कासित कर दिये गये प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट में इस यात्रा पास की तस्वीर पोस्ट कर कहा, ‘‘ कोटा में फँसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को नीतीश कुमार ने यह कह कर ख़ारिज कर दिया था कि ऐसा करना लॉकडाउन की मर्यादा के ख़िलाफ़ होगा। अब उन्हीं की सरकार ने भाजपा के एक विधायक को कोटा से अपनी बेटी को लाने के लिए विशेष अनुमति दी है। नीतीश जी अब आपकी मर्यादा क्या कहती है?’’