मध्य प्रदेश: भय्यूजी महाराज का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन, बेटी ने दी मुखाग्नि
By भारती द्विवेदी | Published: June 13, 2018 04:03 PM2018-06-13T16:03:36+5:302018-06-13T16:03:36+5:30
भय्यूजी महाराज के अंतिम दर्शन के लिए देश-विदेश के अलग-अलग हिस्से से लोग आए हुए हैं। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे भी अंतिम दर्शन के लिए इंदौर पहुंची हुई है।
नई दिल्ली, 13 जून: मध्य प्रदेश आध्यात्मिक गुरू भय्यू जी महाराज का पार्थिव शरीर को मेघदूत मुक्तिधाम पर पंचतत्व में विलीन कर दिया गया है। उनकी बेटी कुहू ने उन्हें मुखाग्नि दी है। उससे पहले उनकी बॉडी को बांबे हॉस्पिटल से उनके घर 'शिवनेरी' लाया गया था। उनके शिष्यों और बाकी लोगों के दर्शन के लिए उनकी बॉडी को फिर सूर्योदय आश्रम ले जाया गया। भय्यूजी महाराज के अंतिम दर्शन के लिए देश-विदेश के अलग-अलग हिस्से से लोग आए हुए हैं। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे भी अंतिम दर्शन के लिए इंदौर पहुंची हुई है।
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वहीं भय्यूजी महाराज के सुसाइड के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। पुलिस को इस मामले में एक और सुसाइड नोट बरामद हुए हैं। जिसमें उन्होंने अपनी सारी दौलत उनके सेवादार और सबसे करीबी विनायक के नाम की है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कि विनायक पिछले 15 सालों से भय्यू महाराज के साथ रहता था। उसे भैय्यू का सबसे करीबी माना जाता है। सुसाइड नोट के दूसरे पन्ने में भैय्यू ने अपने आश्रम, प्रॉपर्टी और वित्तीय शक्तियों की सारी जिम्मेदारी विनायक को दी है।
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कौन थे भय्यूजी महाराज:
साल 1968 में भय्यूजी महाराज का जन्म शुजालपुर के एक किसान परिवार में हुआ था। उऩका असली नाम उदयसिंह देखमुख था। पहले वो फैशन और मॉडलिंग की दुनिया से जुड़े थे लेकिन बाद में उन्होंने सबस छोड़ आध्यातम को अपनाया था। इंदौर में बापट चौराहे पर उनका आश्रम है जहां से वे अपने ट्रस्ट के सामाजिक कार्यों का संचालन करते थे। भय्यूजी महाराज की पहली पत्नी का नाम माधवी था, जिनका निधन साल 2015 में निधन हुआ था। भय्यूजी महाराज और उनकी पहली पत्नी माधवी से एक बेटी है, जिसका नाम कुहू है और वो पुणे में पढ़ाई करती है। इसी साल 30 अप्रैल को भय्यूजी महाराज ने आश्रम में रहने वाली डॉ. आयुषी से दूसरी शादी की थी।