मध्य प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाई जाएगी गीता, रामायण और महाभारत, सीएम शिवराज सिंह ने किया ऐलान
By रुस्तम राणा | Published: January 23, 2023 06:15 PM2023-01-23T18:15:12+5:302023-01-23T18:15:12+5:30
राजधानी भोपाल में विद्या भारती द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, प्रदेश में बच्चों को रामायण, महाभारत, वेद, उपनिषद पढ़ाए जाएंगे।
भोपाल: बीजेपी शासित राज्य मध्य प्रदेश के विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को गीता, रामायण, महाभारत एवं अन्य धार्मिक किताबें पढ़ाई जाएंगी। सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका ऐलान किया है। राजधानी भोपाल में विद्या भारती द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, प्रदेश में बच्चों को रामायण, महाभारत, वेद, उपनिषद पढ़ाए जाएंगे। उन्होंने कहा ये किताबें व्यक्ति को नैतिक शिक्षा प्रदान करती हैं। साथ ही व्यक्ति परफेक्ट बनता है। इसलिए इन किताबों को राज्य के विद्यालयों में पढ़ाई जाएंगी।
उन्होंने कहा कि विद्यालयों में धार्मिक किताबों को पढ़ाने का उदेश्य छात्र-छात्राओं को नैतिक और परफेक्ट बनाना है। मुख्यमंत्री ने यहां नैतिक शिक्षा और धार्मिक शिक्षा को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि विद्या भारती बच्चों को नैतिक शिक्षा दे रही है। सीएम चौहान ने कहा कि देश में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें हमारी संस्कृति, अध्यात्म, धर्म और महापुरुषों की आलोचना करने में मजा आता है। कुछ लोग इसकी महत्ता को नहीं जानते हैं।
सीएम ने अपने संबोधन में आगे कहा कि ऐसे लोग नहीं जानते हैं कि वे देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस देश को भगवान श्रीराम के बिना नहीं जाना जा सकता है। राम हमारे शरीर के हर हिस्से में हैं। देश में जहां खुशियां हैं वहां भगवान राम का नाम लिया जाता है। जहां दुख है वहां भी राम का नाम लिया जाता है। उन्होंने कहा, जो लोग ऐसे महान व्यक्तित्व की आलोचना करते हैं, उन्हें सहन नहीं किया जाएगा।
Ramayana, Mahabharata, Vedas, Upanishads will be taught to children in the state...There're some people in the country who take pleasure in criticising our culture, spirituality, religion and great men, but they don't now much harm they're causing to the country: MP CM SS Chouhan pic.twitter.com/hjdUNGwkv0
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) January 23, 2023
आपको बता दें कि इससे पहले, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने यह दावा करने के बाद विवाद खड़ा कर दिया था कि रामचरितमानस, रामायण पर आधारित एक महाकाव्य हिंदू धार्मिक पुस्तक, "समाज में नफरत फैलाती है"। नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने रामचरितमानस और मनुस्मृति को समाज को विभाजित करने वाली पुस्तकें बताया था।