Bharat Bandh: बंगाल, दिल्ली और पंजाब में असर, हावड़ा से कुल 42 ट्रेनें रद्द, बेरोजगारी और महंगाई पर प्रदर्शन
By भाषा | Published: January 8, 2020 02:26 PM2020-01-08T14:26:47+5:302020-01-08T14:26:47+5:30
केंद्र सरकार की “जन-विरोधी” नीतियों के खिलाफ बुधवार को आहूत एक दिन की हड़ताल के समर्थन में मजदूर संगठनों के साथ ही वामपंथी दलों और कांग्रेस समर्थकों के प्रदर्शनों के चलते पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में सड़क और रेल यातायात बाधित हुआ।
सरकार की "जन-विरोधी" नीतियों के खिलाफ मजदूर संगठनों की ओर से बुलाई गई हड़ताल में बुधवार को पंजाब और हरियाणा में सार्वजनिक बैंकों, परिवहन विभाग, डाक घर और किसानों के कई संगठनों ने हिस्सा लिया।
केंद्र सरकार की “जन-विरोधी” नीतियों के खिलाफ बुधवार को आहूत एक दिन की हड़ताल के समर्थन में मजदूर संगठनों के साथ ही वामपंथी दलों और कांग्रेस समर्थकों के प्रदर्शनों के चलते पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में सड़क और रेल यातायात बाधित हुआ।
कोलकाता से कुल 42 ट्रेन रद्द कर दी गईं। सरकारी बैंकों के कर्मचारियों के हड़ताल में हिस्सा लेने से पंजाब और हरियाणा में बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ा है। ट्रेड यूनियन कर्मियों ने पंजाब में लुधियाना, जालंधर और बठिंडा समेत कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया और अपनी मांगों के समर्थन में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
जालंधर में ट्रेड यूनियन कर्मियों द्वारा कारखाने में काम करने वाले कुछ लोगों को काम पर जाने से रोकने की खबर है। पंजाब में लुधियाना समेत कुछ जगहों पर सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रभावित हुई है। हरियाणा में, सार्वजनिक परिवहन सेवा पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
हरियाणा परिवहन के कर्मियों के एक धड़े ने हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की थी। अधिकारियों ने कहा कि हरियाणी और पंजाब में कई बस डिपो में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि बसों की आवाजाही को सुगम बनाया जा सके। इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों - एटक, इंटक, सीटू, एक्टू, सेवा, एलपीएफ समेत अन्य शामिल हैं।
कई स्थानों से हिंसा की छिटपुट घटनाएं भी सामने आई हैं। प्रदर्शनकारियों ने राज्य के कई स्थानों पर रेल एवं सड़क यातायात बाधित किया, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। पूर्वी बर्दवान जिले में विभिन्न स्थानों पर जलते हुए टायर डाले गए और सड़कें बाधित की गई।
इसके अलावा रेलवे पटरियों को भी अवरुद्ध किया गया जिससे रेल यातायात बाधित हुआ। पूर्वी मिदनापुर जिले में बसों पर पथराव किया गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया जिसके बाद झड़प शुरू हो गई और इसके बाद कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि दमदम तथा लेक टाउन इलाकों में वाम समर्थकों और तृणमूल समर्थकों में झड़प हुई। हालात पर काबू पाने के लिए भारी पुलिस बल को घटनास्थल पर भेजा गया।
उन्होंने बताया कि उत्तरी 24 परगना जिले के बारासात इलाके में सड़कों पर देसी बम मिले। प्रदर्शनकारियों ने जिले के औद्योगिक हिस्से में रैलियां निकाली और सड़कों तथा रेलवे पटरियों को अवरुद्ध किया। हालांकि पुलिस ने यातायात सुचारू करने के लिए उन्हें हटा दिया। कोलकाता में सरकारी बसें सामान्य रूप से चल रही हैं, लेकिन शुरुआती घंटों में निजी बसों की संख्या कम थी। इस दौरान शहर में मेट्रो सेवाएं सामान्य थीं और सड़कों पर ऑटो-रिक्शा तथा टैक्सियां भी चल रही थीं।
टॉलीगंज, बेहाला, एस्प्लांडे और जादवपुर समेत शहर के कई इलाकों में भारी पुलिस तैनाती देखी गई है। उत्तर बंगाल के कुछ इलाकों में तृणमूल कांग्रेस ने हड़ताल का विरोध करते हुए रैलियां निकालीं और लोगों से सामान्य स्थिति बनाए रखने का आग्रह किया। देश के प्रमुख संघों इंटक, सीटू, सेवा, एआईटीयूसी, एचएमएस, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी ने बुधवार को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है और उनका दावा है कि इसमें 25 करोड़ श्रमिक शामिल होंगे।
मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और भाजपा नेतृत्व वाली सरकार की ‘‘जनविरोधी नीतियों’’ के विरोध में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई देशव्यापी हड़ताल का कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों जनजीवन पर कोई असर नहीं पड़ा। कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) सहित सरकारी बस सेवाओं और ट्रेन सेवाओं पर इसका कोई असर नहीं दिखा।
स्कूल, कॉलेज और व्यापारिक प्रतिष्ठान भी खुले। कृषि उपज विपणन समिति के यार्ड में इसका कुछ असर देखने को मिला जहां कर्मचारी काम करने नहीं पहुंचे। मंगलुरु में केरल राज्य सड़क परिवहन निगम की अंतरराज्यीय सेवाएं निलंबित है।
एआईटीयूसी कार्याल के पदाधिकारी विजय भास्कर के अनुसार बंगलुरु में टाउन हॉल से फ्रीडम पार्क तक रैली निकाली जाएगी। राज्य के कई हिस्सों में प्रदर्शन और मार्च भी निकाले गए। गौरतलब है कि मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ 10 मजदूर संगठनों ने बुधवार को भारत बंद के रूप में राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। इनका दावा है भारत बंद में 25 करोड़ लोग शामिल होंगे।