बिहार विधानसभा में विपक्षी दलों ने चमकी बुखार पर लाया कार्यस्थगन प्रस्ताव, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- 'सरकार पूरी तरह है संवेदनशील'

By एस पी सिन्हा | Published: July 1, 2019 02:37 PM2019-07-01T14:37:48+5:302019-07-01T14:39:01+5:30

चमकी बुखार को लेकर लगातार विपक्ष का हंगामा जारी रहा और विपक्ष लगातार स्वास्थ्यमंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग करता रहा. विधानपरिषद के बाहर कांग्रेस ने धरना दिया.

Bihar Assembly on Muzaffarpur Children Death opposition parties proposed | बिहार विधानसभा में विपक्षी दलों ने चमकी बुखार पर लाया कार्यस्थगन प्रस्ताव, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- 'सरकार पूरी तरह है संवेदनशील'

Bihar Assembly on Muzaffarpur Children Death opposition parties proposed

Highlightsकार्यस्थगन प्रस्ताव पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार पूरी तरह संवेदनशील है. एईएस का प्रकोप 1995 से है. मंगल पांडेय ने कहा कि वर्ष 2013 में ही बीमारी को लेकर गाइड लाइन बनाई गई है.

बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन विधानसभा के अंदर और बाहर विपक्षी नेताओं ने हंगामा किया. विपक्षी दलों के सदस्यों ने मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस)/ जापानी इन्सेफेलाइटिस (जेईएस) से बच्चों की मौत को लेकर जमकर हंगामा किया. विपक्ष के सदस्यों ने बच्चों की मौत को लेकर सदन में कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया. कार्यस्थगन प्रस्ताव पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार पूरी तरह संवेदनशील है. एईएस का प्रकोप 1995 से है. 

उन्होंने कहा कि दुनिया के कई बडे अस्पतालों में रिसर्च किया गया है. यह भी बताया कि इस बार बच्चों की मुत्यु दर में कमी आई है. मंगल पांडेय ने कहा कि वर्ष 2013 में ही बीमारी को लेकर गाइड लाइन बनाई गई है. एईएस को लेकर इस बार बच्चों की मृत्यु दर 21 प्रतिशत है. हर वर्ष लगातार मृत्यु दर में कमी आई है. 

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि आंकडों के अनुसार, 28 जून तक 720 मरीज भर्ती हुए. इसमें 586 मरीज ठीक हुए. वहीं, 154 बच्चों की मौत हुई. मृत्यु दर घट कर 21 फीसदी रह गई है. 2011-19 के आंकडों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में एईएस के कारण मृत्यु दर कम हुई है. आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सूबे के 12 जिलों के सभी अस्पतालों में व्यवस्था की गयी है.

बीमारी को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. मंगल पांडेय ने कहा कि जागरूकता के लिए पुस्तिका का वितरण किया गया है. लीची की पैदावार करनेवाले जिले के लिए 18 लाख पैंपलेट दिये गये हैं. इनमें 14 लाख बांटे गये हैं. ओआरएस भी बांटा गया है. इसको लेकर सोशल मीडिया, फेसबुक और ट्विटर के माध्यम से प्रचार भी किया गया है. 

वहीं, चमकी बुखार को लेकर लगातार विपक्ष का हंगामा जारी रहा और विपक्ष लगातार स्वास्थ्यमंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग करता रहा. विधानपरिषद के बाहर कांग्रेस ने धरना दिया. चमकी बुखार से मौत और कटिहार के मजदूरों की पुणे में हुई मौत पर विपक्ष ने प्रदर्शन किया. विधानसभा के बाहर वामदलों के साथ ही राजद के विधायक भी पोस्टर के साथ हंगामा किया. 

वहीं, सदन में कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने बिहार सरकार पर आरोप लगाया और कहा कि 10 जून से पहले स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय मुजफ्फरपुर नहीं गए. उन्होंने कहा कि सत्ता की सुख में गरीबों की आवाज नहीं सुनी जा रही है. दवाई के अभाव में बच्चों की मौत हुई है और सुनियोजित तरीके से मुख्यमंत्री को इस मामले में टारगेट किया जा रहा है. 

वहीं, इस दौरान बिहार विधानसभा में राजनीति का अद्भुत रंग देखने को भी मिला. राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी जब चमकी बुखार को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव की स्वीकृति को लेकर सदन में अपनी बात रख रहे थे तो उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की. उन्होंने चमकी बुखार से हुई मौत पर प्रधानमंत्री मोदी के संसद में दुख और शर्म की बात कहने पर आभार जताया. वहीं दूसरी ओर नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला. 

सिद्दीकी ने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी ने एईएस से मासूम बच्चों के प्रति संवेदना जाहिर की और हकीकत को स्वीकार किया इसके लिए उनका आभार. उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा कि जिन बच्चों की मौत हुई उनमें से कोई आगे चलकर कर्पूरी ठाकुर, लालू यादव या नीतीश कुमार होता. उन्होंने बिहार सरकार को इसके लिए दोषी ठहराते हुए सरकार से सवाल पूछा कि सरकार ने स्वास्थ्य बजट में चमकी बुखार के लिए कितने का बजट रखा है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जहां चाहते हैं, वहीं सरकार की रहम होती है और उन्हीं इलाकों में ही विकास होता है. 

राजद नेता ने कहा कि केंद्र सरकार की जिम्मेदारी भी है. लेकिन, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को टारगेट नहीं किया जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पक्ष में खडा होते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश जी आपको टारगेट किया जा रहा है. चमकी बुखार को लेकर आपसे ज्यादा दोषी मंगल पांडे, सुशील मोदी और केंद्र के स्वाथ्य मंत्री हैं. आप दोषी हैं, लेकिन उससे ज्यादा आपको बदनाम किया जा रहा है.

इससे पहले वामदलों के सदस्यों ने महाराष्ट्र में बिहार के मजदूरों की मौत और मुजफ्फरपुर में एईएस से बच्चों की मौत को लेकर सदन के बाहर प्रदर्शन किया, साथ ही सदस्यों ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग की.

Web Title: Bihar Assembly on Muzaffarpur Children Death opposition parties proposed

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