Bihar Vidhan Sabha Election 2020: बिहार में समाजवाद के नाम पर परिवारवाद, पुत्र, पुत्री, पत्नी के बाद दामाद और समधन भी मैदान में

By एस पी सिन्हा | Updated: October 9, 2020 15:27 IST2020-10-09T15:27:54+5:302020-10-09T15:27:54+5:30

विधानसभा के मौजूदा चुनाव में 3 जोड़ी ससुर दामाद ताल ठोकने उतर चुके हैं. यह सभी अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं. इनमें एक जोडी एक ही दल और एक ही जिले, एक जोड़ी एक दल और दो जिले, जबकि ससुर-दामाद की तीसरी जोड़ी दो दल और दो जिले से मैदान में ताल ठोक रहे हैं.

Bihar assembly elections 2020 bjp jdu rjd congress ljp ham rlsp nitish kumar lalu yadav | Bihar Vidhan Sabha Election 2020: बिहार में समाजवाद के नाम पर परिवारवाद, पुत्र, पुत्री, पत्नी के बाद दामाद और समधन भी मैदान में

डेढ़ दर्जन से अधिक नेता पुत्र, पुत्री, पत्नी और बहू मैदान में अपना भाग्य आजमाने उतरी हैं. (file photo)

Highlightsचंद्रिका राय की तरफ से तेज प्रताप को हसनपुर में हाशिए पर ले जाने की पूरी कोशिश होने वाली है.जदयू के टिकट पर विधायक कौशल यादव नवादा सीट से तो उनकी पत्नी पूर्णिमा देवी गोविंदपुर सीट से मैदान में हैं. जदयू के टिकट पर ओबरा से सुनील कुमार तो गोह से राजद के सिम्बल पर भीम कुमार सिंह मैदान में हैं.

पटनाः बिहार में समाजवाद के नाम पर परिवारवाद का इस बार ऐसा चेहरा सामने आ रहा है कि कल तक पुत्र, पोता और पत्नी बहु मैदान में होते थे, लेकिन अब दामाद जी, समधन और बेटी भी चुनावी अखाडे़ में ताल ठोकने उतर गए हैं.

बिहार विधानसभा के मौजूदा चुनाव में 3 जोड़ी ससुर दामाद ताल ठोकने उतर चुके हैं. यह सभी अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं. इनमें एक जोडी एक ही दल और एक ही जिले, एक जोड़ी एक दल और दो जिले, जबकि ससुर-दामाद की तीसरी जोड़ी दो दल और दो जिले से मैदान में ताल ठोक रहे हैं. ये ससुर-दामाद जदयू, राजद और हम के प्रत्याशी हैं.

समधी-समधन का भी एक ही दल से मैदान में उतरना और भी दिलचस्प

वहीं, समधी-समधन का भी एक ही दल से मैदान में उतरना और भी दिलचस्प है. हम सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी गया जिले की इमामगंज सीट से चुनाव लड़ रहे हैं तो उन्होंने दामाद देवेन्द्र मांझी को जहानाबाद जिले की मखदुमपुर सीट से उतारा है. जबकि जीतनराम मांझी की समधन ज्योति देवी भी बाराचट्टी से चुनाव लड़ रही हैं.

वहीं, नीतीश कुमार कैबिनेट के विधि मंत्री और 25 साल से लगातार जीत दर्ज कराने वाले जदयू नेता नरेंद्र नारायण यादव एक बार फिर से मधेपुरा जिले के आलमनगर सीट से किस्मत आजमा रहे हैं तो वहीं उनके दामाद निखिल मंडल मधेपुरा से जोर आजमाइश में जुट गए हैं. इसतरह से एक ही दल में दामाद, समधन और ससुर तीनों उम्मीदवार बने हैं. अब देखना यह होगा कि किसका किस्मत साथ देता है. 

दोनों ही विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे

उसी तरह पूर्व मंत्री चंद्रिका राय और उनके दामाद लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के रिश्ते में भले ही दरार आ गई है, पर दोनों ही विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. चंद्रिका अपनी पुरानी सीट परसा से जदयू से मैदान में हैं तो उनके दामाद तेजप्रताप यादव के राजद से समस्तीपुर के हसनपुर से उतरने के आसार हैं.

तेज प्रताप यादव समस्तीपुर के हसनपुर से चुनाव लड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ ससुर चंद्रिका राय ने अपने दामाद तेज प्रताप का हर कीमत पर विरोध करने का मन बना लिया है. यानी चंद्रिका राय की तरफ से तेज प्रताप को हसनपुर में हाशिए पर ले जाने की पूरी कोशिश होने वाली है.

वहीं, एक ही दल से एक जोड़ी पति-पत्नी भी जनता की अदालत में उतरे हैं. जदयू के टिकट पर विधायक कौशल यादव नवादा सीट से तो उनकी पत्नी पूर्णिमा देवी गोविंदपुर सीट से मैदान में हैं. 2015 के चुनाव में पूर्णिमा कांग्रेस के टिकट पर जीती थीं. दो चचेरे भाई भी दो दलों से उतरे हैं. जदयू के टिकट पर ओबरा से सुनील कुमार तो गोह से राजद के सिम्बल पर भीम कुमार सिंह मैदान में हैं. भीम पूर्व विधायक स्व. रामनारायण सिंह के पुत्र हैं तो सुनील उनके भतीजे हैं.

डेढ़ दर्जन से अधिक नेता पुत्र, पुत्री, पत्नी और बहू मैदान में अपना भाग्य आजमाने उतरी

इस तरह से डेढ़ दर्जन से अधिक नेता पुत्र, पुत्री, पत्नी और बहू मैदान में अपना भाग्य आजमाने उतरी हैं. लगभग सभी दलों ने ऐसे प्रत्याशी दिए हैं, जिनका संबंध राजनीतिक परिवारों से है. मौजूदा चुनाव में दोनों प्रमुख घटकों महागठबंधन और एनडीए की ओर से पहले चरण में कई नेताजी के बेटे-बेटी-बहू और पत्नियों को मैदान में उतारा गया है.

कुछ ने कानूनी मजबूरी से अपने आश्रित को राजनीति में उतारा है, कुछ ने अस्वस्थता और अधिक उम्र की वजह से तो कई अपने रहते बेटे-बेटी को राजनीति में स्थापित करने की मंशा से. कांग्रेस ने अपने दो वरिष्ठ विधायकों सदानंद सिंह और अवधेश कुमार सिंह के आग्रह पर मैदान में उनके बेटे को उतारा है. शुभानंद सिंह कहलगांव तो शशिशेखर सिंह वजीरगंज से चुनाव लड रहे हैं. पूर्व विधायक आदित्य सिंह की बहू नीतू कुमारी हिसुआ तो पूर्व मंत्री दिलकेश्वर राम के पुत्र राजेश राम कुटुम्बा से उतरे हैं. 

भाजपा ने पूर्व सांसद दिग्विजय सिंह की पुत्री श्रेयसी सिंह को जमुई से प्रत्याशी बनाया

भाजपा ने पूर्व सांसद दिग्विजय सिंह की पुत्री श्रेयसी सिंह को जमुई से प्रत्याशी बनाया है. भभुआ सीट से रिंकी रानी पांडेय भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं. वह पूर्व विधायक स्व. आनंद भूषण पांडेय की पत्नी हैं. जदयू जदयू में पहले चरण के चुनाव में अमरपुर विधायक जनार्दन मांझी के पुत्र जयंत राज अमरपुर से, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा के बेटे राहुल कुमार घोषी से उतरे हैं.

राजद की बात करें तो इस दल ने राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी को नवादा और अरुण यादव की पत्नी किरण देवी को संदेश से टिकट दिया है. दोनों दुष्कर्म मामले में दागी हैं पर राजद ने उनकी पत्नियों को अपना उम्मीदवार बनाने से कोई परहेज नहीं किया.

प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह रामगढ, पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांति सिंह के बेटे ऋषि सिंह ओबरा, पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी के बेटे राहुल तिवारी शाहपुर, पूर्व सांसद जयप्रकाश यादव की बेटी दिव्या प्रकाश तारापुर तो भाई विजय प्रकाश जमुई से मैदान में उतरे हैं. इसतरह से बिहार में परिवारवाद का नया कहानी गढ़ने को तैयार दिखता है. सभी दलों ने इसकी कमी नही होने दी है.

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