कोलकाताः ममता बनर्जी के गढ़ भवानीपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई हो गई, जहां 30 सितंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होगा।
भाजपा सांसद दिलीप घोष के काफिले पर हमला किया गया। आयोग ने आज भवानीपुर हंगामे को लेकर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने बंगाल सरकार से आज शाम तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि भवानीपुर में भगवा पार्टी की व्यापक पहुंच ने टीएमसी को बेचैन कर दिया है।
उन्होंने कहा कि नेताओं को प्रचार करने से रोकने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने ट्वीट किया, "लेकिन वे कितने लोगों को रोक पाएंगे? भाजपा के नेता निर्वाचन क्षेत्र के हर कोने में फैले हुए हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि जनता बड़ी संख्या में समर्थन के लिए बाहर है।" भवानीपुर में चुनाव प्रचार का आज आखिरी दिन है।
मुर्शिदाबाद जिले की समसेरगंज और जंगीपुर सीटों पर चुनाव के साथ 30 सितंबर को उपचुनाव होगा, जहां इस साल की शुरुआत में आठ चरणों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान नहीं हो सका था। भवानीपुर की रहने वाली बनर्जी को अपने पद पर बने रहने के लिए जीत की दरकार है। उन्होंने 2011 से पिछले दो विधानसभा चुनावों में भवानीपुर से चुनाव लड़ा है।
पश्चिम बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में माकपा के उम्मीदवार श्रीजीब बिस्वास की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास की ओर जाने वाली सड़क पर प्रचार करने से रोके जाने पर पुलिस के साथ झड़प हो गई।
बिस्वास के साथ गए माकपा के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि उन्हें इलाके के मतदाताओं के बीच प्रचार करने का पूरा अधिकार है, लेकिन पुलिस उन्हें गैरकानूनी तरीके से रोक रही है। एक ओर माकपा नेताओं और समर्थकों ने तर्क दिया कि उनके पास आवश्यक अनुमति है, तो दूसरी ओर पुलिस ने कहा कि केवल उम्मीदवार और चार अन्य लोग नियमों के अनुसार एक साथ सड़क पर प्रवेश कर सकते हैं।