बिहार चुनाव: परसा सीट पर दो दिग्गज लालू प्रसाद और चंद्रिका राय के परिवारों के बीच चुनावी लड़ाई से अधिक प्रतिष्ठा की लड़ाई, जानें डिटेल

By भाषा | Updated: November 1, 2020 21:52 IST2020-11-01T21:52:54+5:302020-11-01T21:52:54+5:30

पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में, लालू ने 1974 में लोकनायक जय प्रकाश नारायण द्वारा केंद्र में तत्कालीन कांग्रेस शासन के खिलाफ शुरू किए गए आंदोलन में सक्रिय भाग लिया था। वर्तमान में, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी छपरा से सांसद हैं।

Bihar Assembly Elections: battle of prestige over election battle between two veteran Yadav families in Parsa seat | बिहार चुनाव: परसा सीट पर दो दिग्गज लालू प्रसाद और चंद्रिका राय के परिवारों के बीच चुनावी लड़ाई से अधिक प्रतिष्ठा की लड़ाई, जानें डिटेल

राजग में शामिल जदयू से नाता तोड़कर अपने बलबूते चुनाव लड़ रही चिराग पासवान की पार्टी लोजपा ने इस सीट से भाजपा के बागी राकेश कुमार सिंह को मैदान में उतारा है

Highlightsइस बार यादव समुदाय से आने वाले दो दिग्गजों के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। सारण जिले स्थित परसा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र छपरा लोकसभा सीट का हिस्सा है

परसा: बिहार में सारण जिले के परसा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव इस बार यादव समुदाय से आने वाले दो दिग्गजों लालू प्रसाद और चंद्रिका राय के परिवारों के बीच राजनीतिक लड़ाई से अधिक प्रतिष्ठा की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। सारण जिले स्थित परसा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र छपरा लोकसभा सीट का हिस्सा है, जिसका राजद प्रमुख चार बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वर्ष 1974 के जेपी आंदोलन के बाद उभरे लालू ने 1977 में 29 साल की उम्र में छपरा लोकसभा सीट जीतकर चुनावी राजनीति में कदम रखा था।

पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में, लालू ने 1974 में लोकनायक जय प्रकाश नारायण द्वारा केंद्र में तत्कालीन कांग्रेस शासन के खिलाफ शुरू किए गए आंदोलन में सक्रिय भाग लिया था। वर्तमान में, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी छपरा से सांसद हैं। राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय के पुत्र चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय के बीच का वैवाहिक विवाद परसा सीट पर होने वाली चुनावी लड़ाई में अपनी छाप छोड़ पाता है या नहीं, इसका निर्णय तीन नवंबर को बिहार विधानसभा के दूसरे चरण के तहत होने वाले मतदान में होगा।

यादव समुदाय बहुल निर्वाचन क्षेत्र परसा चुनावी लड़ाई के अलावा तेजप्रताप और ऐश्वर्या के बीच असफल विवाह की वजह से भी सुर्खियों में है। मई 2018 में शादी के बंधन में बंधने के छह महीने के भीतर, उनके वैवाहिक संबंध में अड़चन आ गई और अब यह विवाद पटना परिवार अदालत में लंबित है। लालू के घोर विरोधी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के टिकट पर परसा से उम्मीदवार चंद्रिका रॉय और उनका परिवार यहां के राजद प्रत्याशी छोटे लाल राय के खिलाफ चुनाव प्रचार में लोगों को लालू के परिवार द्वारा ऐश्वर्या के साथ किए गए कथित "दुर्व्यवहार" के बारे में बता रहे हैं और मतदाताओं से "न्याय" करने की गुहार कर रहे हैं।

तेज प्रताप खुद हसनपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। चंद्रिका राय, जिन्होंने राजद नेता के रूप में छह बार परसा का प्रतिनिधित्व किया है, ने अपनी पुत्री के वैवाहिक विवाद के मद्देनजर इस दल को छोड़ दिया था और चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू में शामिल हो गए थे। बिहार में सत्तारूढ़ जदयू द्वारा टिकट दिए जाने की आस लगाए बैठे छोटेलाल ने पाला बदलते हुए राजद का दामन थाम लिया और अब इस सीट पर अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी को चुनौती दे रहे हैं। छोटे लाल ने जदयू के उम्मीदवार के तौर पर परसा सीट से 2005 और 2010 में चंद्रिका राय को हराया था लेकिन 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जब महागठबंधन बनाकर जदयू और राजद ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, तब परसा सीट बंटवारे में लालू प्रसाद की पार्टी के खाते में चली गयी थी और इसके उम्मीदवार चंद्रिका राय उक्त चुनाव में विजयी हुए थे।

परसा को चंद्रिका राय के परिवार का गढ़ माना जाता है। चंद्रिका के पिता दरोगा प्रसाद राय ने 1951 में स्वतंत्र भारत में पहले विधानसभा चुनाव के बाद से सात कार्यकालों तक इसका प्रतिनिधित्व किया था। चंद्रिका राय ने अपने पिता की मृत्यु के बाद इस सीट को संभाला और 1985 के बाद से इस पर छह बार जीत दर्ज की। चंद्रिका राय अपने निर्वाचन क्षेत्र के दौरे के दौरान लोगों से परसा विधानसभा क्षेत्र में विकास की गति को बनाए रखने के लिए “डबल इंजन” (केंद्र एवं बिहार में राजग सरकार) सरकार सुनिश्चित करने के लिए वोट देने के लिए कह रहे हैं।

ऐश्वर्या के साथ उनकी माँ पूर्णिमा यादव भी परसा में रोड शो कर रही हैं और लोगों से मिलकर "लालू के परिवार द्वारा अपनी बेटी के साथ किए गए दुव्यर्वहार के लिए उन्हें सबक सिखाने" की अपील कर रही हैं। वर्ष 2019 की मतदाता सूची के अनुसार, परसा विधानसभा क्षेत्र में 2,58,877 मतदाता हैं। इसमें से यादव मतदाताओं की संख्या लगभग 65,000 है। राजद को पहले की भांति इस बार भी अपने ''एमवाई समीकरण'' (मुस्लिम-यादव) मतदाताओं पर भरोसा है, यहां मुस्लिम आबादी लगभग 35,000 है।

इस निर्वाचन क्षेत्र में मुख्यमंत्री कुमार के कुर्मी जाति के 40,000 लोगों की महत्वपूर्ण उपस्थिति है, इसके अलावा लगभग 30,000 अगड़ी जातियों के लोग हैं, जिनमें से ज्यादातर राजपूत हैं। राजग में शामिल जदयू से नाता तोड़कर अपने बलबूते चुनाव लड़ रही चिराग पासवान की पार्टी लोजपा ने इस सीट से भाजपा के बागी राकेश कुमार सिंह को मैदान में उतारा है जो चंद्रिका राय के लिए मुश्किल बढा सकते हैं। वहीं राजद को जन अधिकार पार्टी के शैलेन्द्र यादव से भी चुनौती मिल रही है, जिसका नेतृत्व मधेपुरा के पूर्व सांसद और एक प्रमुख यादव राजनेता राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव कर रहे हैं। 

Web Title: Bihar Assembly Elections: battle of prestige over election battle between two veteran Yadav families in Parsa seat

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