नई दिल्ली: आईटी संशोधन नियमों के फैक्ट चेक (तथ्य-जांच) प्रावधानों को लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस ने इसे लेकर शनिवार, 8 अप्रैल को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि इस देश के मीडिया को पीएमओ का चपरासी नियंत्रित करता है और अब इस नियम की वजह से सरकार सोशल मीडिया पर भी आवाजों को दबाने का काम करेगी।
सुप्रिया श्रीनेत ने आगे कहा, "जब पहले से ही इस देश की मीडिया को PMO का चपरासी अपने व्हाट्सएप से चलाता है उस दौर में ऑल्टर्नेट मीडिया पर ही स्वतंत्र खबरे आती हैं, लेकिन अब सरकार को असहज करने वाली खबरें ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब, व्हाट्सएप और तमाम ऐसे प्लेटफॉर्म पर चलेंगी तो सरकार उसे हटवा सकती है। मोदी सरकार हर उस आवाज का दमन करना चाहती है जो इनसे सवाल पूछता हो। बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक असमानता, किसानों की दुर्दशा, चीन का अतिक्रमण और सबसे बड़ा मुद्दा- अडानी महाघोटाला, ऐसे असहज करने वाले सवाल जो भी पूछेगा सरकार उसका दमन करेगी।"
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा, "बीजेपी से बड़ी फेक न्यूज फैक्ट्री दुनिया में कोई नहीं है। फेक न्यूज के सबसे बड़े सरगना बीजेपी आईटी सेल के हेड हैं और हर बार इनका झूठ पकड़ा जाता है। यही नहीं, झूठ फैलाने का काम BJP सरकार के मंत्री करते हैं। 2019 में सरकार ने बेरोजगारी की स्टोरी को फेक कहा, फिर NSSO के डेटा में खबर सही निकली। 2022 में सरकार ने पोषण स्कीम की खबर को फेक कहा, फिर खबर सही निकली। गलवान मामले में भी यही हुआ। ये नोटिफिकेशन मीडिया पर सेंशरशिप है।"
बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गुरुवार को कहा था कि गूगल, फेसबुक और ट्विटर जैसी इंटरनेट कंपनियां अगर सरकार द्वारा अधिसूचित फैक्ट चेकर (तथ्य-अन्वेषक) द्वारा किसी जानकारी को गलत या भ्रामक बताने के बाद उसे हटाने में नाकाम रहती हैं, तो वे अपना संरक्षण गंवा सकती हैं।
नए प्रावधानों को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा। सिब्बल ने कहा, "अब सरकार तय करेगी कि क्या फर्जी है और क्या नहीं। और अमित शाह जी कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे में नहीं है।"