भोपाल: समाधि नहीं ले सके मिर्ची बाबा, जिला प्रशासन ने होटल में किया नजरबंद
By राजेंद्र पाराशर | Published: June 17, 2019 04:51 AM2019-06-17T04:51:56+5:302019-06-17T04:51:56+5:30
भोपाल पहुंचने पर बाबा ने बताया कि समाधि लेने की घोषणा के बाद उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है. उनके पास करीब 1 हजार फोन काल आए हैं, जिनमें जान से मारने की धमकी दी गई है.
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में लोकसभा चुनाव के दौरान दिग्विजय सिंह की जीत का दावा करने वाले वैराग्यनंद, मिर्ची बाबा आज जल समाधि लेने के लिए भोपाल तो पहुंचे, मगर प्रशासन की सख्ती के चलते वे जल समाधि नहीं ले सके. प्रशासन ने उन्हें एक आलीशान होटल में दिनभर नजरबंद रखा.
बाबा वैराग्यानंद ने बकायदा भोपाल कलेक्टर को पत्र लिखकर जल समाधि लेने की बात कही थी. बाबा वैराग्यानंद ने 16 जून को समाधि के लिए भोपाल के बड़ा तालाब को चुना है. बाबा ने दावा किया है कि चाहे प्रशासन अनुमति ना दे लेकिन वो 16 जून के दिन जल समाधि जरूर लेंगे. इसके चलते वे आज सुबह भोपाल पहुंचे और एक होटल में रुके थे. उनके पहुंचने की खबर जब जिला प्रशासन को मिली तो प्रशासन सजग हो गया. इसके बाद बाबा को राजधानी के मिनाल क्षेत्र स्थित होटल अवध पैलेश में नजरबंद कर दिया गय. मिर्ची बाबा की सुरक्षा में पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई. कमरे के बाहर पुलिसकर्मी उनकी सुरक्षा में तैनात रहे, वे अंदर से जलसमाधी लेने की बात कहते रहे.
मेरा यज्ञ असफल नहीं हुआ, निष्फल हुआ हूं मैं
भोपाल पहुंचने पर बाबा ने बताया कि समाधि लेने की घोषणा के बाद उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है. उनके पास करीब 1 हजार फोन काल आए हैं, जिनमें जान से मारने की धमकी दी गई है. उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी से कुछ भी नहीं कहा बोला. बाबा ने मीडिया के माध्यम से गलत अफवाह उड़ाने का भी आरोप लगाया. बाबा ने बताया कि उन्होंने 5 किलो मिर्ची से हवन किया है, लेकिन मेरे खिलाफ अब 5 टन मिर्ची की हवाएं उड़ाई जा रही है. बाबा के मुताबिक उनकी दिग्विजय सिंह से कोई बातचीत नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरा यज्ञ असफल नहीं हुआ है. जनता जनार्दन का फैसला रहा, मैं उसका सम्मान करता हूं. यज्ञ अनुष्ठान की परंपरा को निभाते हुए निष्फल हुआ है. उसके लेकर मैं जिंदा समाधि लूंगा.
दूसरा मुहुर्त निकालूंगा और लूंगा समाधि
मिर्ची बाबा अब भी जल समाधि को लेकर अडिग हैं. उन्होंने कहा कि आज मुहुर्त के हिसाब से उन्हें 2 बजकर 11 मिनट पर जलसमाधि लेनी थी, मगर अब मुहुर्त चला गया. अब वे दूसरा मुहुर्त निकालेंगे और फिर प्रशासन से समाधि लेने की अनुमति मांगेंगे. फिलहाल उन्होंने 20 जून तक के लिए अन्न-जल त्याग दिया है.