Bhima Koregaon: गौतम नवलखा, हनी बाबू सहित आठ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल, जानिए पूरा मामला

By सतीश कुमार सिंह | Published: October 9, 2020 04:23 PM2020-10-09T16:23:16+5:302020-10-09T17:03:46+5:30

आनंद तेलतुंबडे, गौतम नवलखा, हनी बाबू, सागर गोरखे, रमेश गायक, ज्योति जगताप, स्टेन स्वामी और मिलिंद तेलतुम्बडे सहित 8 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।

Bhima Koregaon Chargesheet nia Activists, Delhi Professor Among 8 Named | Bhima Koregaon: गौतम नवलखा, हनी बाबू सहित आठ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल, जानिए पूरा मामला

फादर स्वामी को मुंबई ले जाया जाएगा जहां एजेंसी निर्दिष्ट अदालत से उनकी रिमांड मांगेगी। (file photo)

Highlightsएनआईए ने महाराष्ट्र में 2018 भीमा-कोरेगांव हिंसा के मामले में एक और शख्स को गिरफ्तार किया है। एनआईए की एक टीम ने गुरुवार नामकुम स्टेशन परिसर में फादर स्टेन स्वामी को गिरफ्तार किया।रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए राज्य सरकार ने मंगलवार को 31 दिसंबर, 2020 तक अंतिम विस्तार दिया।

नई दिल्लीः राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने भीमा कोरेगांव मामले में आठ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। आनंद तेलतुंबडे, गौतम नवलखा, हनी बाबू, सागर गोरखे, रमेश गायक, ज्योति जगताप, स्टेन स्वामी और मिलिंद तेलतुम्बडे सहित 8 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।

एनआईए ने महाराष्ट्र में 2018 भीमा-कोरेगांव हिंसा के मामले में एक और शख्स को गिरफ्तार किया है। 83 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी को झारखंड से गिरफ्तार किया गया है। कोरेगांव भीमा मामले की जांच कर रही एनआईए की एक टीम ने गुरुवार नामकुम स्टेशन परिसर में फादर स्टेन स्वामी को गिरफ्तार किया।

महाराष्ट्र के कोरेगांव भीमा में 2018 की हिंसा के आरोप में शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आनंद तेलतुंबडे, गौतम नवलखा और दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू सहित आठ लोगों पर आरोप दाखिल किया है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक जनवरी 2018 को भीमा-कोरेगांव में भीड़ को कथित तौर पर हिंसा के लिये उकसाने के मामले में शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा, दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर हनी बाबू और आदिवासी नेता स्टैन स्वामी समेत आठ लोगों के खिलाफ शुक्रवार को एक आरोप पत्र दाखिल कर दिया।

नारंग ने कहा कि आरोपपत्र यहां एक अदालत के समक्ष दाखिल किया गया

अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एनआईए की प्रवक्ता एवं पुलिस उप महानिरीक्षक सोनिया नारंग ने कहा कि आरोपपत्र यहां एक अदालत के समक्ष दाखिल किया गया। जांच के दौरान आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया।

यह मामला 1 जनवरी 2018 को पुणे के निकट कोरेगांव की जंग की 200वीं वर्षगांठ के जश्न के बाद हिंसा भड़कने से संबंधित है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। अन्य जिन लोगों को खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है उनमें गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैंनेजमेंट के प्रोफेसर आनंद तेलतुंबड़े, भीमा-कोरेगांव शौर्य दिन प्रेरणा अभियान समूह की कार्यकर्ता ज्योति जगताप, सागर गोरखे और रमेश गाइचोर शामिल हैं। एनआईए ने आरोप पत्र में मिलिंद तेलतुंबड़े को भी आरोपी बताया है। वह अभी फरार हैं। एनआईए ने इस साल 24 जनवरी को इस मामले की जांच अपने हाथों में ली है।

महाराष्ट्र के पुणे जिले के कोरेगाँव भीमा गाँव के आसपास एक जनवरी, 2018 को हुई हिंसा की जांच कर रहे कोरेगाँव भीमा जाँच आयोग को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए राज्य सरकार ने मंगलवार को 31 दिसंबर, 2020 तक अंतिम विस्तार दिया। यह इस आयोग को दिया गया सातवां विस्तार होगा।

गृह विभाग ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘आयोग को पिछला विस्तार 8 अप्रैल, 2020 तक दिया गया था। हालांकि, राज्य में लॉकडाउन के कारण आगे का विस्तार विचाराधीन था। गृह विभाग ने आयोग को अब 31 दिसंबर, 2020 तक सातवें और अंतिम विस्तार की अनुमति दी है और आयोग से अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।’’

मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी को उनके रांची स्थित घर से गिरफ्तार किया

 राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिसंबर 2017 में पुणे के नजदीक हुई भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में 82 वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी को उनके रांची स्थित घर से गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि स्वामी को मुंबई ले जाया जाएगा। पुणे पुलिस और एनआईए के अधिकारी इस मामले में फादर स्वामी सेपहले दो बार पूछताछ कर चुके हैं। एनआईए के अधिकारियों ने बताया कि प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) से संपर्कों के चलते उन्हें बृहस्पतिवार शाम उनके घर से पूछताछ के लिए लाया गया और फिर गिरफ्तार कर लिया गया।

उन्होंने बताया कि फादर स्वामी को मुंबई ले जाया जाएगा जहां एजेंसी निर्दिष्ट अदालत से उनकी रिमांड मांगेगी। इस मामले में गिरफ्तार होने वाले वह 16वें व्यक्ति हैं। एनआईए के अधिकारियों ने कहा कि जांच में यह साबित हो चुका है कि वह भाकपा (माओवादी) की गतिविधियों में सक्रिय रूप से लिप्त थे। एनआईए का आरोप है कि वह अन्य साजिशकर्ताओं- सुधीर धवले, रोना विल्सन, सुरेंद्र गैडलिंग, अरूण फरेरा, वर्नन गोंजाल्विस, हेनी बाबू, शोमा सेन, महेश राउत, वरवर राव, सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबड़े के साथ समूह की गतिविधियों को आगे बढ़ाने की खातिर संपर्क में थे।

एजेंसी ने आरोप लगाया कि एजेंडा को विस्तार देने के लिए स्वामी को एक सहयोगी के माध्यम से वित्तीय मदद भी मिली। अधिकारियों के मुताबिक वह भाकपा (माओवादी) के संगठन परसिक्युटेड प्रिजनर्स सॉलिडेरिटी कमेटी (पीपीएससी) के समन्वयक भी थे। एनआईए अधिकारियों ने कहा कि फादर स्वामी के पास से समूह के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने से संबंधित साहित्य, प्रचार सामग्री तथा अन्य दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले स्वामी ने एक वीडियो पोस्ट करके कहा कि एनआईए उनसे पूछताछ कर रही है और बीते पांच दिन में उनसे 15 घंटे की पूछताछ की जा चुकी है। स्वामी ने वीडियो में कहा कि वह कभी भीमा कोरेगांव नहीं गए। एनआईए को भीमा कोरेगांव मामले की जांच की जिम्मेदारी इस साल 24 जनवरी को मिली थी।

क्या है पूरा मामला?

साल 2018 में भीमा-कोरेगांव युद्ध का 200वां साल था। ऐसे में इस बार यहां भारी संख्या में दलित समुदाय के लोग जमा हुए थे। जश्न के दौरान दलित और मराठा समुदाय के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस दौरान इस घटना में एक शख्स की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए थे। इस बार यहां दलित और बहुजन समुदाय के लोगों ने एल्गार परिषद के नाम से शनिवार वाड़ा में कई जनसभाएं की, जनसभा में मुद्दे हिन्दुत्व राजनीति के खिलाफ थे, इस मौके पर कई बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाषण भी दिए थे और इसी दौरान अचानक हिंसा भड़क उठी।

Web Title: Bhima Koregaon Chargesheet nia Activists, Delhi Professor Among 8 Named

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