बिहार विधानसभा चुनाव के बाद नतीजों से पहले ही कांग्रेस में विधायकों को एकजुट रखने की कोशिशें भी शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार सभी उम्मीदवारों को ये निर्देश दिए गए हैं कि जीत के बाद वे तुरंत वरिष्ठ नेताओं से संपर्क करें। साथ ही किसी विशेष परिस्थिति में विधायकों को राजस्थान या पंजाब भेजने की भी तैयारी रखी गई है।
चुनाव के बाद आए ज्यादात एग्टिज पोल ने बताया है कि बिहार में कांटे का मुकाबला है और महागठबंधन के सत्ता में आने की उम्मीद ज्यादा है। ऐसे में अगर कहीं मामला फंसता है तो कांग्रेस कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहती है। सभी उम्मीदवारों से कहा गया है कि वे जीत के बाद फौरन समन्वय की जिम्मेदारी संभाल रहे रणदीप सुरजेवाला से संपर्क करें।
वहीं, बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किशोर कुमार झा के अनुसार जेडीयू-भाजपा सरकार बनाने के लिए किसी भी स्तर तक जा सकते हैं, ऐसे में सावधानी जरूरी है। उन्होने कहा कि पार्टी को बिहार सहित कई राज्यों में टूट का सामना करना पड़ा है।
इस बीच हॉर्स ट्रेडिंग के सवाल पर बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने कहा है कि जिन लोगों ने देश को बेचने का काम किया, उन्हें ऐसी बातें शोभा नहीं देती हैं। संजय जयसवाल ने कहा कि इन लोगों को इतिहास में झांकना चाहिए कि इन्होंने कैसे देश में हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा दिया।
वहीं, बीजेपी प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने भी मंगलवार को कहा कि आरजेडी और कांग्रेस के लोग एग्जिट पोल देखकर खुश हो रहे हैं, लेकिन वास्तविक रिजल्ट में एनडीए की जीत होगी। उन्होंने दावा किया कि बिहार में एनडीए की सरकार बनाने जा रही है।
बता दें कि बिहार में तीन चरण में विधानसभा चुनाव हुए हैं और आज वोटों की गिनती हो रही है। बिहार में 243 सदस्यों वाले विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा 122 का है। कांग्रेस चुनावी मैदान में आरजेडी के साथ गठबंधन के तहत उतरी है और 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।