पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर आरोप लग रहा है कि सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से वे कट मनी या कमीशन के रूप में उगाही करते हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 12 गावों के लोगों ने बातचीत में बताया कि उन्हें केंद्र सरकार की उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस कनेक्शन से लेकर ममता बनर्जी सरकार द्वारा अंतिम संस्कार के लिए दी जाने वाली 2000 रुपये की आर्थिक मदद पाने तक के लिए टीएमसी नेताओं को कमीशन देना पड़ता है। अंतिम संस्कार के लिए पंश्चिम बंगाल सरकार समबाथी नाम की योजना चलाती है।
इंडियन एक्सप्रेस ने पूर्वी बर्धमान, बीरभूम, हुगली, मालदा, मुर्शिदाबाद, कूचबिहार और उत्तरी दिनजापुर जैसे ग्रामीण इलाकों में लोगों से बातचीत की।
23 वर्षीय ममोनी सरदार नाम की महिला ने बताया कि उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस कनेक्शन लेने के लिए उसने टीएमसी नेता को 550 रुपये दिए थे। ममोनी ने बताया, ''मुझे लगा कि यह कनेक्शन की कीमत थी। बाद में पता चला कि मुझे पैसे देने की जरूरत नहीं थी। मुझे बहुत गुस्सा आया। अब मुझे पैसा वापस चाहिए।''
ममोनी अब टीएमसी नेताओं द्वारा ठगी गई महिलाओं के एक समूह का हिस्सा है जो अपने 500-600 रुपये वापस चाहती हैं। वहीं, इन महिलाओं से उगाही करने वाले टीएमसी नेता सुभाष बिस्वास और शिखा मजूमदार फरार बताए जा रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीणों ने बताया कि रसोई गैस के लिए 500-600 रुपये की कमीशन खोरी टीएमसी नेता करते हैं तो वहीं, बंगलार बारी (प्रधानमंत्री आवास योजना) के तहत घर बनाने के लिए सरकार एक लाख बीस हजार रुपये से लेकर एक लाख पैंतीस हजार रुपये तक देती है। योजना का लाभ लेने के लिए दस से पच्चीस हजार रुपये तक कमीशन देना पड़ता है।
निर्माण बांग्ला (स्वच्छ भारत अभियान-ग्रामीण) के तहत शौचालय बनाने के लिए सरकार 12 हजार रुपये तक की मदद देती है लेकिन योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी को 900 से 2000 रुपये कट मनी देनी पड़ती है।
मनरेगा योजना के हर जॉब कार्ड होल्डर को प्रत्येक दिन 20 से 40 रुपये तक देने पड़ते हैं। लाभार्थी के खाते में पैसा पहुंचने पर सुपरवाइजर कमीशन ले लेता है।
टीएमसी का कहना है कि पार्टी के महज 0.1 फीसदी नेता ही ऐसी गतिविधियों में लिप्त हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई का चाबुक चल चुका है। पार्टी ने लोगों की शिकायतें सुनने के लिए एक विशेष सेल भी शुरू की है।
टीएमसी नेताओं पर लग रहे ये आरोप सूबे में बीजेपी के लिए राजनीतिक फायदे के मौके के रूप में आ रहे हैं। वहीं, टीएमसी भी अपना बचाव करते हुए बीजेपी पर पलटवार कर रही है। वहीं, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने नेताओं को साफ निर्देश दे चुकी हैं कि अगर उनके पास जनता का पैसा है तो उसे वापस लौटाएं। सीएम की इस बात पर ठगी गई जनता ने अपना पैसे मांगना शुरू कर दिया है।