मुंबई, 12 जनवरी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को तीन नए कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाए जाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि इससे किसानों को ‘‘बड़ी राहत’’ मिलेगी।
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने उम्मीद जतायी कि अब कृषकों के हितों को ध्यान में रखते हुए केंद्र और किसानों के बीच ठोस वार्ता शुरू होगी।
पिछले महीने पवार ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी और तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का अनुरोध किया था।
पवार ने ट्वीट कर कहा, ‘‘तीन कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाने और मुद्दे को हल करने के वास्ते चार सदस्यीय समिति गठित किए जाने का उच्चतम न्यायालय का आदेश स्वागत योग्य है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘किसानों के लिए यह बड़ी राहत है और मुझे उम्मीद है कि कृषकों के हितों को ध्यान में रखते हुए अब केंद्र सरकार और किसानों के बीच ठोस वार्ता शुरू होगी।’’
महाराष्ट्र के राकांपा प्रमुख जयंत पाटिल ने कहा कि केंद्र को इन कानूनों को निरस्त करना चाहिए, जबकि पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने न्यायालय के आदेश को किसानों को न्याय की दिशा में उठाए गया कदम बताया।
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन से उत्पन्न स्थिति का समाधान खोजने के प्रयास में तीनों विवादास्पद कानूनों के अमल पर रोक लगाने के साथ ही किसानों की शंकाओं और शिकायतों पर विचार के लिये एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर दी।
महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने ट्वीट किया, ‘‘कृषि कानूनों के अमल पर उच्चतम न्यायालय की रोक स्वागतयोग्य और किसानों के लिए न्याय की दिशा में उठाया गया सकारात्मक कदम है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार को अब इस तरह से काम करने का अपना अड़ियल रवैया छोड़ देना चाहिए और अपनी भूल को स्वीकार कर उसे ठीक करना चाहिए।’’
पाटिल ने एक वीडियो संदेश में कानूनों के अमल पर रोक लगाए जाने के लिए न्यायालय को धन्यवाद कहा। राज्य के जल संसाधन मंत्री पाटिल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को कानूनों को निरस्त करने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए।
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