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असदुद्दीन ओवैसी ने फिर से उठाया NRC-CAA का मामला, भाजपा के साथ राजद-कांग्रेस और जदयू पर साधा निशाना

By एस पी सिन्हा | Updated: October 25, 2020 22:11 IST

एनसीआर से 20 लाख लोग बाहर हो गए इसमें मुसलमान मात्र पांच लाख हैं. जबकि हिंदुओं की संख्या 15 लाख है. ओवैसी ने सरकार को सलाह दी इन मुद्दों के बजाय शिक्षा, रोजगार तथा स्वास्थ्य को तरजीह दें.

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ठळक मुद्देअसदुद्दीन ओवैसी ने फिर से एनआरसी तथा सीएए का मामला उठाते हुए उसपर जमकर बरसे हैं. ओवैसी ने एनआरसी तथा सीएए पर राजद तथा नीतीश कुमार दोनों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा केंद्र सरकार ने दोनों को लागू करने की बात कही है.

पटना: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने फिर से एनआरसी तथा सीएए का मामला उठाते हुए उसपर जमकर बरसे हैं. आज विभिन्न चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने एनआरसी तथा सीएए पर राजद तथा नीतीश कुमार दोनों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा केंद्र सरकार ने दोनों को लागू करने की बात कही है. मगर इस मुद्दे पर राजद अपनी जुबां बंद रखे है और नीतीश कुमार लोगों के समक्ष गलत बयानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में इस बार नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनेगें क्योंकि खुद भाजपा नीतीश को रिटायर करना चाहती है. 

ओवैसी ने कहा कि इस समय नरेंद्र मोदी दो घोड़े की सवारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा एनआरसी तथा सीएए सिर्फ मुसलमानों तथा दलितों के लिए सिरदर्द नहीं है बल्कि इससे 50 प्रतिशत से अधिक हिंदुस्तानी इससे प्रभावित होगें. इसका उदाहरण असम है. यहां एनसीआर से 20 लाख लोग बाहर हो गए इसमें मुसलमान मात्र पांच लाख हैं. जबकि हिंदुओं की संख्या 15 लाख है. ओवैसी ने सरकार को सलाह दी इन मुद्दों के बजाय शिक्षा, रोजगार तथा स्वास्थ्य को तरजीह दें. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम किसी एक धर्म की राजनीति नहीं करते हैं. हमपर जो आरोप लगाया जाता है वह गलत है. उन्होंने कहा कि इस प्रदेश में 15 वर्षों तक लालू प्रसाद की पार्टी और फिर उतने ही वर्षो तक नीतीश कुमार वाली गठबंधन ने शासन किया. लेकिन इन दोनो से जनता को कोई फायदा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि पिछले 30 वर्षों से (15 साल राजद का शासन एवं 15 साल जदयू-भाजपा का शासन) बिहार में कोई बदलाव नहीं हुआ है. आज भी शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्‍य सेवाएं बदहाल हैं. शिक्षकों की हक मारी जा रही है. बेरोजगारी की समस्या जटिल है. लोग अन्य प्रदेश पलायन करने को मजबूर हैं. कांग्रेस ने भी अल्पसंख्यकों को छलने का काम किया है.

ओवैसी ने कहा कि आज भी हम भागलपुर दंगा को नहीं भूले हैं. जब भागलपुर में दंगा हुआ था तो केंद्र और बिहार में कांग्रेस की ही सरकार थी. कांग्रेस, राजद और जदयू-भाजपा के कार्यकाल में भागलपुर का रेशम उद्योग चौपट हो गया. जिसकी स्थिति आज तक नहीं सुधरी है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अल्पसंख्यकों को बरगलाने का काम किया है. इसलिए इस बार अल्पसंख्यक एकजुट होकर अपने हक के लिए अपनी एआइएमआइएम, रालोसपा एवं बासपा समर्थित उम्मीदवार को अपना मत दे रही है. उन्‍होंने कहा कि तभी सभी को असली सम्मान मिलेगा, जब बिहार में हमारी गठबंधन की सरकार बनेगी और उपेन्द्र कुशवाहा मुख्यमंत्री बनेंगे. उन्होंने कहा कि आम लोगों को एनआसी और एनआरपी नहीं चाहिए, उसे बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार चाहिए. लेकिन भाजपा इस मुद्दों से भटका कर हिंदू-मुस्लिम करके कौमी एकता भंग करना चाहती है. लेकिन आप लोग किसी से डरें नहीं. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के बनाए संविधान के अनुसार अपनी बेहतरी के लिए लडाई जारी रखें. उन्‍होंने अपनी सभा में कई बार केंद्र और राज्‍य की नीतियों की जमकर आलोचना की. सभा में रालोसपा के अध्यक्ष तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने भी राजद तथा नीतीश दोनों पर हमला किया, उन्होंने कहा बड़े भाई तथा मंझले भाई ने 30 वर्षों के शासन में बिहार को पीछे धकेलने का काम किया. उन्होंने अपने लिये पांच साल मांगा तथा भरोसा दिलाया कि बिहार में हम उजियारा लायेगें. 

टॅग्स :बिहार विधान सभा चुनाव 2020असदुद्दीन ओवैसीबिहार
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