कोरोना के बीच बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर गति पकड़ रही हैं राजनीतिक पार्टियां, महागठबंधन के घटक दलों ने गुपचुप शुरू की तैयारी
By एस पी सिन्हा | Published: May 19, 2020 03:11 PM2020-05-19T15:11:25+5:302020-05-19T15:11:25+5:30
महागठबंधन के ये सभी तीनों नेताओं की बैठक मुकेश सहनी के कार्यालय में हुई. मुकेश सहनी के कार्यालय में चली इस बैठक में उपेन्द्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी ने प्रवासी मजदूरों की वापसी को बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाने पर चर्चा की. आने वाले मजदूरों को कैसे राहत पहुंचाई जाए और आने वाले चुनावों में मजदूरो को राहत देने का मामला उठाने की रणनीति पर चर्चा हुई.
पटना: कोरोनाकाल में जारी लॉकडाउन के बीच भी बिहार में सियासत तेज हो गई है. बिहार में इस साल के अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अब राजनीतिक दलों ने विधानसभा चुनावकी तैयारियां शुरू कर दी हैं. खासकर राजद के द्वारा अभी से ही इसपर फोकस किया जाने लगा है. ऐसे में महागठबंधन के नेताओं ने इसकी शुरूआत कर दी है.
इसी कड़ी में हम पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी, रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा और वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश साहनी ने एक बंद कमरे में बैठक कर अपनी चुनावी रणनीति पर चर्चा की है. हालांकि इस बैठक की जानकारी उनलोगों ने ना तो राजद को दी और न ही कांग्रेस के किसी नेता को. इस बैठक में राजद और कांग्रेस के नेताओं को बुलाया तक नहीं गया. बताया जाता है कि महागठबंधन के ये सभी तीनों नेताओं की बैठक मुकेश सहनी के कार्यालय में हुई. मुकेश सहनी के कार्यालय में चली इस बैठक में उपेन्द्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी ने प्रवासी मजदूरों की वापसी को बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाने पर चर्चा की. आने वाले मजदूरों को कैसे राहत पहुंचाई जाए और आने वाले चुनावों में मजदूरो को राहत देने का मामला उठाने की रणनीति पर चर्चा हुई. सूत्रों की माने तो गठबंधन में सीटों के बंटवारा समय पर होने के लिए राजद और कांग्रेस पर दबाब बनाने पर भी चर्चा हुई. कहा तो यह भी जा रहा है कि इस बैठक का कार्यक्रम पहले से तैयार था. आज बैठक से पहले कल तक सभी नेता अपने अपने क्षेत्र में थे. आज बैठक शुरू होने से पहले सभी नेता पटना पहुंचे और इस बैठक में शामिल हुए.
वहीं, मांझी, कुशवाहा और मुकेश सहनी की बैठक पर कांग्रेस नेता प्रेमचन्द्र मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि शायद सभी नेता सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं, इसलिए बैठक में उन लोगों को नहीं बुलाया. बैठक का कमरा छोटा होगा, इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग के नियम टूट सकता था. उन्होंने कहा कि आपस में बैठकर क्या चर्चा हुई ये वही लोग बता सकते हैं.