नई दिल्ली, 29 अगस्त: महाराष्ट्र पुलिस ने कई राज्यों में माओवादियों से कथित संबंधों और गैर-कानूनी गतिविधियों के आरोप में देश के पांच बुद्धिजीवियों को गिरफ्तार किया था। ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा है। इस बुद्धिजीवियों की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से जांच होने तक पांचों लोगों की रिहाई की मांग की गई है।
उच्चतम न्यायालय में गिरफ्तारी के खिलाफ अर्जी रोमिला थापर, प्रभात पटनायक, सतीश देशपांडे, माया दर्नाल और एक अन्य ने दी है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर आज( 29 अगस्त) दोपहर 3:45 पर सुनवाई हो सकती है। ये याचिका गिरफ्तार हुए रांची से फादर स्टेन स्वामी , हैदराबाद से वामपंथी विचारक और कवि वरवरा राव, फरीदाबाद से सुधा भारद्धाज और दिल्ली से सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलाख के लिए डाली गई है। अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस याचिका को चीफ जस्टिस की अदालत में पेश किया है। याचिका में गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।
बता दें कि राज्यों में वामपंथी कार्यकर्ताओं के घरों में मंगलवार 28 अगस्त को छापा मारा गया। जिसमें माओवादियों से संपर्क रखने के शक में कम से कम पांच लोगों को गिरफ्तार किया। 31 दिसंबर 2017 को एल्गार परिषद के एक कार्यक्रम के बाद पुणे के पास कोरेगांव - भीमा गांव में दलितों और उच्च जाति के पेशवाओं के बीच हुई हिंसा की घटना की जांच के तहत ये छापे मारे गए थे।
महाराष्ट्र पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से मंगलवार दिल्ली में पत्रकार-सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा, गोवा में प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे, रांची में मानवाधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी, मुंबई में सामाजिक कार्यकर्ता अरुण परेरा, सुजैन अब्राहम, वर्नन गोनसाल्विस, हैदराबाद में माओवाद समर्थक कवि वरवर राव, वरवर राव की बेटी अनला, पत्रकार कुरमानथ और फरीदाबाद में सुधा भारद्वाज के घर पर छापेमारी की।
(भाषा इनपुट)