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बंगाल के राज्यपाल और कुलाधिपति धनखड़ ने बुलाई बैठक, राजभवन नहीं आए 20 विश्वविद्यालयों के कुलपति

By भाषा | Updated: January 13, 2020 20:38 IST

बैठक में आमंत्रित कुलपतियों में से एक ने कहा कि उनकी कुछ अन्य प्रतिबद्धताएं थीं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे राज्यपाल व राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति की ओर से पत्र मिला था लेकिन कुछ अन्य प्रतिबद्धताओं के कारण मैं उसमें शामिल नहीं हो सका। मेरी जानकारी के अनुसार आज सुबह 11 बजे बुलाई गई बैठक में कोई भी कुलपति नहीं पहुंचा।’’

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ठळक मुद्देउच्च शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क नहीं हो सका। सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में करीब 20 राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालय हैं।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ सोमवार को होने वाली राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक में शामिल होने के लिए कोई भी राजभवन नहीं पहुंचा।

बैठक में आमंत्रित कुलपतियों में से एक ने कहा कि उनकी कुछ अन्य प्रतिबद्धताएं थीं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे राज्यपाल व राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति की ओर से पत्र मिला था लेकिन कुछ अन्य प्रतिबद्धताओं के कारण मैं उसमें शामिल नहीं हो सका। मेरी जानकारी के अनुसार आज सुबह 11 बजे बुलाई गई बैठक में कोई भी कुलपति नहीं पहुंचा।’’

उच्च शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क नहीं हो सका। लेकिन सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में करीब 20 राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालय हैं लेकिन किसी के भी कुलपति बैठक में नहीं पहुंचे। यादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक एसोसिएसन (जुटा) के एक पदाधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालय और कॉलेज (प्रशासन एवं नियमन) कानून, 2017 पारित होने के बाद किसी भी कुलपति को किसी बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहले उच्च शिक्षा विभाग से अनुमति लेनी होगी। 

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने विधानसभा में पारित होकर उनके पास मंजूरी के लिए आए दो विधेयकों पर चर्चा के लिए सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित सभी दलों को 17 जनवरी को मिलने को बुलाया है।

लेकिन जहां माकपा के सुजान चक्रवर्ती ने कुछ और काम बताकर उस दिन आने से इंकार कर दिया है, वहीं कांग्रेस के शामिल होने पर संशय है। हालांकि भाजपा के दिलीप घोष ने इसका स्वागत करते हुए शामिल होने की बात कही है।

बैठक में शामिल होने के संबंध में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अब्दुल मन्नान का कहना है कि बैठक से एक दिन पहले वह किसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली में मौजूद होंगे, ऐसे में बैठक में हिस्सा लेने के बारे में वह केन्द्रीय कमान से सलाह करके फैसला लेंगे। इससे पहले राज्यपाल ने 30 अगस्त, 2019 को राज्य विधानसभा में पारित दो विधेयकों पश्चिम बंगाल (लिचिंग निरोध) विधेयक, 2019 और पश्चिम बंगाल राज्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग विधेयक, 2019 पर ‘मार्गदर्शन’ और आगे का रास्ता तलाशने के लिए 17 जनवरी को बैठक बुलाने की बात कही थी।

धनखड़ ने ट्वीट किया, ‘‘मुख्यमंत्री, मैंने विधानसभा में विभिन्न पार्टियों के विधायक दल के नेताओं को 17 जनवरी, 2020 को दोपहर 12 बजे कोलकाता के राजभवन आमंत्रित किया है, उनसे पश्चिम बंगाल (लिचिंग निरोध) विधेयक, 2019 और पश्चिम बंगाल राज्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग विधेयक, 2019 पर चर्चा करनी है।’’ मुख्यमंत्री बनर्जी के अलावा राज्यपाल ने बैठक में आमंत्रित करते हुए मन्नान, चक्रवर्ती और आरएसपी, एआईएफबी, भाकपा, जीजेएम और भाजपा को भी पत्र भेजा है।

टॅग्स :पश्चिम बंगालममता बनर्जीकोलकातामोदी सरकार
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