भागलपुर गर्ल्स हॉस्टल अधीक्षकः छात्राओं को ट्राउजर पहनने पर रोक, बुर्का पहनकर रहने का आदेश
By एस पी सिन्हा | Updated: September 12, 2021 20:34 IST2021-09-12T20:33:37+5:302021-09-12T20:34:40+5:30
बिहार के भागलपुर का मामला है. अधीक्षक के इस फैसले को लड़कियों ने तालिबानी निर्णय बताया है. अधीक्षक हमेशा बुर्के में रहने को कहती हैं.

अधीक्षक ने गाली या अपशब्द कहने के आरोप को गलत बताया है.
पटनाः बिहार के भागलपुर में स्थित एक अल्पसंख्यक गर्ल्स हॉस्टल की अधीक्षक का तुगलकी फरमान सामने आया है. इसमें कहा गया है कि हॉस्टल में रहने वाली लड़कियां बुर्का पहनेंगी.
हॉस्टल में ट्राउजर पहनकर रहने पर रोक लगा दी गई है. इस तुगलकी फरमान के जारी होने पर गर्ल्स हॉस्टल की छात्राओं ने जबर्दस्त हंगामा किया. लड़कियों ने काफी पत्थरबाजी भी की है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अधीक्षक ने इन्हें हमेशा बुर्के में रहने का आदेश दिया है. अधीक्षक के इस फैसले को लड़कियों ने तालिबानी निर्णय बताया है.
छात्राओं ने हॉस्टल अधीक्षक पर कैंपस के अंदर बुर्का पहनने का फरमान जारी करने पर नाराजगी जताई. छात्राओं का कहना है कि शरिया कानून बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. एक छात्रा का कहना है कि हम जब भी पैंट पहनते हैं तो अधीक्षक छात्राओं को गाली देती हैं. वे हमारे माता-पिता को भी गलत जानकारी देती हैं कि हम लड़कों से बात करते हैं.
अधीक्षक हमेशा बुर्के में रहने को कहती हैं. तालिबान की तरह शरिया कानून लागू करना चाहती हैं. गर्मी में ट्राउजर भी पहनें तो चीखती-चिल्लाती हैं और घरवालों को झूठी जानकारी देती हैं. छात्रा दरख्शा अनवर ने कहा कि उसके पिता पर अपराधी होने का आरोप है तो इसमें उसकी क्या गलती है. मुझे डॉन की बेटी कहकर अधीक्षक हॉस्टल से निकालना चाहती हैं.
वहीं, रिसर्च स्कॉलर नेदा फातिमा ने कहा कि छात्राएं गर्मी में अगर ट्राउजर पहन लेती हैं या किसी स्कूटी वाली छात्रा से बात करती दिख जाती हैं, तब भी अधीक्षक गालियां देने लगती हैं. छात्रा का कहना है कि बिहार में गर्मी के मौसम में बुर्का पहनना आसान नहीं है. इसी वजह से हम कभी-कभी परिसर के अंदर पैंट और टीशर्ट पहन लेती हैं.
जब भी वह किसी छात्रा को पैंट में देखती हैं तो डांटती-फटकारती हैं. इधर, हॉस्टल की अधीक्षक ने कहा कि हॉस्टल में दो बहनें हैं, जिनमें से एक नगमा अनवर अपने पिता के बल पर उठवा लेने की धमकी देती है. हालांकि अधीक्षक ने गाली या अपशब्द कहने के आरोप को गलत बताया है.
वहीं, हंगामे की सूचना पर नाथनगर की सीओ स्मिता झा और पुलिस हॉस्टल पहुंची तब अधीक्षक ने हॉस्टल का ताला खोला. यह मामला अब जिला शिक्षा अधिकारी तक भी पहुंच चुका है. सीओ ने बताया कि हमने छात्राओं और अधीक्षक के बयान ले लिए हैं. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है. हम जल्द जिला शिक्षा अधिकारी को रिपोर्ट सौंपेंगे.