लाइव न्यूज़ :

मध्य प्रदेश: शिवराज सिंह ने विधायकों के साथ मंत्रालय के बाहर गाया वंदे मातरम, कमलनाथ पर लगाया परंपरा तोड़ने का आरोप

By स्वाति सिंह | Updated: January 7, 2019 11:07 IST

पिछले लगभग 13 साल से हर महीने के पहले कामकाजी दिन भोपाल स्थित वल्लभ भवन (राज्य सचिवालय) में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ गायन की परंपरा एक जनवरी को टूटने के बाद हुए विवाद के बीच मध्य प्रदेश सरकार ने कहा है कि राष्ट्रगीत गायन की नयी व्यवस्था लागू होगी।

Open in App

मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता परिवर्तन के बाद अब राष्ट्रीय गीत को लेकर विवाद छिड़ा है। इसी बीच सोमवार को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने विधायकों के साथ सचिवालय पहुंच वंदे मातरम् गाया। इस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह भी मौजूद रहे।

बता दें कि पिछले लगभग 13 साल से हर महीने के पहले कामकाजी दिन भोपाल स्थित वल्लभ भवन (राज्य सचिवालय) में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ गायन की परंपरा एक जनवरी को टूटने के बाद हुए विवाद के बीच मध्य प्रदेश सरकार ने कहा है कि राष्ट्रगीत गायन की नयी व्यवस्था लागू होगी। राष्ट्रगीत गायन में अब सरकारी कर्मचारियों के अलावा पुलिस बैंड, आम जनता एवं क्रम से मंत्री भी शामिल होंगे।

मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बृहस्पतिवार को कहा गया कि, ‘‘राज्य शासन द्वारा नये स्वरूप में भोपाल में वंदे-मातरम् गायन की व्यवस्था की गई है। नयी व्यवस्था में शौर्य स्मारक से प्रात: 10.45 बजे कार्यक्रम प्रारंभ होगा और पुलिस बैण्ड राष्ट्रीय भावना जाग्रत करने वाले गीतों की धुन बजाते हुए वल्लभ भवन पहुंचेगा। आम जनता भी पुलिस बैण्ड के साथ चल सकेगी।’’ विज्ञप्ति के अनसार, ‘‘पुलिस बैण्ड और आम जनता के वल्लभ भवन पहुंचने पर राष्ट्रीय गान ' जन-गण-मन' और राष्ट्रीय-गीत 'वन्दे-मातरम्' गाया जायेगा।’’ नये स्वरूप में वंदे मातरम् गायन का यह कार्यक्रम प्रत्येक माह के प्रथम कार्य-दिवस पर ही होगा। कार्यक्रम में राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य क्रम से शामिल होंगे। आम जनता की भागीदारी से 'वंदे मातरम्' गायन का यह कार्यक्रम भोपाल के आकर्षण के बिन्दुओं में से एक बन सकेगा।

ज्ञात हो कि इसके पूर्व 'वंदे मातरम्' गायन का कार्यक्रम राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रत्येक माह के प्रथम कार्य-दिवस को सिर्फ शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों की सहभागिता से ही किया जाता था। पिछले करीब 13 साल पहले भाजपा शासनकाल में शुरू हुई इस परंपरा के एक जनवरी को टूटने पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कड़ी आलोचना की थी।

(भाषा इनपुट के साथ) 

Open in App

संबंधित खबरें

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद

कारोबारसवाल है कि साइबर हमला किया किसने था ?

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतWest Bengal: मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ के शिलान्यास को देखते हुए हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

भारत अधिक खबरें

भारतKyrgyzstan: किर्गिस्तान में फंसे पीलीभीत के 12 मजदूर, यूपी गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्ट

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: कहां से आया 'जय भीम' का नारा? जिसने दलित समाज में भरा नया जोश

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: आज भी मिलिंद कॉलेज में संरक्षित है आंबेडकर की विरासत, जानें

भारतडॉ. आंबेडकर की पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी समेत नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

भारतIndiGo Crisis: लगातार फ्लाइट्स कैंसिल कर रहा इंडिगो, फिर कैसे बुक हो रहे टिकट, जानें