बिहार: भूमिहार-ब्राह्मण एकता मंच के आशुतोष कुमार के नेतृत्व में नए राजनीतिक दल का हुआ उदय, बना राष्ट्रीय जन जन पार्टी
By एस पी सिन्हा | Published: May 30, 2020 08:21 PM2020-05-30T20:21:34+5:302020-05-30T21:47:59+5:30
आशुतोष कुमार ने कहा कि बिहार के युवा किसान मजदूर पिछले 30 वर्षों में खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं.
पटना: बिहार में आज एक नई राजीनिक पार्टी ने जन्म ले लिया. भूमिहार-ब्राह्मण एकता मंच के आशुतोष कुमार ने आज राजधानी पटना में नये राजनैतिक विकल्प के तहत 'राष्ट्रीय जन-जन पार्टी' के गठन की घोषणा की. बिहार में विकासवाद की राजनीति के लिए एक नये राजनैतिक विकल्प के तहत राष्ट्रीय जन जन पार्टी के गठन की घोषणा की.
उन्होंने कहा कि बिहार के युवा किसान मजदूर पिछले 30 वर्षों में खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. 7 नवंबर 2019 को पटना के गांधी मैदान में सरकार के खिलाफ सवर्णों के लिए 5 सूत्री मांगों को लेकर रैली का आयोजन किया गया था, जिसमें लाखों किसान व युवाओं ने भाग लिया था.
उस वक्त 5 सूत्री मांगों के लिए सरकार को 6 महीने का अल्टीमेटम दिया गया था, मगर 6 महीने से अधिक होने के बावजूद सरकार ने जनाक्रोश को तवज्जो देना ठीक नहीं समझा. तब जाकर सर्व समाज के कहने पर आज राजनीतिक दल का गठन करना पड़ा.
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद बिहार भारत का सबसे विकासशील राज्य था. श्रीबाबू के नेतृत्व में यहां चौमुखी विकास हो रहा था. उनके बाद राजनीतिक रोटी सेंकनेवालों ने बिहार को बेरोजगार पैदा करनेवाली फ़ैक्टरी दिया.
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का उद्देश्य बिहार को विकसित राज्य की श्रेणी में लाना है. हम बिहार में छोटे-बड़े उद्योग-धंधे स्थापित कर औद्योगिक क्रांति की ओर कदम बढ़ायेंगे. बिहार में वर्षों से बंद पड़े चीनी मिल, पेपर मिल, जूट मिल, रेशम तथा उद्योगों को पुनर्जीवित कर रोजगार का सृजन करेंगे. साथ ही बिहार से भटक रहे लाखों युवाओं को रोजगार दिलायेंगे.
वर्तमान सरकार की मेधावी युवाओं को पूर्णकालिक वेतनमान देने की नीति अपनायेंगे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जन-जन पार्टी बिहार के तमाम युवा बेरोजगारों, किसानों और मजदूरों की समर्पित पार्टी है, जो विकासवाद पर काम करेगी.
हमारी पार्टी बिहार से पलायन को रोकने पर प्रमुखता से कार्य करेगी. हमारी पार्टी का मुख्य उद्देश्य बिहार के किसान को बिचौलिया मुक्त करना है. हम पंजाब के तर्ज पर किसान से 25% बढ़े मूल्य पर सीधे अनाज खरीद करेंगे.
साथ ही जातिगत आरक्षण की जगह आर्थिक आधार पर आरक्षण, सवर्ण बाहुल्य पंचायत को सवर्णों के लिए आरक्षण, गरीब सवर्णों को आरक्षण में सीमा में छूट, नेता-कलेक्टर से आम बच्चों के लिए अनिवार्य स्कूली शिक्षा, सरकारी स्वास्थ संसाधनों में भ्रष्टाचार पर लगाम, किसानों को स्मार्टफोन फोन से जोड़ने, छात्रों को टेक्नोलॉजी से जोड़ कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए आठवीं पास बच्चों को मुफ्त लैपटॉप जैसी योजनाओं से बिहार की तस्वीर को बदलने का काम करेंगे.
उन्होंने कहा कि बिहार में विकास की बयार बहानी है, तो हमें डॉक्टर श्रीकृष्ण सिंह, डॉक्टर अनुग्रह नारायण सिंह, ललित नारायण मिश्र, लाल बहादुर शास्त्री तथा भोला पासवान के दिखाये रास्ते पर ही चलना होगा.