भारत बंद के आह्वान को अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली : संयुक्त किसान मोर्चा
By भाषा | Updated: September 27, 2021 21:04 IST2021-09-27T21:04:12+5:302021-09-27T21:04:12+5:30

भारत बंद के आह्वान को अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली : संयुक्त किसान मोर्चा
नयी दिल्ली, 27 सितंबर तीन कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसान संघों के मुख्य संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सोमवार को कहा कि उसके भारत बंद के आह्वान को 23 से अधिक राज्यों में "अभूतपूर्व और ऐतिहासिक" प्रतिक्रिया मिली और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
मोर्चा ने हालांकि कहा कि सोमवार को "दुर्भाग्य से तीन किसानों की मौत हो गयी।’’ मोर्चा ने कहा कि इस संबंध में अधिक ब्योरे की प्रतीक्षा है।
इसके साथ ही मोर्चा ने दावा किया कि भारत बंद के उसके आह्वान पर मिली प्रतिक्रिया "पहले की अपेक्षा अधिक व्यापक" थी और लगभग सभी विपक्षी राजनीतिक पार्टियों ने बिना शर्त इसका समर्थन किया।
मोर्चा ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत बंद के आह्वान पर काफी सकारात्मक और शानदार प्रतिक्रिया की खबरें आ रही हैं... देश के अन्नदाता की जायज मांगों के साथ शांतिपूर्ण विरोध के 10 महीने होने पर। अधिकतर स्थानों पर समाज के विभिन्न वर्गों की स्वाभाविक हिस्सेदारी देखी गई।"
मोर्चा ने कहा कि भारत बंद 23 से ज्यादा राज्यों में शांतिपूर्ण ढंग से रहा और किसी भी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। मोर्चा ने बंद को समर्थन देने वाले राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों की भी सराहना की।
बयान में कहा गया है कि बंद तथा इस मौके पर आयोजित हुए कई कार्यक्रमों के बारे में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में सैकड़ों स्थानों से खबरें आयी हैं।
इसमें कहा गया है कि सिर्फ पंजाब में ही बंद को समर्थन देने के लिए 500 से ज्यादा जगहों पर लोग एकत्र हुए तथा कई गैर-किसान संगठन भी किसानों के साथ खड़े हुए।
मोर्चा ने बयान में कहा, "केरल, पंजाब, हरियाणा, झारखंड और बिहार जैसे कई राज्यों में जनजीवन लगभग ठप हो गया। रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि दक्षिणी असम, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तराखंड के कई हिस्सों में यही स्थिति थी। इस दिन तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में कई जगहों पर प्रदर्शन किए गए।’’
मोर्चा ने कहा, "यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि भारत के लोग विभिन्न क्षेत्रों में जनविरोधी नीतियों और प्रदर्शनकारी किसानों की जायज मांगों पर सरकार के हठी और अनुचित रुख से ऊब चुके हैं।"
मोर्चा ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने की कीमत में प्रति क्विंटल 25 रुपये की मामूली बढ़ोतरी की पेशकश कर किसानों का अपमान किया है। बयान के अनुसार किसान 425 रुपये प्रति क्विंटल से कम पर समझौता करने को तैयार नहीं हैं।
इससे पहले दिन में कई ट्रेनें रद्द कर दी गयीं, कई राजमार्ग और प्रमुख सड़कों पर यातायात बाधित रहा तथा हजारों लोग घंटों तक फंसे रहे। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 10 घंटे के बंद से देश के कुछ हिस्सों में, खासकर उत्तर में जनजीवन बाधित हुआ।
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