नई दिल्ली/पटनाः बिहार में तीन चरण में मतदान है। पहले चरण के लिए नामांकन भी जारी है। कांग्रेस और राजद से अच्छी खबर आ रही है। बिहार चुनाव में कांग्रेस-राजद और वाम दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
साथ में मुकेश साहनी की विकासशील इनसान पार्टी (वीआईपी) भी साथ में है। तेजस्वी यादव और राहुल गांधी में फोन पर बात हुई। आरजेडी व कांग्रेस में डैमेज कंट्रोल की कोशिश के बीच राहुल गांधी व तेजस्वी यादव की बात हुई। इस बीच पटना में कांग्रेस नेताओं के तेवर नरम पड़ते दिख रहे हैं।
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि महागठबंधन में सीट बंटवारे पर बात पक्की हो गई है। कांग्रेस 68-70 सीटों पर, जबकि मुकेश सहनी की पार्टी 10 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सीपीआईएमएल को 19 जबकि सीपीआई और सीपीएम को 10 सीटें दी जा सकती हैं, वहीं राजद अकेले 136-138 सीट पर उतरेगी। हालांकि अभी इस बारे में औपचारिक ऐलान बाकी है।
राजद के सांसद मनोज ने कहा कि सब कुछ ठीक है। हम जल्द ही ऐलान कर देंगे
राजद के सांसद मनोज ने कहा कि सब कुछ ठीक है। हम जल्द ही ऐलान कर देंगे। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कल कहा था कि सोमवार से पार्टी नेता नामांकन प्रारंभ कर देंगे। बिहार में 243 विधानसभा सीट है। 2015 में कांग्रेस-राजद और जदयू मिलकर चुनाव लड़े थे। उस समय कांग्रेस ने 27 सीट पर कब्जा किया था। लालू प्रसाद यादव ने 80 सीट पर कब्जा किया था।
सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन के घटक दलों के साथ बातचीत की प्रकिया में शामिल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता की मानें तो जीतन राम मांझी के अलग होने और राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) के नेता उपेंद्र कुशवाहा के भी अलग राह पकड़ने के अंदेशे को देखते हुए कांग्रेस वाम दलों को विपक्षी गठबंधन में शामिल करने के पक्ष में है।
बताया जाता है कि आरजेडी व कांग्रेस दोनों से लचीला रुख अपनाया
बताया जाता है कि आरजेडी व कांग्रेस दोनों से लचीला रुख अपनाया है। आरजेडी करीब 136-138 सीटों पर अपने प्रत्याशी देगी तो कांग्रेस भी अपनी मांग से घट कर करीब 68 सीटों के लिए राजी बताई जा रही है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माले को 19 तो मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को आरजेडी 10 सीटें देने को राजी हो गई है। विकासशील इनसान पार्टी को भी करीब एक दर्जन सीटें दी जा सकतीं हैं। बताया जाता है कि बातचीत का दौर अभी भी जारी है, इसलिए सीटों की संख्या में हल्की फेरबदल हो सकती है।
विदित हो कि राहुल गांधी के हस्तक्षेप के पहले तक महागठबंधन में सीट बंटवारे का पेंच फंसा हुआ था। आरजेडी करीब 150 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता था। कांग्रेस अपने लिए 70 से 80 सीटें मांग रही थी, लेकिन आरजेडी 65 से अधिक देने के लिए तैयार नहीं थी। कांग्रेस किसी समझौते के मूड में नहीं दिख रही थी। इसे लेकर कांग्रेस नेताओं के बयान आ रहे थे। बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल के ताजा बयान से तेजस्वी यादव बेहद नाराज हो गए थे।
उल्लेखनीय है कि 2015 के विधानसभा चुनाव में भाकपा-माले 98 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसे तीन सीटों पर जीत मिली थी, भाकपा 91 और माकपा 38 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन उन्हें कोई सीट नहीं मिली थी। गौरतलब है कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए तीन चरणों में 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 10 नवंबर को होगी।