Bihar Assembly Anti-paper leak bill: पेपर लीक विरोधी विधेयक बिहार विधानसभा में पारित, 10 साल जेल से लेकर 10000000 रुपए जुर्माने का प्रावधान
By एस पी सिन्हा | Updated: July 24, 2024 15:20 IST2024-07-24T15:03:42+5:302024-07-24T15:20:58+5:30
Bihar Assembly Anti-paper leak bill: बिहार विधानसभा ने सरकारी भर्ती परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक और अनियमितता रोकने के उद्देश्य से विधेयक पारित किया।

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पटनाः बिहार विधानसभा में बुधवार को पेपर लीक विरोधी विधेयक ध्वनि मत से पारित हुआ। विपक्ष ने इस दौरान वॉकआउट किया। सरकारी भर्ती परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक और अनियमितता रोकने के उद्देश्य से विधेयक पारित किया गया है। पेपर लीक करने पर 10 साल जेल से लेकर 1 करोड़ रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। बिल के मुताबिक पेपर लीक को सीरियस क्राइम माना जाएगा। यह नियम राज्य सरकार की तरफ से आयोजित होने वाली सभी परीक्षा में लागू होंगे। इसके तहत डीएसपी रैंक के अधिकारी मामले की जांच करेंगे।
Anti-paper leak bill passed by voice vote in Bihar Assembly today; Opposition stages walk out
— ANI (@ANI) July 24, 2024
बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र के आज तीसरे दिन बुधवार को बिहार विधानसभा में बिहार लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक 2024 विधेयक के साथ-साथ बिहार माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2024 और बिहार लिफ्ट एवं एस्केलेटर विधेयक 2024 भी पास हो गया। बिहार लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक 2024 विधेयक में परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों पर न सिर्फ एक करोड़ रुपए के जुर्माना का प्रावधान किया गया है। बिहार विधानसभा से कानून पास होने के बाद पेपर लीक मामलों के आरोपियों पर गैर जमानती धाराएं लगायी जाएंगी।
नये बिल में पेपर लीक में शामिल व्यक्तियों या संस्थाओं को 3-10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही 10 लाख से 1 करोड़ जुर्माने का भी प्रावधान है। बिहार विधानसभा में जैसे ही इन तीनों विधेयकों पर चर्चा शुरू हुई, वैसे ही विपक्षी दलों ने वॉकआउट कर दिया। इससे पहले दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों ने हंगामा किया था।
लेकिन विधेयक पेश होते ही वे बाहर निकल गये। इस दौरान सदन में किसी का मोबाइल भी बजा, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव गुस्सा हो गये और कहा कि किसका मोबाइल बज रहा है। साइलेंट कीजिए। उल्लेखनीय है कि बिहार में एक बार पहले भी 1981 में प्रयास हुआ था, जब परीक्षा में नकल करने की प्रवृत्ति बढ़ी थी।
लेकिन वह कानून इतने सख्त नहीं थे 6 माह तक की सजा और 2000 जुर्माना का प्रावधान किया गया था। अब पहली दफा सख्त सजा देने का प्रावधान किया गया है। वहीं, सेवा कर विधेयक के तहत सेवा प्रदाता कंपनी, नियुक्ति या सेवा के लिए एजेंसी हायर करते हैं वो अगर गड़बड़ी की जाती है उसमें और सख्त कानून बनाया गया है।
उनको एक करोड़ रुपए तक के जुर्माना का प्रावधान किया गया है। इस कानून के आने के बाद बाद उन्हें 4 वर्षों तक प्रतिबंधित करने का भी प्रावधान किया गया है। यानी उन्हें काम नहीं दिया जाएगा। साथ ही सेवा प्रदाता कंपनी के बड़े अधिकारी के खिलाफ इस सजा और जुर्माना का प्रावधान किया गया है।
संगठित अपराध करने पर कंपनी के उच्च स्तर के अधिकारी को 5 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की सजा और एक करोड रुपए तक जुर्माना का प्रावधान है। साथ ही उस एजेंसी के प्रॉपर्टी को जब्त कर करने का प्रावधान किया गया हैं। इस केस में आईओ डीएसपी रैंक के अधिकारी होंगे।
बिहार विधानसभा द्वारा मंगलवार को नगर पालिका (संशोधन) विधेयक, 2024 को ध्वनिमत से पारित किया गया था, जिसमें नगर निकायों के पार्षदों से महापौर और उप महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने और इसके जरिए उन्हें हटाने की शक्ति छीनने की बात कही गई है। इस विधेयक का विरोध करते हुए विपक्ष सदन से बहिर्गमन कर गया।
Bihar assembly passes bill aimed at checking question paper leaks, malpractices in government recruitment exams
— Press Trust of India (@PTI_News) July 24, 2024